कोपर्डी में बच्ची के बलात्कार के बाद हत्या करने वाले तीनों आरोपियों को फांसी की सजा
वहशियों ने बच्ची का बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या करने से पहले उसके पूरी शरीर को बुरी तरह जख्मी किया था। यहां तक कि उसके हाथ—पैर तोड़ दिये थे...
अहमदनगर से रामदास तांबे की रिपोर्ट
पूरे महाराष्ट्र को हिलाकर रख देने कोपर्डी बलात्कार के बाद हत्या मामले में आज कोर्ट ने मुजरिमों के लिए फांसी की सजा मुकर्रर की है। महाराष्ट्र की राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी थी इस मसले ने।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के कोपर्डी गांव में 13 जुलाई, 2016 में एक 15 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ बर्बरता से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में तीन लोग आरोपी थी। आज 29 नवंबर को इस मामले में फैसला सुनाते हुए जिला सत्र न्यायालय ने मौत की सजा सुनायी है।
अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश सुवर्णा केवले ने इस मामले में सुनवाई करते हुए बलात्कार के बाद नाबालिग लड़की का बेरहमी से कत्ल करने वाले जितेन्द्र बाबुलाल शिंदे, संतोष गोरख भवाल और नितिन गोपीनाथ भाईलुमे को मौत की सजा सुनाई।
इस मसले पर विशेष सरकारी अभियोजक उज्जवल निकम ने मांग की थी कि समाज में ऐसे जघन्य कांड फिर न दोहराए जाएं, इसलिए इस मामले में तीनों आरोपियों को मौत की सजा मिलनी जरूरी है। हालांकि बचाव पक्ष के वकील ने आरोपियों के लिए आजीवन कारावास की मांग की थी।
गौरतलब है कि इस मसले ने राज्यभर में सामाजिक संगठनों को आंदोलन करने को मजबूर कर दिया था। मराठा क्रांति मोर्चा ने आरोपियों को फांसी से कम की सजा न हो इसके लिए राज्यभर में जुलूस निकाले थे।
घटना को लेकर मराठा समुदाय ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किए थे। मराठा समुदाय के विरोध प्रदर्शन और कांग्रेस, राकांपा सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने इस मसले पर आरोपियों को सजा न दिए जाने पर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के इस्तीफे की मांग तक कर डाली थी।
सुनवाई में बलात्कार के बाद मौत के घाट उतार दी गई 9वीं की छात्रा के परिजन भी मौजूद थे, साथ ही भारी संख्या में भीड़ भी कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही थी।
आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने पर बलात्कार के बाद मारी गई नाबालिग बच्ची की मां ने इस मसले पर न्याय के लिए सरकार, पुलिस, न्यायपालिका और मराठा समुदाय को धन्यवाद दिया। मीडिया से बात करते हुए विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने बताया कि इस मसले पर सुनवाई के दौरान आरोपियों के खिलाफ 31 गवाही के अलावा 24 परिस्थितिजन्य सबूत भी कोर्ट में पेश किए गए थे।
पुलिस ने इस मामले की जांच के बाद बताया था कि आरोपी वहशियों ने बच्ची का बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या करने से पहले उसके पूरी शरीर को बुरी तरह जख्मी किया था। यहां तक कि उसके हाथ—पैर तोड़ दिये थे।
जनता के उद्वेलित होने के बाद सरकार ने नाबालिग रेप केस के बाद हुई हत्या केस में वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम को अभियोजन पक्ष का वकील बनाया था। गौरतलब है कि निकम 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले सहित कई ख्यात मामलों में वकील रह चुके हैं। जुलाई 2016 में घटित इस घटना के बाद अहमदनगर पुलिस ने 7 अक्तूबर को आरोपियों के खिलाफ जांच के बाद मामला दर्ज किया था।