Agricultural law : एनसीपी नेता नवाब मलिक बोले - 7 साल में पहली बार मोदी सरकार को झुकाया, किसानों को मेरा सलाम
एक साल से जारी किसान आंदोलन के सामने झुकी मोदी सरकार।
नई दिल्ली। प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस क्या लिया, विपक्षी दलों के नेता खुशी के मारे झूम उठे। इसके बाद विपक्षी नेताओं ने तुरंत जमकर रीएक्शन देना शुरू कर दिया। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ट्विट करते हुए लिखा कि झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए। तीनों कृषि कानून ले लिए गए हैं। हमारे देश के किसानों को मेरा सलाम और शहीद किसानों को अभिवादन।
तानाशाह की बड़ी हार
नेशनल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह किसानों की अब तक की सबसे बड़ी जीत है और देश के तानाशाह की सबसे बड़ी हार है।
शहादत के सामने आखिर झुकना पड़ा
आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले पर कहा कि किसानों व किसान आंदोलन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि निरंकुश सरकार को आपके एक साल लंबे अहिंसक आंदोलन ने झुकने को मजबूर कर दिया। केंद्र सरकार को सैकड़ों किसानों की शहादत के सामने आखिर झुकना पड़ा। सरकार उन किसानों के परिवारों से भी माफी मांगे जिनकी जान इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन में गई है।
चुनावी हार के डर से काले कानून लिए वापस
आप नेता और राज्यसभा सांसद सांसद संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ये मोदी के अन्याय पर किसान आंदोलन की जीत ढेरों बधाई। भारत के अन्नदाता किसानों पर एक साल तक घोर अत्याचार हुआ। सैंकड़ों किसानों की शहादत हुई। अन्नदाताओं को आतंकवादी कहकर अपमानित किया गया। इस पर मौन क्यों रहे मोदी जी? देश समझ रहा है चुनाव में हार के डर से तीनों काला क़ानून वापस हुआ।
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि यह आंदोलन तत्काल ख़त्म नहीं होगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।
पीएम ने सोच कर ही फैसला लिया होगा
बता दें कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन खत्म होने के तुरंत बाद कृषि क़ानून वापस लेने के उनके ऐलान पर टीवी चैनलों पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। बीजेपी का कोई बड़ा नेता सामने नहीं आया। विनय कटियार और अनिल विज जैसे कुछ नेता ही बोलते दिखे। कटियार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ सोच कर ही फैसला लिया होगा। विज बोले- अब किसानों को अपने घर जाकर नियमित काम में लगना चाहिए।