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प्रेस रिलीज

सीएए विरोधी आंदोलनकारी नितिन राज की 6वीं बार जमानत याचिका खारिज,जबकि सभी धाराएं हैं जमानती

Janjwar Desk
5 Feb 2021 3:08 PM GMT
सीएए विरोधी आंदोलनकारी नितिन राज की 6वीं बार जमानत याचिका खारिज,जबकि सभी धाराएं हैं जमानती
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उन्होंने आगे बताया कि नितिन राज के वकील नितिन मिश्रा ने कोर्ट में बताया कि पुलिस 3 महीने बाद भी चार्ज सीट दाखिल नहीं कर पाई थी। पिछले वर्ष ही सुप्रीम कोर्ट ने पैरोल पर रिहा कर दिया था। बावजूद इसके नितिन को हफ्तों तक जेल में रखा गया।

इलाहाबाद ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) उत्तर प्रदेश के राज्य उपाध्यक्ष कॉमरेड नितिन राज की आज 6वीं बार जमानत याचिका योगी सरकार के राजनीतिक दबाव में हाइकोर्ट ने भी नामंजूर कर दिया। जिस पर आइसा यूपी के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान ने कोर्ट पर सरकार के राजनीतिक दबाव में याचिका नामंजूर करने का आरोप लगाया है।

आइसा छात्र संगठन की तरफ से बयान जारी करते हुए उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 2020 में घण्टाघर पर सीएए-एनआरसी के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने पर योगी पुलिस ने नितिन राज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन यूपी पुलिस आज तक कोर्ट में नितिन राज के खिलाफ रिपोर्ट पेश नहीं कर सकी है।

आज उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ में नितिन के वकील नितिन मिश्रा द्वारा जमानत याचिका डाली गई थी। कोर्ट चाहता तो जमानत दे सकता था लेकिन योगी सरकार के राजनीतिक दबाव में नीतिन की जमानत याचिका के खिलाफ काउंटर फाइल (काउंटर केश) दाखिल करने के लिए पुलिस को 21 का दिन वक्त दिया गया और इस तरह 21 दिन की अतिरिक्त जेल में रखने का निर्णय नितिन राज पर दोहरा अन्याय है।

उन्होंने आगे बताया कि नितिन राज के वकील नितिन मिश्रा ने कोर्ट में बताया कि पुलिस 3 महीने बाद भी चार्ज सीट दाखिल नहीं कर पाई थी। पिछले वर्ष ही सुप्रीम कोर्ट ने पैरोल पर रिहा कर दिया था। बावजूद इसके नितिन को हफ्तों तक जेल में रखा गया। इससे स्पष्ट है कि नितिन राज को सरकार साजिश के तहत फंसाकर जेल में ही रखना चाहती है। नितिन राज पर जो धाराएं - 66, 7, 505, 427, 353, 283, 188, 149, 147, 145 लगाई गयी हैं, जो सभी जमानती हैं लेकिन पुलिस ने आज हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान तक भी नितिन राज के खिलाफ रिपोर्ट पेश नहीं कर सकी है।

कोर्ट में पुलिस के आरोप कि - "नितिन फरार चल रहे थे और आत्मसमर्पण नहीं कर रहे थे" को प्रदेश अध्यक्ष ने झूठ और फर्जी करार देते कहा कि सुप्रीम कोर्ट पैरोल देते समय राजनीतिक कार्यकर्ताओं को यूपी से बाहर नहीं जाने की सलाह दी थी, जिसके कारण नितिन राज अपने घर पर ही रह रहे थे। पुलिस का यह आरोप फर्जी और झूठा है।

आंदोलनकारियों छात्रों-किसानों को फर्जी मुकदमे में फंसाकर यह सरकार संविधान और न्याय का गला घोंट रही है। इसे कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान ने कहां यदि नितिन राज समेत सभी सीएए आंदोलनकारियों की अविलम्ब रिहाई नहीं हुई तो पूरे प्रदेश भर में आंदोलन होगा।

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