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आंदोलन

उबर कैब ने अपने हजारों ड्राइवरों के साथ किया करोड़ों का टोल टैक्स घोटाला

Prema Negi
8 Sep 2019 2:54 AM GMT
उबर कैब ने अपने हजारों ड्राइवरों के साथ किया करोड़ों का टोल टैक्स घोटाला
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उबर कैब ने टोल टैक्स की फर्जी पर्ची काट अपने हजारों ड्राइवरों के साथ किया करोड़ों का एमसीडी घोटाला, पर अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई, न दर्ज हुई इस फर्जीवाड़े के खिलाफ एफआईआर...

जनज्वार, दिल्ली। भारत की सबसे प्रसिद्ध कैब कंपनी 'उबर' के फ्रॉड का मामला सामने आया है। उबर के साथ काम करने वाले हजारों ड्राइवरों ने हरियाणा के गुड़गांव में उबर के मुख्यालय पर प्रदर्शन कर आरोप लगाया है कि उबर एक चोर कंपनी है और उसपर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। ड्राइवरों ने माना है कि उनके साथ कंपनी ने ठगी की है और उसके अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

बर ने कुछ दिन पहले अपने ड्राइवरों को कुछ दिन पहले मोबाइल में संदेश भेजा कि आपलोग उबर के गुड़गांव मुख्यालय से दिल्ली एमसीडी के 3 हजार के पास को 2700 में ले सकते हैं। कंपनी ड्राइवरों के लिए विशेष आॅफर चला रही है। 300 रुपए बचत होती देख हजारों ड्राइवरों ने कंपनी के आॅफिस से ये पास लिए। लेकिन पास लिए दो—चार दिन भी नहीं बीते कि वे दिल्ली से हरियाणा और उत्तर प्रदेश प्रवेश के टोल टैक्स गेटों पर बेइज्जत और चारसौ बीस साबित होने लगे।

बर के ड्राइवर सुरेश कुमार बताते हैं, 'उबर के फ्रॉड का खुलासा तब हुआ जब एमसीडी ने देखा कि इस महीने उसके पास इतने कम क्यों बिके,जबकि गाड़ियों की संख्या में कोई कमी तो आई नहीं। ऐसे में एमसीडी अधिकारियों ने टोल टैक्स गेटों पर व्यावसायिक कैब ड्राइवरों के पास चेक करने शुरू किए, तब पता चला कि उबर के ड्राइवरों के पास जो मासिक पास हैं, वह फर्जी हैं। उनका क्यूआर कोड एक ही है।'

बर ने यह घोटाला कैसे किया, वह खुद को इस मामले में कितना जिम्मेदार मानती है, ड्राइवर इसके झांसे में कैसे आए, उसने 3 रुपए कम में पास देना कैसे शुरू कर दिया, आदि मसलों के तह तक जाने के लिए जनज्वार ने उबर के ड्राइवरों से संपर्क किया। इस मामले में ज्यादतर ड्राइवरों ने मीडिया के सामने आने से मना किया, पर हमें उदय कुमार नाम के ड्राइवर मिले, जिन्होंने उबर के फ्रॉड का पूरा कच्चा चिट्ठा खोल दिया।

ड्राइवर उदय कुमार से अजय प्रकाश की बातचीत

आरोपों के मद्देनजर उबर कैब कंपनी से संपर्क करने की कोशिश की गयी तो किसी तरह का मीडिया के सवालों के लिए न उनका नंबर मिला न ही ईमेल। ऐसे में हम उन्हें ट्ववीटर पर टैग कर रहे हैं, अगर उनका जबाव आया तो हम इसे रिपोर्ट में संलग्न कर लेंगे।

दूसरी तरफ इस मामले में बजाय उबर के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने के ड्राइवरों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर 5 उबर टैक्सी ड्राइवरों को फर्जी टोल टैक्स रसीद रखने के जुर्म में जेल भेज दिया गया है। 5 ड्राइवरों को धारा 420, 467, 120 बी के तहत जेल भेजा गया है। उबर की वेंडर कंपनी पर भी कल 7 सितंबर को ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है।

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