बड़ी खबर : बिहार DGP गुप्तेश्वर पांडेय का इस्तीफा हुआ मंजूर, बक्सर से हो सकते हैं NDA के उम्मीदवार
पटना, जनज्वार। बिहार के लिए आज की सबसे बड़ी खबर है कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसे राज्यपाल ने मंजूरी भी दे रही है। वह पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगे। गुप्तेश्वर पांडेय की जगह अब नये डीजीपी का चार्ज एसके सिंघल को मिला है। वे सिविल डिफेंस और फायर सर्विस के डीजी थे।
विधानसभा चुनाव में गुप्तेश्वर पांडेय को बक्सर या भोजपुर के किसी सीट से एनडीए का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इस बात की प्रबल संभावना है। हालांकि, जब इसको लेकर हमने गुप्तेश्वर पांडेय से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। सूत्रों का दावा है कि वे अपने पद से इस्तीफा देकर विधानसभा का चुनाव हर हाल में लड़ने जा रहे हैं।
Bihar Governor approves the request of Director General of Police (DGP) Gupteshwar Pandey (in file pic), seeking VRS from services. pic.twitter.com/VNX58mSx2C
— ANI (@ANI) September 22, 2020
5 महीने का बचा था कार्यकाल
गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। 31 जनवरी 2019 को उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था। कार्यकाल पूरा होने में करीब 5 महीने का वक्त बचा हुआ है। राज्य के पुलिस महानिदेशक के रूप में गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा होने वाला है। सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक गुप्तेश्वर पांडेय ने चुनावी मैदान में उतरने की पूरी तैयारी कर ली है। बस चुनाव की तारीख ऐलान होने का इंतजार है।
उनके राजनीति में पदार्पण का अंदाजा इस बात से भी लग जाता है कि गुप्तेश्वर पांडेय से रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाने के बारे में पूछा गया था तो 20 सितंबर को ही उन्होंने कहा था, 'क्या रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाना पाप है? कदाचार है? या गलत है? राजनीति के कारण ही कार्यपालिका है, विधायिका है।'
बेगूसराय और जहानाबाद में अपराधियों का किया था खात्मा
बतौर आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय 33 साल की पुलिस सेवा पूरी कर चुके हैं। एसपी से लेकर डीआईजी, आईजी और एडीजी बनने तक के सफर में गुप्तेश्वर पांडेय 26 जिलों में काम कर चुके हैं। 1993-94 में वे बेगूसराय और 1995-96 में जहानाबाद के एसपी रह चुके हैं। दोनों जिलों में अपने कार्यकाल के दौरान अपराधियों का खात्मा कर दिया था। इन्हें कम्यूनिटी पुलिसिंग के लिए भी जाना जाता है।
मुंबई में हुए एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत के मामले में पटना में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके बाद डीजीपी के निर्देश पर ही बिहार पुलिस की टीम को जांच के लिए वहां भेजा गया था। इस मामले में गुप्तेश्वर पांडेय कई बार खुलकर मीडिया के सामने आए थे। बिहार के युवाओं के बीच इनकी बड़ी फैन फॉलोइंग है।
जब इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने की फैल गई खबर
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को लेकर पिछले महीने देर रात खबर फैली कि उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है और आगे वे विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। देखते-देखते यह खबर वायरल हो गई। तरह-तरह के कमेंट आने लगे। कई वेब पोर्टल्स ने भी इस संबंध में खबरें दीं। स्थिति को देख खुद डीजीपी को तुरंत अपनी बात रखने आगे आना पड़ा। यह अगस्त माह की बात है।
हालांकि इस्तीफे की बाबत डीजीपी ने पिछले महीने अपने ट्वीट में लिखा कि मेरे नौकरी से इस्तीफा देने के बारे में झूठी खबर चलायी जा रही है। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने खबर के स्रोत के बारे में सवाल किया था, मगर आज आखिरकार उनका इस्तीफा मंजूर हो गया है।
रिया को लेकर बयान पर भी हुआ था विवाद
गौरतलब है कि हाल ही में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय एक और घटना को लेकर सुर्खियों में रहे थे। सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की मुख्य आरोपित रिया चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दिया था। इस पर नाराज डीजीपी ने कहा था कि रिया की औकात नहीं कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ ऐसे बयान दे। उनके इस बयान पर मिली-तुली प्रतिक्रिया आईं थीं। उस मामले में डीजीपी को सफाई देनी पड़ी थी।