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राजनीति

दिल्ली से लेकर देहातों तक दवा-इलाज का भारी संकट, लेकिन स्मृति ईरानी का दावा कि मोदी ने खत्म कीं 60 साल की समस्याएं

Janjwar Desk
13 Jun 2020 2:29 PM GMT
दिल्ली से लेकर देहातों तक दवा-इलाज का भारी संकट, लेकिन स्मृति ईरानी का दावा कि मोदी ने खत्म कीं 60 साल की समस्याएं
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स्मृति ईरानी बोलीं, भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कोरोना संकट के समय 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को भोजन कराया है। मैं इस काम के लिए पार्टी अध्यक्ष, उनकी टीम और सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देती हूं...

जनज्वार। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार 13 जून को दिल्ली जनसंवाद वर्चुअल रैली के दौरान मोदी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोबारा जनादेश मिलने के बाद देश की एकता और अखंडता से जुड़ीं 60 वर्षों की समस्याओं का निराकरण किया।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, मोदी जी 2014 में देश के प्रधानमंत्री बनें और 2019 में उन्होंने फिर से जनादेश प्राप्त किया और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष समाप्त हुआ है। ये 6 साल भारत को हर तरीके से आगे बढ़ाने के 6 साल रहे हैं। उन्होंने 60 वर्षों की उन समस्याओं का निराकरण किया जो देश की एकता और अखंडता से जुड़ीं थीं।

स्मृति ईरानी यह दावा तब करती हैं, जबकि मजदूरों-गरीबों की दुर्दशा की खबरें मीडिया में छाई हुई हैं। इलाज के अभाव में गांव-देहात तो छोड़िये महानगरों में लोगों की मरने की खबरें आम हो चुकी हैं। कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के दौरान घर वापस जाने की कोशिश में न जाने कितने मजदूरों की विभिन्न हादसों में असमय मौत हो गई।

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि 'राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 4.42 लाख टन खाद्यान्न उठाया है और 20.26 लाख लाभार्थियों को 10,131 टन खाद्यान्न वितरित किया है।' इन आंकड़ों को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि मोदी सरकार प्रवासी मजदूरों के रोजी—रोटी को लेकर कितनी गंभीर है। अनाज योजना का लाभ पाने वाले प्रवासी लाभार्थियों की संख्या अपने लक्ष्य का केवल 2.25 प्रतिशत है, यानी 97.75 फीसदी मजबूर प्रवासी मजदूर किस हाल में होंगे, इसका अंदाजा सड़क पर भूखों-बेरोजगार मरते मजदूरों की खबरों को देखकर लगाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 60 वर्षों की समस्याओं का निराकरण करने का दावा मंत्री महोदया तब करती हैं, जबकि हर भूखे को अनाज देने का दावा करने के बावजूद 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों में से सिर्फ 20 लाख को वह राशन दे पायी है। यह वही स्मृति ईरानी हैं जो यह भी दावा करती हैं कि मोदी सरकार ने लॉकडाउन में 80 करोड़ लोगों को राशन पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि "संकट की घड़ी में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। यह पैकेज भारत को एक नया अवसर और एक नई ताकत देगा। कोरोना संकट में कोई भूखा न सोए इसकी भी चिंता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, इसके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत मुफ्त में राशन और गरीब परिवारों को मुफ्त में गैस सिलेंडर बांटे गए।"

स्मृति ईरानी ने लॉकडाउन के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के सेवा कार्यों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कोरोना संकट के समय 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को भोजन कराया है। मैं इस काम के लिए पार्टी अध्यक्ष, उनकी टीम और सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देती हूं।

स्मृति ईरानी ने कहा कि मोदी सरकार ने जहां 10 करोड़ घरों में शौचालय बनाकर माताओं-बहनों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया। वहीं, 2.5 करोड़ बेघर लोगों को घर देने का काम किया। 2014 में नरेन्द्र मोदी. जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने कहा था कि मेरी सरकार गरीबों, आदिवासियों, दलितों की सरकार होगी। मोदी जी जो बोलते हैं वह करते हैं।

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