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दो साल पहले दलित मजदूर ने किया था बेगारी करने से इनकार, अब दबंगों ने खुले में शौच के नाम कर दी उसके परिवार के दो बच्चों की हत्या

Prema Negi
25 Sept 2019 10:10 PM IST
दो साल पहले दलित मजदूर ने किया था बेगारी करने से इनकार, अब दबंगों ने खुले में शौच के नाम कर दी उसके परिवार के दो बच्चों की हत्या
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दलित जाति से ताल्लुक रखने वाले दोनों मासूम बच्चों को उस समय लाठियों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया, जब आज सुबह दोनों शौच के लिए खेत में गये हुए थे...

जनज्वार। हमारा देश किस मामले में कितनी प्र​गति कर रहा है, यह तो पता नहीं, मगर नृशंसता, हैवानियत में जरूर कीर्तिमान स्थापित करता जा रहा है। हैवानियत का शिकार बूढ़े, बच्चे, जवान सभी हो रहे हैं। जाति के आधार पर होने वाला उत्पीड़न भी लगातार बढ़ता जा रहा है।

लितों के साथ हुई हैवानियत का ऐसा ही एक रूह तक को कंपकंपा देने वाला मामला आज 25 सितंबर को मध्य प्रदेश के शिवपुरी ​जनपद के सिरसौद थाना क्षेत्र के भावखेड़ी गांव में सामने आया है। यहां पंचायत भवन के सामने खुले में शौच कर रहे दो दलित बच्चों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी।

स मामले में एक मृतक अविनाश बा​ल्मीकि के पिता मनोज बा​ल्मीकि कहते हैं, 'दो साल पहले मेरी हमारे बच्चों के हत्यारों से बहस हुई थी और उन्होंने मुझे जातिसूचक गालियां देते हुए जान मारने की धमकी दी थी। इसके अलावा वे चाहते थे कि मैं कम पैसे में उनके लिये बेगारी करूं। मेरा बेगार से मना करने पर अब उन्होंने हमारे बच्चों की हत्या कर दी।'

मृतकों की पहचान 12 वर्षीय रोशनी बाल्मीकि और उसके 11 वर्षीय भतीजे अविनाश बाल्मीकि के रूप में की गयी है। मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि बाल्मीकि समाज से ताल्लुक रखने वाले इन दोनों मासूम बच्चों को उस समय लाठियों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया, जब आज सुबह दोनों शौच के लिए खेत में गये हुए थे।

स नृशंस हत्याकांड पर सिरसौद पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक आरएस धाकड़ हते हैं, यह मामला भावखेड़ी गांव में आज बुधवार 25 सितंबर को सामने आया है। पुलिस ने बच्चों की हत्या करने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर नाबालिगों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए शिवपुरी भेज दिया है। दो मासूमों के हत्याकांड के बाद गांव में भारी तनाव व्याप्त है। तनाव को देखते हुए किसी अनहोनी से डरकर प्रशासन ने यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है।

मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक हत्यारों ने पुलिस के सामने यह भी ​बयान दिया कि उन्होंने इस घटना को अंजाम भगवान के आदेश पर दिया है। पुलिस द्वारा हत्या का कारण पूछने पर हत्यारोपी हाकिम यादव ने पुलिस को बताया कि मुझे रात में सपना आया था, जिसमें भगवान ने कहा कि राक्षसों का संहार करना है, तो मैंने कर दिया। इस हत्याकांड में हाकिम यादव के साथ उसका भाई रामेश्वर यादव भी शामिल था।

च्चों की इतनी निर्ममता से हत्या किये जाने पर बसपा ने केंद्र की मोदी और राज्य की कांग्रेस सरकार दोनों पर निशाना साधते हुए जल्द से जल्द हत्यारों को फांसी पर लटकाने की मांग की है।

पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला है कि बच्चों की हत्या में दो लोग हाकिम यादव और उसका भाई रामेश्वर यादव शामिल थे। लाठियों से बुरी तरह पीटे जाने के कारण बच्चों के सिर पर गंभीर चोटें आई थीं। दोनों बच्चों को जिला अस्पताल ले जाया गया था, मगर वहां उपचार से पहले ही डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।

हीं इस मामले में मारे गये बच्चों के परिजनों का कहना है कि हमारे बच्चों को आज 25 सितंबर की सुबह करीब साढ़े छह बजे ​हाकिम यादव और उसके भाई रामेश्वर यादव ने बुरी तरह पीटा था। मृतक अविनाश बाल्मीकि के पिता मनोज बाल्मीकि कहते हैं कि दलित होने के कारण उन्हें निशाने पर लिया गया। उनका गांव यादव बहुल है और गांव में उनके साथ जातिगत आधार पर हमेशा से भेदभाव किया जाता रहा है।

स मामले में पुलिस ने दोनों हत्यारोपियों पर हत्या और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज की है।

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