नवविवाहिताओं को उपहार के नाम पर पकड़ा दिए चांदी के कहकर लोहे के पायल और बिछिया...
लखनऊ, जनज्वार। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाल ही में 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' की शुरुआत करते हुए दावा किया था कि यह योजना गरीबों के लिए बड़ा वरदान साबित होगी। मगर पहली घटना में पहले से शादीशुदा जोड़े की शादी और अब चांदी के नाम पर लोहे के आभूषण थमा देने से योजना सवालों के घेरे में आ गई है।
सरकार के मुताबिक इसमें इसमें गरीब शादीशुदा जोड़े को जरूरी सामान, बर्तन आदि योगी सरकार की ओर से भेंट देने की योजना बनाई गई है। साथ ही विवाहित जोड़े को सरकार की तरफ से 20 हजार रुपये का चेक भी दिया जाता है।
मगर इन दावों की पोल तब खुल गई जब सामूहिक विवाह योजना में चांदी के जेवर के नाम पर लोहे के गहने थमा दिए गए। इससे पहले सामूहिक विवाह योजना तब सवालों के घेरे में आई थी जब इस दौरान मीडिया में शादीशुदा जोड़े की शादी कराने का मामला सामने आया था।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आयोजित विवाह समारोह में शादीशुदा लड़कियों को उपहारस्वरूप चांदी का कहकर लोहे की पायल और बिछिया थमा दिया गया। जब घर जाकर इन्हें गहनों की असलियत पता चली तो 27 फरवरी को जिलाधिकारी औरेया श्रीकांत मिश्रा से मामले की शिकायत की गई।
हालांकि जिलाधिकारी ने 18 फरवरी को हुए सामूहिक विवाह समारोह में दिए गए आभूषणों के मामले में जांच कमिटी बैठा दी है, मगर इसने योगी सरकार की कल्याणकारी योजना की पोल खोलकर रख दी है। मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी कहा कहना है कि उन्होंने आपूर्ति करने वाली फर्म का भुगतान रोक दिया है।
लोहे के गहने गिफ्ट में देने का मामला तब सामने आया जब नवविवाहिता रचना कुमारी, सरबीन, पिंकी, सत्यवती, यासमीन बानो, नीरज व कुसुमलता ने नकली गहने उपहार में दिए जाने की शिकायत जिलाधिकारी से की।
नकली जेवर मामले में शिकायत करने वाली नवविवाहिताओं का कहना है कि मुख्यमंत्ररी योजना के नाम पर उन्हें ठगा गया, जिससे उन्हें ठेस पहुंची है।
गौरतलब है कि योगी सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत राज्यभर में सामूहिक विवाह समारोहों का आयोजन कर गरीब, विधवा और परित्यक्त महिलाओं का पुनर्विवाह कराए जाने के दावे कर रही है, मगर इसमें जिस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं उसने इस योजना को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
मुख्यमंत्री योजना के तहत नवविवाहित जोड़े को सरकार की तरफ से 10 हजार रुपये का सामान भी उपहारस्वरूप दिया जाता है। पांच हजार रुपये प्रति दंपती विवाह समारोह के आयोजन में खर्च करने की योजना है जिसके तहत समारोह के साथ ही विवाहोत्सव भोज का आयोजन समारोह स्थल पर ही किया जाता है।
गौरतलब है कि औरेया में 18 फरवरी को ही राज्य सरकार की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 48 जोड़ों का विवाह करवाया गया था। इसमें प्रशासन की तरफ से योजना के तहत गरीब बेटियों को दान के रूप में चांदी की बिछिया और पायल दी गयी, लेकिन अब नवविवाहित जोड़ों ने आरोप लगाया है कि जेवर चांदी नहीं लोहे के हैं।
इसी योजना के बारे में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा था कि आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना के जरिए अलग-अलग जिलों में सरकारी खर्चे पर गरीब बेटियों की न सिर्फ धूमधाम से शादी कराई जा रही है, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तरफ से बतौर आशीर्वाद उपहार भी भेंट किया जा रहा है।
मगर जिस तरह चांदी के नाम पर लोहे के आभूषण थमा दिए गए या फिर पहले से शादीशुदा जोड़ों की शादी करवाने का मामला सामने आया, उससे शासन—प्रशासन पर जरूर सवाल खड़े हो गए हैं।