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आंदोलन

वकील पर जानलेवा हमला, कार्रवाई के लिए क्या यूपीकोका चाहिए

Janjwar Team
22 Dec 2017 12:24 PM GMT
वकील पर जानलेवा हमला, कार्रवाई के लिए क्या यूपीकोका चाहिए
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पूरा मामला बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील का है, जहां अपराधियों ने सबसे पहले नायब तहसीलदार की अदालत पर न्यायालय संचालन के दौरान एक अधिवक्ता पर ईटों से हमला करने का प्रयास किया...

फरीद आरजू की रिपोर्ट

जिस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा में संगठित अपराध के खिलाफ "यूपी कोका" बिल पेश किया जा रहा था, उसी समय सूबे के बलरामपुर जिले में एक अधिवक्ता को लाठियों से पीट—पीट कर अधमरा कर दिया गया। समाज के एक जिम्मेदार समुदाय के सदस्य अधिवक्ता पर दिनदहाड़े हुए प्राणघातक हमले ने यूपी की कानून व्यवस्था की पोल तो खोली ही, "यूपी कोका" बिल पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।

पूरा मामला बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील का है, जहां अपराधियों ने सबसे पहले नायब तहसीलदार की अदालत पर न्यायालय संचालन के दौरान एक अधिवक्ता पर ईटों से हमला करने का प्रयास किया।

मौके पर मौजूद साथी अधिवक्ताओं के हस्तक्षेप के बाद अपराधी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके। अदालत पर काम निपटाने के बाद शाम को घर जा रहे अधिवक्ता रमेश दत्त चौबे को रास्ते में रोककर अपराधियों ने लाठी—डंडों से इस कदर मारा कि वह मरणासन्न अवस्था में पहुंच गये।

गंभीर रूप से घायल अधिवक्ता को पास के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से चिकित्सकों ने उन्हें जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया।

अधिवक्ता संघ उतरौला के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद वर्मा के मुताबिक घटना की सूचना के तुरन्त बाद संघ की आपात बैठक बुलाई गई। बैठक में दिनदहाड़े अधिवक्ता पर हुए हमले की निन्दा की गई।

संघ के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद वर्मा के मुताबिक हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए सीओ को एक मेमोरेंडम दिया गया है। यदि जल्द आरोपियो की गिरफ्तारी नहीं होती है तो अधिवक्ता संघ आन्दोलन करने को बाध्य होगा। इस सम्बन्ध में जिले के अन्य बार संघों से भी सहयोग मांगा गया है। सीओ इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि आरोपियो के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है, जल्द ही उनको गिरफ्तार कर लिया जायेगा।

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