चुनाव लड़ने अहमदाबाद से फैक्ट्री मालिक लौटा था गांव, पीट-पीटकर कर दी हत्या और 3 घंटे बाद पहुंची पुलिस
जनज्वार। उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल से पंचायत चुनाव होने हैं और प्रत्याशी अपनी जीत के लिए जीजान से मैदान में उतर गये हैं। पंचायत चुनाव लड़ने के लिए ही अहमदाबाद से एक उद्यमी अपने गांव लौटा था, जिसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी। ताज्जुब की बात यह है कि जानकारी के बावजूद पुलिस पूरे 3 घंटे बाद मौके पर पहुंची।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के बरदह थाना क्षेत्र के सोनहरा गांव में सोमवार 29 मार्च की रात करीब 8:00 बजे चुनावी रंजिश को लेकर 42 वर्षीय उद्यमी अनिल यादव की दूसरे पक्षों के लोगों ने लाठी-डंडों से पीटकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने अनिल यादव की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जानकारी के मुताबिक अनिल 10 दिन पहले ही पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अहमदाबाद से अपने गांव वापस लौटा था। अहमदाबाद में उसकी जींस पैंट मैनुफैक्चिरिंग की फैक्टरी है।
मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक बरदह थाना क्षेत्र के सुनहरा गांव निवासी कन्हैया यादव के 42 वर्षीय पुत्र अनिल यादव का गुजरात के अहमदाबाद में कपड़े का कारोबार है। वह पावर लूम फैक्ट्री लगाकर जींस के कपड़े की मैनुफैक्चिरिंग करता था। प्रधानी का चुनाव लड़ने के लिए वह 10 दिन पूर्व घर आया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक होली के दिन सोमवार 29 मार्च की रात को गांव में ही कुछ लोगों का विवाद हो गया। विवाद की बात सुनकर विपक्षियों से पूछताछ के लिए पहुंचे अनिल यादव को पहले से घात लगाकर बैठे विपक्षियों ने दौड़ा-दौड़ा कर लाठी डंडों से बुरी तरह पीटा। जब वह जान बचाने के लिए भागा तो उसके पीछे से लाठी-डंडों से वार किया, जिससे वह अधमरा हो गया। अनिल के परिजन और गांव के लोग गंभीर रूप से घायल अनिल को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मार्टिनगंज पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद अनिल यादव के परिजन उसकी लाश को लेकर घर लौट आये। पुलिस को सूचित किये जाने के बादवजूद वह गांव में रात को करीब 12:00 बजे पहुंची। यानी लगभग 3 घंटे देरी से पहुंची पुलिस अनिल यादव की लाश को थाने लेकर गयी, जिसके बाद से गांव में भारी तनाव बना हुआ है। किसी हिंसा की आशंका को देखते हुए गांव में पुलिस तैनात कर दी गयी है। हालांकि पुलिस ने अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।
ग्रामीणों के मुताबिक अनिल अपने मां-बाप का एकलौता बेटा था और ग्राम प्रधान बनने का ख्वाब लिए अहमदाबाद से घर वापस लौटा था।