यूपी में गरीबी से तंग आकर महिला ने अपनी 4 बेटियों समेत जहर खाकर दी जान
मकान का दरवाजा 4 दिनों से था बंद, जब पड़ोसियों को परिवार के लोग नहीं दिखाई दिये बाहर और बन्द पड़े मकान से बदबू आई तो पुलिस को किया सूचित, पुलिस दरवाजा तोड़कर पहुंची तो खुलासा हुआ इस जघन्य कांड का...
मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार, फतेहपुर। आज देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब देश का लुभावना बजट पेश कर रही थीं, तो दूसरी तरफ एक मां और 4 बेटियों की लाशें बाहर निकाली जा रही थीं। यह घटना यूपी के फतेहपुर की है, जहां गरीबी से तंग आकर एक मां ने जहर खाकर अपनी और अपने 4 बच्चों की जान ले ली।
केंद्र की मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जनहित की कितनी भी योजनाएं कागजों पर भले ही चला रहे हों, पर इतर इसके सच्चाई कुछ और ही देखने सुनने को मिलती दिखती है। अमीर और अमीर हो रहा है तो गरीब दो वक्त की रोटी से हारकर अपनी जान दे रहा है। शराब के ठेके राजस्व के लालच में अब अपने समय से अधिक पहले खुलकर देर से बन्द होने का नियम चलाने की बात हो रही है, जिससे सरकार को और अधिक राजस्व प्राप्त हो सके।
जनपद फतेहपुर मुख्यालय एरिया के शांति नगर फायर स्टेशन के पीछे एक घर में पांच लोगों के शव मिलने से हड़कंप मच गया। सभी एक ही परिवार के सदस्य थे। पिछले 4 दिनों से बन्द पड़े मकान से बदबू आने पर पडोसियों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़कर पांचों शवों को बाहर निकाला।
गौरतलब है कि फतेहपुर मुख्यालय क्षेत्र के शांतिनगर में रामभरोसे अपनी पत्नी व चार बेटियों समेत रहता था। रामभरोसे एक ढाबे में कामकाज कर अपना व घर का खर्च चला रहा था। पड़ोसी कहते हैं रामभरोसे शराब का लती था, जिसकी कमाई का आधे से ज्यादा उसकी शराब में ही चला जाता था। उसके बाद 6 लोगों का परिवार आधा अधूरा पेट भरकर रहता सोता था। पति की शराबखोरी के चक्कर में पति पत्नी का आपस में विवाद आये दिन होता रहता था।
पड़ोसियों के मुताबिक रोज रोज के झगड़ों और बेहाल जिंदगी से तंग आकर रामभरोसे 4 महीने पहले घर छोड़कर चला गया। उसकी पत्नी श्यामा ने चार महीने तक किसी तरह अपना व अपने बच्चों का पेट पाला। पति रामभरोसे जब 4 महीने बाद एक बार फिर जब वापस घर आया तो दोनों पति पत्नी में विवाद हुआ, जिसके चलते रामभरोसे फिर घर से चला गया। इसी घटना के बाद महिला ने अपने चारों बेटियों सहित जहर खाकर जान दे दी।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के आलाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल शुरू कर दी। पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है। पुलिस का अनुमान है कि चारों बेटियों को जहर खिलाने के बाद श्यामा ने खुद भी जहर खाकर आत्महत्या कर ली। लोगों ने बताया की मृतक महिला का पति रामभरोसे एक ढाबे पर काम करता है, साथ ही वह नशे का लती है।
मां और 4 लड़कियों ने गरीबी के चलते जहर खाकर दी जान तो घटनास्थल पर पहुंची पुलिस और तमाशा देखते लोग
पुलिस को प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया चार दिन पहले पति पत्नी में विवाद हुआ था। इसके बाद से महिला का पति रामभरोसे गायब चल रहे थे। मकान का दरवाजा भीतर से बंद था। जब परिवार के लोग बाहर नहीं दिखाई दिए, इसके अलावा बन्द पड़े मकान से बदबू आने पर पडोसियों ने पुलिस को सूचना दी।
सूचना पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिसकर्मियों ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर का नजारा देख दंग रह गए। एक के बाद एक जहां तहां कई शव पड़े हुए थे। इसके बाद सूचना पर पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, सीओ सिटी, एसडीएम सदर सहित अन्य बड़े अधिकारियों का पहुंचना शुरू हो गया तथा मामले को हर एंगल से जोड़कर जांच पड़ताल जारी है।
प्रभारी निरीक्षक रविन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि रामभरोसे की 42 वर्षीय पत्नी श्यामा, 20 सयाल की बेटी पिंकी, 15 वर्षीय प्रियंका, 9 साल की ननकी और 12 साल की वर्षा के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गया है। पुलिस का कहना है कि कमरे में जहर की पुड़िया भी मिली है। दरवाजा अंदर से बंद होने की वजह प्रथमदृष्टया आत्महत्या का मामला लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। पुलिस ने बच्चों के पिता रामभरोसे को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
पूरे परिवार के इस तरह खत्म हो जाने पर रामभरोसे का कहना है कि उसकी पत्नी श्यामा अक्सर उससे झगड़ा करती रहती थी। परिवार में चार बेटियां थीं। वह ढाबे में काम करके बमुश्किल अपने परिवार का खर्च चला रहा था। एक बार झगड़ा हुआ तो रामभरोसे चार महीने बाद लौटकर घर आया था। घर आते ही पति पत्नी में फिर से विवाद हो गया। रामभरोसे ने बताया कि पत्नी ने तब उसे जहर खाकर जान देने की बात कही थी, जिसके बाद रामभरोसे फिर घर छोड़करचार दिन पहले चला गया था। आज पुलिस और पड़ोसियों के माध्यम से मेरे पूरे परिवार द्वारा जहर खाकर मरने की बात पता चली।