Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

बागपत पहुंचे मेघालय के राज्यपाल ने कहा सत्ता के अहंकार में किसानों से ज्यादती न करे मोदी सरकार

Janjwar Desk
15 March 2021 1:21 PM IST
बागपत पहुंचे मेघालय के राज्यपाल ने कहा सत्ता के अहंकार में किसानों से ज्यादती न करे मोदी सरकार
x
सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने किसान आंदोलन के मामले में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिलकर किसानों की बात रखी है और कहा कि इन्हें खाली हाथ मत भेजना, न ही इन पर बल प्रयोग करना, ये खाली हाथ गए तो 300 साल तक भूलेंगे नहीं

जनज्वार, बागपत। 'केंद्र सरकार गलत रास्ता अपना रही है। सरकार किसानों को हरा नहीं पाएगी। केंद्र सरकार एमएसपी को कानूनी मान्यता दे तो किसान भी मान जाएंगे। सत्ता के अहंकार में किसानों के साथ ज्यादती न करें, उनकी जायज मांगे मान लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का काम चुप रहना है, लेकिन मेरी आदत है कि जो सामने हो रहा है, उस पर बोलूं।'

यह कहना है, रविवार को अपने गृह जनपद के कस्बा अमीनगर सराय में आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित करने पहुंचे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने किसान आंदोलन के मामले में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिलकर किसानों की बात रखी है और कहा कि इन्हें खाली हाथ मत भेजना, न ही इन पर बल प्रयोग करना। ये खाली हाथ गए तो 300 साल तक भूलेंगे नहीं। सिक्खों को मैं जानता हूं, इंदिरा गांधी ने भी ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद अपने यहां एक माह तक महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया था।

राज्यपाल ने कहा कि 'मैंने जब राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की सुगबुगाहट सुनी तो फोन करके इसे रुकवाया। राज्यपाल ने कहा कि देश में किसान का बुरा हाल है। किसान प्रतिदिन गरीब हो रहा है, जबकि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन हर तीसरे साल बढ़ा दिया जाता है। किसान जो बोता है वो सस्ता और जो खरीदता है वो महंगा हो जाता है। किसान परिवार से हूं, इसलिए उनकी तकलीफ समझता हूं।'

किसानों की समस्या हल कराने के लिए जहां तक जाना पड़ेगा, वहां तक जाऊंगा। एक कानून का प्रचार किया जा रहा है कि किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकता है। यह कानून 15 साल से है। लेकिन यूपी का किसान हरियाणा में फसल बेचने जाता है तो उस पर लाठीचार्ज हो जाता है। जिस देश के किसान और जवान असंतुष्ट होंगे, वह कभी तरक्की नहीं कर सकता। सरकार को किसानों की समस्या हल करने की कोशिश करनी चाहिए।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटवाने के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने भेजा। वहां के नेताओं ने खुलेआम आतंकियों की तरह धमकी दी। लेकिन जब धारा 370 हटी तो एक गोली भी नहीं चलानी पड़ी। उनके समर्थन में जनता नहीं आई। पंचायत चुनाव में भी वहां के अलगाववादी नेताओं ने शामिल होने से इन्कार कर दिया था।

आतंकियों ने चुनाव लड़ने वालों को गोली मारने की धमकी दी थी। लेकिन वहां शांतिपूर्वक चुनाव हुआ।चार हजार पंच और सरपंच चुने गए। कश्मीर में देश के अन्य राज्यों से ज्यादा भ्रष्टाचार, गरीबी और अय्याशी है। जनता वहां आधारभूत चीजों के लिए जूझती है और नेता अय्याशी करते हैं। मैंने रोशनी एक्ट को निरस्त किया।

कई नेताओं ने इस एक्ट की आड़ में जमीनें कब्जाकर उस पर अपनी कोठी बनवा रखी हैं। अब सीबीआई इसकी जांच कर रही है। बिहार में बीएड में प्रवेश के लिए केंद्रीकृत परीक्षा का आदेश दिया तो वहां दाउद तक की धमकी मिली। लेकिन मैं डरा नहीं और प्रवेश परीक्षा में पास हुए गरीब बच्चों ने इस काम के लिए काफी सम्मान दिया। कॉलेजों में महिला शौचालय को अनिवार्य किया। छेड़छाड़ रोकने के लिए राजभवन का नंबर भी जारी किया।

Next Story