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राजनीति

'मोदी सरकार की लड़ाई कोरोना की बीमारी से है, बीमार आदमी से नहीं'

Prema Negi
28 April 2020 7:57 AM GMT
मोदी सरकार की लड़ाई कोरोना की बीमारी से है, बीमार आदमी से नहीं
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पिछले तीन दिनों का डाटा देखें तो कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या अब दस दिनों में दुगुनी हो रही है..लगातार आंकड़े बेहतर हो रहे हैं। हम सभी मिलकर काम कर रहे इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में...

कमलेश सिंह

जनज्वार। केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा है कि केन्द्र सरकार कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में किसी भी तरह की कोई कमी नही होने देगी। इसके लिये केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को पीपीई, टेस्टिंग किट, मास्क, दवाइयां लगातार उपलब्ध कराई जा रही हैं। केन्द्र कोरोना वायरस के विरुद्ध जंग में केंद्र सरकार हरसंभव मदद पूरा कर रही है।

आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री जी के दिशा निर्देशन एवं मार्गदर्शन में अभी तक जो कदम उठाए हैं, उसके बेहतर एवं सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्य देशों की तुलना में अगर हम बात करें तो दूसरे देशों में जहां तेजी से कोरोनावायरस का संक्रमण फैला, वहीं भारत में संक्रमण का दर है काफी कम है। यह संभव हुआ समय पर लॉक डाउन लगाने की वजह से।

न्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता की वजह से और जिस समय भारत में 600 के करीब मामले थे, तब लॉकडाउन लगा। समय पर लॉक डाउन लगाये जाने की वजह से संक्रमण का दर काफी कम हुआ। इसकी प्रशंसा आज पूरा विश्व कर रहा है। हमने समय पर भारत में सभी एहतियाती कदम उठाए।

केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि यह सतत निगरानी और लॉकडाउन का ही प्रभाव है कि पिछले 28 दिनों से आज देश मे 16 जिलों में कोरोना का एक भी मामला नहीं देखने को मिला है जबकि इन जिलों में पहले मामले देखे गए थे। 24 अप्रैल के बाद इनमें 3 और नए जिले जुड़ गये हैं। महाराष्ट्र का गोंदिया, कर्नाटक के देवेनगरी और बिहार का लखीसराय जिला इस फेहरिस्त में जुड़ गया है। कुल मिलाकर देखें तो देश के 85 जिलों में पिछले 14 दिनों में एक भी कोरोना मामला सामने नहीं आया है।

लेकिन इस सबके बावजूद हमें सजग रहने की जरूरत है। उनका कहना था कि देश के दो जिले ऐसे भी हैं, जहाँ पिछले 28 दिनों में कोरोना का मामला नहीं था, लेकिन उन जिलों में कोरोना के मामले दर्ज किए गये। इसलिए हमें निगरानी अभी और भी सख्त रखना होगा।

केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि सोमवार 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में राज्यों को साफ साफ कहा कि 'सजग रहें, सतर्क रहें' प्रधानमंत्री ने राज्यों से कहा कि हमको वायरस के चेन को तोड़ना होगा। रेड जोन और ऑरेंज जोन को इस से निकालना होगा। इसलिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का भी ध्येय है कि हमको रेड जोन को ऑरेंज जॉन में और ऑरेंज जोन को ग्रीन जोन में तब्दील करना है। उन्होंने कहा की केंद्र सरकार की लड़ाई बीमारी से है, न की बीमार आदमी से।

केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार हर राज्य को हर संभव मदद किया जा रहा है। किसी के साथ कोई भेदभाव नही हो रहा है। सभी राज्यों को आवश्यक मेडिकल उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। देश में किसी भी तरह के संसाधनों की कमी नहीं है। मौजूदा समय में राज्यों को हर तरह की मदद पहुंचाई जा रही है।

ई राज्यों द्वारा टेस्ट किट की शिकायत किये जाने के मसले पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक हुई थी। निश्चित रूप से शिकायत आयी थी, लेकिन बहुत सारे राज्यों ने टेस्ट किट की तारीफ भी की थी। जहां तक टेस्ट किट की शिकायत है, उसके लिए आईसीएमआर ने राज्यों को दिशा निर्देश दे दिये हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी। केन्द्र सभी राज्यों को अच्छे किट उपलब्ध करायेगी। जो खराब टेस्ट किट पाये गये हैं, उस पर सरकार का एक भी पैसा खर्च नहीं होगा।

पिछले तीन दिनों का डाटा देखें तो कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या अब दस दिनों में दुगुनी हो रही है..लगातार आंकड़े बेहतर हो रहे हैं। हम सभी मिलकर काम कर रहे इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में।

प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए अश्विनी चौबे ने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को जब जनवरी के पहले सप्ताह में नोवल कोरोनावायरस के बारे में पता चला तो , बिना एक दिन भी समय गवाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में तैयारियां शुरू कर दी गई थी। एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग के साथ साथ उनकी नियमित मॉनिटरिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। मंत्रिमंडल समूह का गठन हुआ। राज्यों के साथ लगातार संपर्क में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन जी से लेकर सभी अधिकारी गण प्रतिदिन रहने लगे।

प्रतिदिन स्वास्थ्य मंत्रियों से एवं स्वास्थ्य सचिवों से बातचीत होती थी। लगातार महत्वपूर्ण कदम उठाए गए जिससे भारत में नोवल कोरोनावायरस के संक्रमण को काफी हद तक रोकने में सफलता प्राप्त हुई। आगे को भी ध्यान में रखकर कदम उठाए गए हैं। लगातार केंद्र सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर हर संभव मदद उपलब्ध कराया जा रहा है। नियमित अंतराल पर समीक्षा होती है । देश के सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं स्वास्थ्य सचिवों से बातचीत होती है। उनसे फीडबैक लिया जाता है।

न्होंने कहा स्वास्थ्य मंत्रालय सजग एवं सतर्क है। हर पहलू की प्रतिदिन समीक्षा होती है। सभी राज्यों से संपर्क किया जाता है वहां की स्थिति से अवगत हुआ जाता है। शुक्रवार को इसी सिलसिले में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉक्टर हर्षवर्धन जी और मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों से बात की थी। हमको विश्वास है कि भारत निश्चित तौर पर सभी के सहयोग से कोरोना के विरुद्ध जंग को जीतेगा।

विपक्ष द्वारा लॉक डाउन पर सवाल उठाये जाने पर केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा अब तो विशेषज्ञ भी यह मानते हैं कि लॉक डाउन एक कारगर कदम है जो संक्रमण फैलने से रोकता है। मौजूदा समय आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है। एक साथ मिलकर कोरोना के विरुद्ध सफलतापूर्वक जंग जीतना है। इसी में केंद्र एवं राज्य सरकारें लगी हुई हैं।

न्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग, केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशा निदेशरें का नियमित रूप से पालन करने कहा है। इस से ही इस संक्रमण के चेन को हम तोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि देशवासियों में काफी जागरूकता आई है उस जागरूकता को बनाए रखने की आवश्यकता है। इस लड़ाई को हम सभी जैसा प्रधानमंत्री जी कहते हैं संकल्प, संयम, धैर्य अनुशासन से जीत सकते हैं। इसे हम सभी को आगे भी जारी रखना होगा। भारत सरकार की स्वास्थ्य नीति सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया पर आधारित है। हम इसी को आधार मानकर कार्य करते हैं कि सभी निरोगी हो, सभी का कल्याण हो।

गौरतलब है कि अश्विनी चौबे बिहार के बक्सर से दूसरी बार लगातार सांसद हैं। इससे पहले वो मोदी सरकार पार्ट1 में भी स्वास्थ्य राज्य मंत्री थे। चौबे बिहार के भागलपुर से पांच बार के विधायक रहे हैं। नीतीश सरकार में भी वो बिहार के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं।

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