Hate Speech : एआईयूडीएफ चीफ बदरुद्दीन अजमल ने हिंदू महिलाओं के खिलाफ दिया था नफरती बयान, 48 घंटे के अंदर मांगी माफी

एआईयूडीएफ नेता बदरुद्दीन अजमल ने ऐसा क्या कह दिया कि भाजपा नेताओं को लगी मिर्ची, जाने किसने क्या कहा?
Hate Speech : बच्चा पैदा करने और बहुविवाह के मुद्दे पर एआईयूडीएफ चीफ और असम से लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल शुक्रवार को विवादित बयान दिया था। उन्होंने हिंदू महिलाओं के साथ पुरुषों की पौरुष क्षमता पर भी सवाल उठाया था। एक दिन पहले भाजपा नेताओं ने उन्हें खरी—खोटी सुनाते हुए संभलकर बोलने की नसीहत दी थी। इसके बाद 48 घंटे भी नहीं बीते कि बदरुद्दीन अजमल ने हिंदू महिलाओं को लेकर दिए गए बयान पर माफी मांग ली है।
एफआईआर दर्ज होने के बाद अजमल ने लिया ये फैसला
एआईयूडीएफ चीफ बदरुद्दीन अजमल ने हिंदू समुदाय को निशाना बनाने वाली अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है और कहा है कि वह इसकी वजह से पैदा हुए विवाद से शर्मिंदा हैं। असम में उनके खिलाफ अधिकांश जिलों में लोगों ने उनके खिलाफ पुलिस थाने में कई शिकायतें दर्ज कराई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियों को तोड़ा-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया है।
बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि उनके राजनीतिक विरोधियों ने उनकी टिप्पणी को गुजरात विधानसभा चुनाव से जोड़ते हुए और आरोप लगाया कि एआईयूडीएफ प्रमुख दक्षिणपंथी विचारधारा वाली पार्टी को 'बचाने' के लिए बीजेपी लाइन का पालन कर रहे हैं, जो देश के इस पश्चिमी राज्य में सत्ता बनाए रखने की जुगत में है। तृणमूल कांग्रेस ने बदरुद्दीन अजमल की विवादित टिप्पणी के पीछे भगवा पार्टी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए गुवाहाटी में उनका पुतला फूंका। अब इस मामले में एआईयूडीएफ ने खुद को अजमल की टिप्पणी से दूर कर लिया है। एआईयूडीएफ असम विधानसभा में विपक्ष में बैठती है।
बदरुद्दीन अजमल ने मध्य असम के होजई रेलवे स्टेशन पर संवाददाताओं से कहा कि मैंने किसी व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया और न ही हिंदू शब्द का इस्तेमाल किया। मैं किसी की भावनाएं आहत नहीं करना चाहता था लेकिन यह एक मुद्दा बन गया और मुझे इसके लिए खेद है, मुझे इस पर शर्म आती है। मेरे जैसे वरिष्ठ व्यक्ति के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था। अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने को धुबरी के सांसद ने कम करके आंका और कहा कि मुकदमे राजनेताओं के ग्राफ को ऊपर की ओर धकेलते हैं।एआईयूडीएफ चीफ अजमल ने कहा कई हिंदू नेता रोजाना मुसलमानों के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन हमने उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है। मेरे कहने का मकसद सभी के लिए समान विकास और अधिकार दिलाना था।
भाजपा प्रवक्ता रंजीब सरमा ने कहा कि अजमल और उनके जैसे लोग महिलाओं को केवल एक वस्तु के रूप में देखते हैं। उन्होंने हमारे मुख्यमंत्री के खिलाफ जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है, उन्हें पूरे सभ्य समाज द्वारा चुनौती दी जानी चाहिए। सरमा ने टिप्पणियों के समय पर भी सवाल उठाया क्योंकि यह उस दिन आया था जब असम सरकार द्वारा सतरों (वैष्णव मठों) की समस्याओं को देखने के लिए गठित एक समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी। भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि रिपोर्ट में सतरा की भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण का जिक्र प्रवासी मुस्लिमों द्वारा किया गया है, जो अजमल का वोट बैंक हैं।
वहीं असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा कि अजमल और मुख्यमंत्री ने मिलकर विवाद पैदा करने की साजिश रची है। अजमल और हिमंत बिस्वा सरमा लोगों के सामने आने वाले मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने और उन्हें कहीं और व्यस्त रखने के लिए मिलकर साजिश रच रहे हैं।
बता दें कि अजमल ने शुक्रवार को एक मीडिया हाउस को दिए एक साक्षात्कार में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर कथित तौर पर लव जिहाद पर की गई टिप्पणी की प्रतिक्रिया के रूप में महिलाओं और हिंदू पुरुषों को लेकर विवादित बयान दिया था। AIDUF प्रमुख ने असम में उन्हें मौलाना नाम से संबोधित किया जाता है। उन्होंने कथित तौर पर मुसलमानों की तरह अधिक बच्चे पैदा करने के लिए हिंदुओं को कम उम्र में शादी करने की सलाह दिया था। असम जातीय परिषद (AJP) ने शनिवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में एआईयूडीएफ प्रमुख के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।





