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राजनीति

'जब तक बहुसंख्यक हैं हिंदू- तब तक हैं कानून संविधान, अल्पसंख्यक होने पर कुछ नहीं बचेगा', गुजरात के डिप्टी CM का विवादित बयान

Janjwar Desk
28 Aug 2021 2:05 PM GMT
जब तक बहुसंख्यक हैं हिंदू- तब तक हैं कानून संविधान, अल्पसंख्यक होने पर कुछ नहीं बचेगा, गुजरात के डिप्टी CM का विवादित बयान
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गुजरात के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान न करे हजार, दो हजार साल बाद यदि हिंदुओं की संख्या कम हुई तो उस दिन न कोई कोर्ट होगा, न कचहरी, न कोई कानून, न कोई लोकशाही, न कोई संविधान रहेगा....

जनज्वार। गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने नया विवादित बयान दिया है। पटेल का कहना है कि देश में तभी तक ही संविधान और कानून का राज है जबतक हिंदू बहुसंख्यक हैं। पटेल ने कहा कि देश में संविधान, धर्मनिरपेक्षता और कानून की बात तब तक ही चलेगी जब तक हिंदू बहुसंख्यक हैं, हिंदू के बहुमत में रहने से कानून कायम रहेगा नहीं तो समुदाय के अल्पसंख्यक हो जाने के बाद कुछ भी नहीं बचेगा।

जानकारी के मुताबिक उपमुख्यमंत्री पटेल गुजरात के गांधी नगर स्थित भारत माता मंदिर में एक कार्यक्रम को संबोदित कर रहे थे। पटेल यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, मेरे शब्द लिख कर रख लीजिए जब तक हिंदू बहुमत में हैं तभी तक कानून बिना सांप्रदायिकता के रहेगा। भगवान न करे हजार, दो हजार साल बाद यदि हिंदुओं की संख्या कम हुई तो उस दिन न कोई कोर्ट होगा, न कचहरी, न कोई कानून, न कोई लोकशाही, न कोई संविधान रहेगा। सब दफना दिया जाएगा।

हालांकि पटेल ने आगे यह भी कहा, ''मैं सभी के बारे में बात नहीं कर रहा। मुझे यह भी साफ कर देना चाहिए कि लाखों मुसलमान देशभक्त हैं, लाखों ईसाई देशभक्त हैं। गुजरात पुलिस में हजारों मुसलमान हैं, वे सभी देशभक्त हैं।'' नितिन पटेल ने जिस समय ये बातें कहीं, मंच पर राज्य के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा और वीएचपी व आरएसएस के के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

उपमुख्यमंत्री ने आगे राज्य में विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी कानून के बारे में कहा कि सरकार ने ये कानून विवाह के जरिए जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए बनाया था। इस कानून के प्रावधानों की संवैधानिकताओं को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं के बाद कुछ धाराओं पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। गुजरात सरकार का कहना है कि वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएगी।

पटेल ने कहा कि उन्हें पता चला है कि कि अधिनियम को चुनौती देने वाली रिट याचिका एक संगठन के द्वारा दायर की गई थी। मैं उस संगठन से पूछना चाहा हूं कि अगर हिंदू लड़कियां हिंदुओं से शादी करती हैं, मुस्लिम लड़कियां मुसलमानों से शादी करती हैं, ईसाई लड़कियां ईसाई से शादी करती हैं, सिख लड़कियां सिखों से शादी करती हैं तो उन्हं क्या दिक्कत है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अगर कोई हिंदू लड़का एक निर्दोष मुस्लिम लड़की को धोखा देकर शादी करताहै तो ये कानून उसपर भी लागू होगा। इसलिए ये कानून किसी विशेष धर्म के लिए नहीं है।

बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में धर्मांतरण विरोधी कानून में सुधार की मांग करने वाली राज्य की याचिका खारिज कर दी है। इसके बाद राज्य के गृह व कानून मंत्री प्रदीप सिंह जड़ेजा ने कहा था कि लव जिहाद कानून हमारी बेटियों के साथ खिलवाड़ करने वाली जिहादी ताकतों को नष्ट करने के लिए हथियार के रूप में लाया गया था। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।

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