जनज्वार। सोशल मीडिया पर रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी की कोरोना से मौत की खबर वायरल हो रही है। जब इसकी पड़ताल की गयी तो पता चला कि वह जिंदा हैं, और उन्होंने इस खबर का खंडन खुद किया है।
ट्वीटर पर अपनी मौत को अफवाह बताते हुए जीडी बख्शी ने ट्वीट किया है, 'मेरे लिए चिंतित दोस्तो और जो मेरे लिए फिक्रमंद हैं उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि मैं अभी जिंदा हूं घबराने वाली कोई बात नहीं है। मैं अभी तक अल्लाह ताला के पास नहीं गया हूं। सुबह से मैं घबराए हुए दोस्तों की फोन कॉल उठाकर थक गया है। वो लोग मेरे लिए चिंतित हैं कि आखिर मेरे साथ क्या अनहोनी हुई, मैं जिंदा हूं दोस्तो।
To all my Worried friends and those not so friendly. IM ALIVE please no panic.I havent gone upstairs to Allah tala as yet. Since morning i have been flooded with calls from panic stricken friends to find out if i am alive still.
— Maj Gen (Dr)GD Bakshi SM,VSM(retd) (@GeneralBakshi) May 7, 2021
Short answer - I Am
जीडी बख्शी ने लिखा है, मेरी मौत से डरे अपने दोस्तों की फोन कॉल उठाकर मैं उन्हें बता रहा हूं कि मैं जिंदा हूं, किसी ने मेरी मौत की अफवाह उड़ायी है।
जीडी बख्शी के मुताबिक उनकी मौत की अफवाह व्हाट्सएप पर वायरल हुयी थी, जिसके बाद उनके पास लगातार शुभचिंतक फोन कर सच का पता लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि 1950 में जन्मे मेजर जनरल गगनदीप बख्शी (जीडी बख्शी) भारतीय सेना के रिटायर्ड ऑफिसर हैं। वे जम्मू-कश्मीर राइफल्स में थे। वह कारगिल युद्ध में बटालियन को कमांड करने के लिए विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किए जा चुके हैं। बाद में उन्हें आतंकवाद-रोधी अभियान के दौरान एक बटालियन को कमांड करने के लिए सेना पदक से भी सम्मानित किया गया। जीडी बख्शी ने बोस: एन इंडियन समुराई: नेताजी एंड द आईएनए: ए मिलेट्री एसेस्मेंट नाम की किताब भी लिखी है, जो काफी चर्चित रही थी।
जीडी बख्शी सैन्य संचालन महानिदेशालय में दो कार्यकालों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह पहले मुख्यालय उत्तरी कमान (भारत) में पहले BGS (IW) रहे, जहां उन्होंने सूचना वॉरफेयर और मनोवैज्ञानिक कार्यों के साथ काम किया था।