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राजनीति

महेंद्र भाटी हत्याकांड से बरी होते ही डीपी यादव पर लगा 10 करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप, मुरादाबाद में FIR

Janjwar Desk
14 Nov 2021 5:34 AM GMT
महेंद्र भाटी हत्याकांड से बरी होते ही डीपी यादव पर लगा 10 करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप, मुरादाबाद में FIR
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महेंद्र भाटी की हत्या के इल्जाम से बरी होते ही डीपी यादव पर दर्ज हुआ रंगदारी का केस

पूर्व सांसद डीपी यादव और पूर्व विधायक विजय यादव समेत छह के खिलाफ दर्ज कराया गया है 10 करोड़ की रंगदारी का केस...

Case Of Extortion Against Former MP DP Yadav : पश्चिमी यूपी के चर्चित बाहुबली नेता डीपी यादव अपने राजनीतिक गुरु महेंद्र भाटी की हत्या के इल्जाम से बरी होते ही एक नए रंगदारी मांगने के केस में बुक किये गए हैं। इस हाई प्रोफाइल मामले में मुरादाबाद के एक कॉलोनाइजर से दस करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए कल 13 नवंबर को डीपी यादव और अन्य 6 के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है।

हालांकि यूपी की ठांय-ठांय पुलिस ने पहले यह मुकदमा सीधे दर्ज नहीं किया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद उसे मजबूरी में सिविल लाइंस थाने में कारोबारी को अगवा करने और फोन पर दस करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का यह मुकदमा पूर्व सांसद डीपी यादव, पूर्व विधायक विजय यादव समेत छह आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, अपहरण, रंगदारी मांगने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज करना ही पड़ा।

मझोला थानाक्षेत्र के इलेविन ऑर्चिड निवासी अनिल तोमर ने कोर्ट की शरण लेते हुए सिविल लाइंस थाने में गाजियाबाद के न्यू राज नगर निवासी पूर्व राज्यसभा सांसद एवं पूर्व विधायक डीपी यादव, ठाकुरद्वारा के सरकाड़ा करीम निवासी एवं ठाकुरद्वारा विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक विजय यादव, दिल्ली बसंत विहार निवासी कुनाल यादव, गाजियाबाद के जगदीश नगर निवासी जितेंद्र कुमार उर्फ बिल्लू, गाजियाबाद के राज नगर निवासी भारत सिंह और बुलंदशहर के पुराना रोडवेज निवासी हरिओम शर्मा के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज कराया है।

इसमें अनिल तोमर ने बताया कि हरिओम शर्मा ने 2017 तक स्वदेशी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा प्रायोजित इलेविन ऑर्चिड के कार्यलय में एकाउंटेंट के पद पर काम किया। 2014 में इलेविन बिल्डकोम कंपनी के अलग हो जाने के बावजूद भी चेकबुक से चेक चोरी कर फर्जी हस्ताक्षर कर विभिन्न नामों से आरटीजीएस कराकर धोखाधड़ी की। आरोपियों ने पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर वीरपाल और वादी के फर्जी हस्ताक्षर कराकर जमीन के बैनामे बंधक रखकर ऋण प्राप्त किया गया।

इसकी जानकारी होने पर वादी ने कार्रवाई शुरू की तो आरोपियों ने धमकी दी कि कार्रवाई वापस नहीं ली तो अंजाम बुरा होगा। अनिल तोमर के अनुसार ने पिछले महीने 17 अक्तूबर को उनका सिविल लाइंस क्षेत्र में कमिश्चर आवास के पास कार सवार हथियार बंद लोगों ने अपहरण कर लिया था। इसी दौरान विजय यादव ने वीडियो कॉलिंग के जरिये डीपी यादव से बात कराई।

आरोप है कि डीपी यादव ने कहा कि तुमने दस करोड़ की मांग पूरी नहीं की है। दीवाली से पहले रुपये पहुंचा दो, वरना मेरे लोग तुम्हे मार देंगे। मैं भी जेल से बाहर आ गया हूं। इसके बाद विजय यादव कुछ कागजात पर हस्ताक्षर कराकर चले गए।

मुकदमे के सिलसिले में सिविल लाइंस थाना प्रभारी रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर गाजियाबाद के न्यू राज नगर निवासी डीपी यादव, ठाकुरद्वारा के सरकाड़ा करीम निवासी विजय यादव, दिल्ली बसंत विहार निवासी कुनाल यादव, गाजियाबाद के जगदीश नगर निवासी जितेंद्र कुमार उर्फ बिल्लू, गाजियाबाद के राज नगर निवासी भारत सिंह और बुलंदशहर के पुराना रोडवेज निवासी हरिओम शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (जालसाजी), 467, 468, 471 (कूटरचित दस्तावेज तैयार करना), 486 (रंगदारी), 485 (बंधक बना पैसा मांगना), 364 (अपहरण), 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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