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राजनीति

रामदेव के घी के बाद BJP सांसद ने टूथपेस्ट को भी बताया घटिया, बाबा के करीबी समझी जाने वाली भाजपा द्वारा पतंजलि प्रोडक्ट पर उंगलियां उठाने के क्या हैं मायने

Janjwar Desk
25 Nov 2022 9:27 AM GMT
रामदेव के घी के बाद BJP सांसद ने टूथपेस्ट को भी बताया घटिया, बाबा के करीबी समझी जाने वाली भाजपा द्वारा पतंजलि प्रोडक्ट पर उंगलियां उठाने के क्या हैं मायने
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रामदेव के घी के बाद BJP सांसद ने टूथपेस्ट को भी बताया घटिया, बाबा के करीबी समझी जाने वाली भाजपा द्वारा पतंजलि प्रोडक्ट पर उंगलियां उठाने के क्या हैं मायने

Patanjali fake Product : बाबा रामदेव के उत्पादों पर उंगली उठने के बाद बजाए उसकी गुणवत्ता बहाल करने के बौखलाई पतंजलि की ओर से इसे हमेशा सनातन धर्म से जोड़कर लोगों को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया जाता है...

Patanjali fake Product : देश की चर्चित बाबा रामदेव की पतंजलि कम्पनी के उत्पाद एक बार फिर नकारात्मक चर्चाओं में हैं। इस बार यह चर्चा किसी अर्बन नक्सली या आयुर्वेद विरोधी कथित देश विरोधी लॉबी की तरफ से नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्त पार्टी भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की ओर से शुरू हुई है। इन सांसद ने बाबा रामदेव की पतंजलि कम्पनी के घी के बाद उनके मंजन को भी नकली और घटिया करार दिया है। सांसद ने यह दावा यह दोनों प्रॉडक्ट इस्तेमाल करने के बाद अपने निजी अनुभव के आधार पर किया है।

अभी हम उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के उस वीडियो को नहीं भूले होंगे, जो दो दिन से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बीजेपी सांसद बाबा रामदेव की कम्पनी पतंजलि के घी पर सवाल खड़े करते हुए डंके की चोट पर उसे नकली साबित कर रहे हैं। वीडियो में सांसद यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि "घर में गाय–भैंस रखो नहीं तो रामदेव का नकली घी खाने से कैसे स्वस्थ होंगे?

इस वीडियो में भाजपा सांसद कुछ लोगों को सम्बोधित करते हुए कह रहे हैं कि "आपके दरवाजे पर गाय या भैंस जरूर होनी चाहिए। दूध का पूरा इंतजाम जरूर होना चाहिए। दूध ही एक ऐसी चीज है, जो गांव में आसानी से मिल सकती है। अगर आपके घर में घी-दूध का इंतजाम नहीं होगा तो बच्चा कैसे स्वस्थ होगा?" अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सांसद कहते हैं कि "क्या रामदेव का नकली घी खाने से बच्चा स्वस्थ होगा?" इसके साथ उन्होंने कहा कि "मेरे भाईयो! हाथ जोड़कर विनती करता हूं। आप इस बात को समझिए। मैं खुद भैंस चराने जाता था। दूध लेकर जाता था।"

सांसद का यह वीडियो बयान वायरल होते ही लोगों ने इस पर चुटकियां लेनी शुरू कर दी थीं। यूजर्स लिखते हैं, "वह बिलकुल सही कह रहे हैं, लेकिन केवल पतंजलि ही नहीं बल्कि बाजार में मिलने वाला कोई भी घी स्वस्थ के लिए ठीक नहीं है। अब मजेदार बात ये है कि बीजेपी के लोग भी रामदेव पर सवाल खड़े कर रहे हैं।"

अभय प्रताप नाम के एक यूज़र ने लिखा था कि "अब पहलवान जी कह रहे हैं तो सही ही कह रहे होंगे।" जबकि प्रीती नाम की एक यूज़र लिखती हैं "अपनों ने सवाल उठया है अब तो, बाबा जी स्वाद आया के नहीं।"

अनुभव नाम के यूज़र ने बदलते हुए राजनीतिक समीकरण की तरफ इशारा कर हंसने वाली इमोजी के साथ लिखा कि "बीजेपी वालों को इनके खिलाफ एक्शन लेना चाहिए, अरे भाई अपनों पर ही सवाल खड़े कर दे रहे हैं।" जबकि सुमन शुक्ला नाम की यूजर ने तो साफ ही लिख डाला था कि "मतलब बाबा रामदेव नकली घी बेचते हैं, बेचारे ने मेहनत करके आपलोगों को सत्ता में बैठाया और आप लोग ऐसा आरोप लगा रहे हो ?" एक कदम और आगे बढ़ते हुए रविंद्र की टिप्पणी थी कि "बीजेपी की पॉलिसी यूज एण्ड थ्रो वाली रही है,ज्योतिरादित्य सिंधिया हों या हार्दिक पटेल, अब लगता है कि बाबा रामदेव बीजेपी पर बोझ बन गए हैं। जिसका सबूत आने लगा है।"

जैसा कि मालूम ही है बृजभूषण सिंह अपनों बयानों के जरिये सोशल मीडिया की सुर्खियों में बने रहते हैं। उन्होंने इसे पहले कहा था कि वह जब तक चाहें, तब तक सांसद बने रहेंगे। वहीं हाल में ही वह योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते बाजार आये थे। उन्होंने बाढ़ को लेकर फैली अव्यवस्थाओं पर कहा था कि जनप्रतिनिधियों की जुबान बंद है, बोलेंगे तो बागी कहलाएंगे। यही ब्रजभूषण बाबा रामदेव के घी के बाद अब पतंजलि कम्पनी के मंजन का भी पोस्टमार्टम करने पर उतारू हो गए।

एक दूसरे वीडियो में सांसद अपनी आपबीती बताते हुए पतंजलि के मंजन को इतना घटिया बता रहे हैं कि उसके इस्तेमाल से दांत तक खराब होने का वह दावा कर रहे हैं। बकौल सांसद उन्होंने पतंजलि का मंजन इस्तेमाल किया तो उनके दांत ही खराब होने लगे। डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने पतंजलि के मंजन से अपना पिंड छुड़ाया। सांसद ने पतंजलि के मंजन में लौंग का अत्यधिक प्रयोग करने की शिकायत की है, जिसकी वजह से दांत खराब हो रहे हैं। बाबा रामदेव की कम्पनी पतंजलि पर भाजपा सांसद के एक के बाद लगातार होते इन हमलों को देखकर राजनैतिक जगत में दूसरे दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है।

यहां बताते चलें कि पतंजलि उत्पादों का विवादों से चोली दामन का साथ है। इन उत्पादों की गुणवत्ता पर पहले से ही उंगलियां उठती रहती हैं। देशभर के अलग अलग राज्यों से पहले इनके सैंपल फेल होने की खबरें आती हैं, फिर अचानक से विभागीय अधिकारी चुप्पी साध लेते हैं। उसके बाद पतंजलि कम्पनी जांच प्रयोगशालाओं पर ही उंगली उठाना शुरू कर देती है।

सबसे दिलचस्प मामला तो इसी महीने में कुछ दिन पहले का था, जब केरल निवासी एक चिकित्सक की शिकायत पर पतंजलि की पांच दवाओं को मानकों पर खरा न होने के कारण उत्तराखंड में न केवल प्रतिबंधित किया गया था बल्कि उनके उत्पादन और विज्ञापन तक पर पाबंदी लगा दी गई थी। पूरे देश में इसकी व्यापक चर्चा के बाद पतंजलि के तमाम उत्पादों पर लोग निशाना साधने लगे थे। हालांकि महज तीन दिन के अंदर ही आश्चर्यजनक तौर पर विभाग ने इसे मानवीय चूक बताते हुए इन दवाओं को क्लीनचिट दे दी थी। पतंजलि की ओर से तब भी इसे आयुर्वेद विरोधी कथित ड्रग्स माफिया की कारस्तानी बताया था।

जैसा की सर्वविदित है कि पतंजलि के उत्पादों पर उंगली उठने के बाद बजाए उसकी गुणवत्ता बहाल करने के बौखलाई पतंजलि की ओर से इसे हमेशा सनातन धर्म से जोड़कर लोगों को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया जाता है। कम्पनी अपने इन उत्पादों पर उठने वाली आवाजों को हिंदू धर्म विरोधी लॉबी, आयुर्वेदिक संस्कृति के दुश्मन, पश्चिमी देशों की साजिश, अंग्रेजी दवाइयों के माफिया, वामपंथी, अर्बन नक्सली सहित और न जाने क्या क्या उपमाएं देकर अपने को इनके द्वारा पीड़ित के तौर पर प्रस्तुत कर भावनाओं का दोहन करती है, लेकिन इस बार जब खुद उस भारतीय जनता पार्टी के सांसद जिसे सत्ता में लाने के लिए बाबा रामदेव में साल 2013 से लेकर 2014 तक रात दिन एक कर दिया था, पतंजलि उत्पादों पर उंगली उठा रहें हैं तो लोग इसे भाजपा और बाबा रामदेव के बदलते रिश्तों के तौर भी देखने लगे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि सांसद के इन बयानों को पतंजलि किस तरह फेस करेगी। कम से कम उन्हें अर्बन नक्सली या वामपंथी तो नहीं ही कहा जायेगा!

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