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आंदोलन

ये कैसे अच्छे दिन आये, भाजपा ने ठेकेदार लटकाए

Janjwar Team
8 Feb 2018 10:25 PM GMT
ये कैसे अच्छे दिन आये, भाजपा ने ठेकेदार लटकाए
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तीन साल की लंबी बैचेनी झेल चुके ठेकेदार अपने अधिकारों के लिए आंदोलन की राह पर हैं। लोक निर्माण विभाग की दो योजनाओं के कार्यों का भुगतान न होने से नाराज ठेकेदार 'कान्ट्रेक्टर हैल्प एसोसिएशन' के बैनर तले एकजुट होकर पिछले आठ दिनों से अपने-अपने बकाया भुगतान की आवाज बुलंद कर रहे हैं...

हल्द्वानी से संजय रावत की रिपोर्ट

अच्छे दिनों के नारे ने जितना भी दिल जीता हो देश-प्रदेशभर के लोगों का, पर उत्तराखण्ड के अधिकांश विभागों में हालात उल्टे नजर आते हैं। कभी शिक्षा विभाग तो समाज कल्याण, कभी चिकित्सा और अन्य भी। लेकिन इन सबके बीच लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों के सब्र का बांध टूट गया है। राज्यभर के लो.नि.वि. के सभी ठेकेदार आंदोलनरत हैं। ये आंदोलन सभी जिलों में एक साथ चल रहा है।

मामला है पिछले तीन सालों से ठेकेदारों का करोड़ों के भुगतान न होने का, जिस वजह से तीन साल की लंबी बैचेनी झेल चुके ठेकेदार अपने अधिकारों के लिए आंदोलन की राह पर हैं। लोक निर्माण विभाग की दो योजनाओं क्रमशः 'राज्य योजना' और 'जिला योजना' के कार्यों का भुगतान न होने से नाराज ठेकेदार 'कान्ट्रेक्टर हैल्प एसोसिएशन' के बैनर तले एकजुट होकर पिछले आठ दिनों से अपने-अपने बकाया भुगतान की आवाज बुलंद ही नहीं कर रहे, बल्कि 20 करोड़ के उन टैण्डरों का बहिष्कार भी कर रहे हैं, जो हाल ही में लो.नि.वि ने जारी किये हैं।

'कांन्ट्रैक्टर हैल्प एसोसिएशन' जनपद नैनीताल के अध्यक्ष राजेन्द्र नेगी ने बताया कि लो.नि.वि की राज्य योजना और जिला योजना के कार्यों का भुगतान लंबे समय से लटकाया जा रहा है, जिसमें राज्य योजना के कार्यो का पैंतालीस करोड़ रुपया राज्य सरकार पिछले दो सालों से लटकाये हुए है। उन्होंने बताया कि जिला योजना का सात करोड़ रुपयों का भुगतान पिछले तीन सालों से नहीं किया गया है। जो थोड़ा बहुत भुगतान हुआ भी है तो वो राज्य योजना के कार्यों का, तो भी कभी एक करोड़ रुपया आया तो कभी 50 हजार।

एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों को इस बात पर भी रोष था कि एक तरफ तो लंबे समय से भुगतान नहीं हुआ है, दूसरी तरफ रेता बजरी की दरें सीधे दो गुनी हो गयी हैं। जहां ये उपखनिज 60 रुपये प्रति कुतंल था अब 120 रुपये कुतंल हो गया है। जिससे ठेकेदारों को पुरानी दरों में नये कार्य करना असंभव हो जायेगा।

सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए सभी का कहना था कि लो.नि.वि में पहली बार ऐसा हुआ कि इतने लंबे समय तक ठेकेदारों का भुगतान न हुआ हो। जाने ये कैसे अच्छे दिन आये हैं, रेता बजरी के दाम जहां दोगुना हो गये हैं वहीं विभाग ने कार्यों के दरों में भारी कटौती कर दी है। पहले जो काम 6 हजार रुपये प्रति क्यूबिक मीटर की दर से मिलते थे, अब उनकी दरें कम कर 48 सौ रुपयों प्रति क्यूबिक मीटर कर दी गयी है।

यहां उल्लेखनीय है कि जहां उत्तराखण्ड में ऑल वैदर रोड और जगह-जगह बांधों की पैरवी की घोषणाओं के लिए ही लाखों खर्च कर दिये जाते हैं, जहां मुख्यमंत्री की चाय-पानी का खर्च ही 68 लाख रुपये मात्र दस महिने के समय में आता हो वहां देरी से भुगतान कार्य, दरों में कटौती और बाजार भाव का दो गुना हो जाना जाने कैसे अच्छे दिनो का संकेत देता है।

भुगतान में देरी और कई प्रकाश पांडे पैदा करेगी
एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि 3 साल एक लंबा समय है जिसमें ठेकेदारों की कमर टूट चुकी है। ये विलम्ब भारी दिक्कतों का संकेत है। जिस तरह हल्द्वानी के एक ट्रासपोर्टर प्रकाश पांडे ने अपने बिलों का भुगतान न होने की वजह से आत्महत्या की। यह प्रकरण उसी तरह के कई प्रकाश पांडे राज्य सरकार पैदा करने की कवायद में जुटी है। इतने लंबे समय तक भुगतान ना होने से बैंकों का दबाव बढ़ता जा रहा है, ऐसे में अनावश्यक विलम्ब और कई प्रकाश पांडे तो पैदा करेगा ही।

ये ऐतिहासिक दिन था लो.नि.वि. में
लोक निर्माण विभाग के ऐसा ऐतिहासिक दिन पहले कभी देखने को नहीं मिला कि पूरा कि विभाग का पूरा कार्यालय परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। एक तरफ 272 ठेकेदार नये कार्याे का विरोध और टेन्डरों का बहिष्कार कर रहे हैं, वही एक ठेकेदार को विरोध के बावजूद टैण्डर मिल गये। इसलिए पीडब्यूडी विभाग के परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत के पड़ोसी ठेकेदार प्रेम बल्लभ कांडपाल को 2 करोड़ का ठेका मिले और वे 272 ठेकेदारों का विरोध पुलिस बल की सहायता से पार कर जाये, सिर्फ इस बात के लिए कार्यालय परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

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