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सरकार ने अदालत को बताया जिम कार्बेट पार्क क्षेत्र में 44 रिसोर्ट और होटल वालों का अतिक्रमण
राज्य के मुख्य सचिव ने उच्च न्यायालय में पेश हलफनामे में स्वीकारी अतिक्रमण की बात, मगर अतिक्रमण पर सरकार की तरफ से नहीं की गई है कोई कार्रवाई
रामनगर, जनज्वार। 'विश्व प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क की सीमा से लगे हुए 44 रिसोर्टों ने कोसी नदी क्षेत्र और वन भूमि सहित जमकर अवैध अतिक्रमण किया हुआ है' यह बात उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कोर्ट में दायर हलफनामे में स्वीकार की।
दरअसल रामनगर निवासी और हिमालयन युवा ग्रामीण विकास संस्था के अध्यक्ष मयंक मैनाली ने नैनीताल उच्च न्यायालय में वर्ष 2012 में कार्बेट नेशनल पार्क और उससे लगे क्षेत्रों में होटल और रिसोर्टों के अतिक्रमण को लेकर एक जनहित याचिका दायर की हुई थी । जनहित याचिका में कहा था कि रामनगर क्षेत्र में रिसॉर्ट मालिकों ने नियमों को ताक में रखकर कोसी नदी में अवैध तरीके से कब्जा कर निर्माण किया है और अवैध निर्माण लगातार जारी है।
होटल और रिसोर्टों द्वारा वन्य जीवों को हानि भी पहुंचाई जा रही है, साथ ही रिसॉर्ट से निकलने वाले सीवर आदि गंदगी को बिना किसी ट्रीटमेंट के सीधे कोसी नदी में बहाया जा रहा है। इससे कोसी दूषित होती जा रही है। आगे जाकर यही पानी रामनगर शहर समेत कई इलाकों में पेयजल से लेकर सिंचाई के लिए प्रयोग हो रहा है।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से ऐसे रिसॉर्ट मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ ने सरकार से पूछा था कि अब तक अतिक्रमण पर क्या कार्रवाई की गई है, जिस पर बीते दिनों हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को स्वयं वस्तुस्थिति से अवगत करवाने को कहा था।
हाईकोर्ट के इस आदेश से रिसोर्ट कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ था अब राज्य के मुख्य सचिव ने माननीय उच्च न्यायालय को जो हलफनामा दिया है, उसमें मुख्य सचिव ने 44 रिसोर्टों के द्वारा अतिक्रमण की बात स्वीकारी है। इनमें तरंगी, इनफिनीटी, रेंजर्स व्यू रिसोर्ट, मायरिका आनंद वन, क्यारी इन, वाइल्ड क्रैस्ट, टाइगर कैंप, कार्बेट- रामगंगा, साल्यूना रिसोर्ट, वुड कैसल, स्केप कार्बेट, रिवर व्यू रिट्रीट, कार्बेट हाइडवे सहित कई प्रमुख रिसोर्ट शामिल हैं।
उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा उच्च न्यायालय में जिन रिसोर्ट को अवैध अतिक्रमण में लिप्त बताया गया है, उनकी सूची व उनके द्वारा किये गये अवैध अतिक्रमण का ब्यौरा नीचे दिया गया है। इसके अलावा उन्होंने जानकारी दी कि सरकार द्वारा अन्य रिसोर्टों के अवैध अतिक्रमण को चिन्हित कर उसका विस्तृत ब्यौरा तैयार किया जा रहा है।
इन 19 रिसोर्टों को पाया गया है अतिक्रमण में लिप्त, बाकी का किया जा रहा है तैयार ब्यौरा
क्र.सं. | रिसोर्ट का नाम | कब्जे की प्रकृति |
1. | रेंजेज व्यूह बोहराकोट | सरकारी भूमि पर कब्जा |
2. | माइरिका आनन्द वन | सरकारी बंजर भूमि पर कब्जा |
3. | क्यारी इन | सरकारी जमीन पर कब्जा |
4. | तरंगी रिसोर्ट | राजस्व भूमि पर कब्जा |
5. | इनफिनीटी रिसोर्ट | बंजर सरकारी भूमि |
6. | कार्बेट रिवर साइड | वर्ग 3 व 4 की भूमि पर कब्जा |
7. | वाइल्ड क्रस्ट | सरकारी भूमि पर कब्जा |
8. | कार्बेट वाइल्ड रिवर वन्यां | वर्ग 3 की भूमि पर कब्जा |
9. | टाइगर ट्रैक रिसोर्ट | सरकारी बंजर भूमि पर कब्जा |
10. | कार्बेट गेटवे आमोद | वर्ग 4 व सरकारी भूमि पर कब्जा |
11. | कृष्णा रिट्रीट रिसोर्ट | सरकारी भूमि पर कब्जा |
12. | टाइगर कैम्प | सरकारी भूमि पर कब्जा |
13. | कार्बेट रामगंगा रिसोर्ट | वन, नदी, राजस्व आदि भूमि पर कब्जा |
14. | होटल सैल्यूना मरचूला | सरकारी बंजर भूमि पर कब्जा |
15. | रिवर व्यू रिट्रीट | रिजर्व फारेस्ट कोसी रेंज |
16. | कार्बेट हाइडवे | रिजर्व फारेस्ट अपर कोसी रेंज |
17. | कार्बेट रिवर साइड | कोसी रेंज |
18. | वुड केसल | रिजर्व फारेस्ट कोसी रेंज |
19. | स्केप कार्बेट | अपर कोसी रेंज |