Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

Harish Rawat ने किसे दी मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी, गले पड़ा 'मुस्लिम यूनिवर्सिटी' का जिन्न

Janjwar Desk
14 March 2022 2:48 PM GMT
Harish Rawat ने किसे दी मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी, मुस्लिम यूनिवर्सिटी का जिन्न पड़ा गले में
x

Harish Rawat ने किसे दी मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी, 'मुस्लिम यूनिवर्सिटी' का जिन्न पड़ा गले में

Harish Rawat : अपने सोशल मीडिया एकाउंट के माध्यम से यह चेतावनी देते हुए हरीश रावत ने कहा कि Dhami Ki Dhoom धामी अर्थात पुष्कर सिंह धामी, इस नाम के फेसबुक पेज से मेरी एक आपत्तिजनक फोटो पोस्ट की गई है....

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Harish Rawat : प्रदेश में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस (Congress) में हार का ठीकरा फोड़ने के लिए आपसी सिर-फुटौवल शुरू हो गयी है। कहीं पार्टी के निर्णयों को गलत बताया जा रहा है तो कहीं नेताओं की बयानबाजी को। इससे इतर पार्टी के उत्तराखण्ड (Uttarakhand) में सेनापति हरीश रावत के गले में प्रदेश में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना का मुद्दा हड्डी की तरह अटक गया है। इस मुद्दे से बौखलाए हरीश रावत ने अब एक सोशल मीडिया पेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी है। खण्डन के बाद भी मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Muslim University) का मामला अपने से जोड़े जाने से नाराज इस मामले में गुस्साए रावत ने अब सीधे पुलिस में मुकदमा दर्ज कराए जाने की चेतावनी दी है।

अपने सोशल मीडिया एकाउंट के माध्यम से यह चेतावनी देते हुए हरीश रावत ने कहा कि "Dhami Ki Dhoom, धामी अर्थात पुष्कर सिंह धामी। इस नाम के फेसबुक पेज से मेरी एक आपत्तिजनक फोटो पोस्ट की गई है, जिसकी हमने चुनाव के दिनों में चुनाव आयोग से शिकायत की थी जिसको तत्काल हटाने के आदेश सभी को चुनाव आयोग ने दिये थे और इसको आपत्तिजनक व कानून के विरुद्ध माना था। उस फोटो को लगाकर नीचे एक जाली अखबार के साथ एक क्रिएटिव बनाकर पोस्ट किया गया है और उस पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेकर के भी लोग मेरे पोस्टों में कमेंट पर पोस्ट कर रहे हैं, जिसका कहीं अता-पता नहीं है, उसका संदर्भ देकर मेरा नाम लेकर यह कहा गया है कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलेगी और यह अखबार भी झूठी है।''

''कभी इस तरीके का कोई बयान मैंने नहीं दिया है और क्योंकि ये भाजपा के धामी की धूम फेसबुक पेज में है जो राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री जी के नाम पर है और मैं चाहता हूं कि इस तरीके झूठे समाचार प्रकाशित करने के लिए इस पेज के एडिटर, मुझसे माफी मांगे अन्यथा मैं साइबर क्राइम के तहत इनके खिलाफ #FIR दर्ज कराने के लिए बाध्य होऊंगा।" रावत ने पोस्ट के साथ ही इस पेज का लिंक शेयर किया है।

हालांकि जिस पोस्ट का लिंक उन्होंने शेयर किया है, वह 9 मार्च यानी मतदान से एक दिन पहले का है। इसका मतलब है कि पोस्ट की वजह से कांग्रेस को जो राजनैतिक नुकसान होना था, वह हो चुका है। इसलिए उनकी इस पोस्ट पर तमाम मिश्रित कमेंट की भरमार लगी हुई है।

बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान सहसपुर विधानसभा क्षेत्र के एक अल्पसंख्यक कांग्रेस नेता द्वारा प्रदेश में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मांग करते हुए दावा किया था कि हरीश रावत ने यूनिवर्सिटी बनाने का वायदा किया है।

मुसलमानों के लिए हरीश रावत द्वारा यूनिवर्सिटी बनाये जाने के आश्वासन को भारतीय जनता पार्टी ने अपना मुख्य मुद्दा बनाते हुए हरीश रावत पर हमले शुरू कर दिये थे। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मुद्दे को भुनाते हुए इसे प्रदेश में मुसलमानों के बढ़ता प्रभाव बताया था। ऐसे में विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से कांग्रेस का प्रीतम कैम्प हार के लिए हरीश रावत के इस बयान को जिम्मेदार ठहरा रहा है। जबकि हरीश रावत ऐसा कोई आश्वासन ही दिए जाने से इनकार कर रहे हैं।

जहां एक तरह यह आपसी थुक्का-फजीहत चल रही है तो दूसरी ओर चुनावी हार पर आपसी रार को लेकर हाईकमान सख्त हो गया है। आलाकमान ने सोशल मीडिया पर कमेंट करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। हार के बाद कांग्रेस में शुरू हुई आपसी रार को लेकर प्रदेश नेतृत्व सख्त नाराज है। पिछले कुछ दिनों से इन दोनों नेताओं के समर्थक एक दूसरे पर जमकर कीचड़ उछाल रहे हैं, जिसको लेकर शीर्ष नेतृत्व ने चेतावनी भी जारी की है। अब पूर्व सीएम हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के खिलाफ सोशल मीडिया पर जारी बयानबाजी पर कार्रवाई की जाएगी। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को ऐसे नेताओं के कमेंट के स्क्रीन शॉट जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि यह वक्त कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का है न कि आपस में आरोप प्रत्यारोप करना का। इस आचरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गोदियाल ने कहा कि नतीजे अपने अनूकूल न आने पर पुरानी गलतियों से सबक लेकर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा जाता है। उन्होने कहा कि सोशल मीडिया पर पार्टी के कार्यकर्ता आपत्तिजनक कमेंट कर रहे हैं। यह गंभीर अनुशासनहीनता है। बता दें कि चुनाव नतीजों के आने के बाद से रावत और प्रीतम कैंप के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी है। चुनाव में मिली हार के लिए दोनों कैंप एकं दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कई दिनों से लगातार जारी इस लड़ाई की वजह से कांग्रेस की काफी किरकिरी हो रही है।

Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story

    विविध