भारत की जीडीपी पहुंच सकती है छह साल में सबसे न्यूनतम स्तर पर, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
डब्ल्यूईएसपी स्टडी रिपोर्ट ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाया, चालू वित्त वर्ष 2019-20 में 7.6 प्रतिशत नहीं बल्कि 5.7 प्रतिशत रह सकती है जीडीपी विकास दर..
जनज्वार। संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना 2020 (डब्ल्यूईएसपी) की स्टडी के मुताबिक भारत की चालू वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत तक सिमट सकती है।
डब्ल्यूईएसपी की स्टडी रिपोर्ट 2020 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर में है। इससे पहले बीते साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने वित्त वर्ष 2019-20 में 7.6 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया था।
स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक कुछ अन्य उभरते देशों में जीडीपी वृद्धि दर में इस साल कुछ तेजी आ सकती है। पिछले साल वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर सबसे कम 2.3 प्रतिशत रहने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने यह बात कही। स्टडी के मुताबिक 2020 में 2.5 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है। लेकिन व्यापार तनाव, वित्तीय उठापटक या भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने चीजें पटरी से उतर सकती हैं।
स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.7 फीसदी तक रह सकती है। जबकि डब्ल्यूईएसपी 2019 में इसके 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।
वहीं अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया जबकि पूर्व में इसके 7.4 फीसदी रहने की बात कही गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष में 6.8 फीसदी रही थी।
वहीं विश्व बैंक ने भी भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाया था। विश्व बैंक के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-2020 में भारत की जीडीपी में बढ़त दर सिर्फ 5 प्रतिशत तक रह सकती है। इसके बाद अगले वित्त वर्ष में भी भारत के जीडीपी में सिर्फ 5.8 प्रतिशत बढ़त का अनुमान है। विश्व बैंक के ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का कर्ज वितरण कमजोर बना हुआ है।