India-China Relations : आत्मनिर्भर भारत या चीन निर्भर भारत बनाना चाहते हैं मोदी?, ब्रह्म चेलानी ने सरकार को कटघरे में किया खड़ा
India-China Relations : आत्मनिर्भर भारत या चीन निर्भर भारत बनाना चाहते हैं मोदी?, ब्रह्म चेलानी ने सरकार को कटघरे में किया खड़ा
India-China Relations : राष्ट्रीय सुरक्षा बोर्ड के पूर्व सदस्य व जानेमाने लेखक ब्रह्म चेलानी (Brahma Chellaney) ने केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। चेलानी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा कि सीमा पर चीन की मनमानी के बाद मोदी सरकार को उसके खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए थे लेकिन सरकार केवल चीन को खुश करने का काम कर रही है।
चेलानी ने कहा मोदी क्या आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते हैं या चीन निर्भर भारत? 2021 में चीन के द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष (Trade Surplus) ने भारत के रक्षा बजट को पीछे छोड़ दिया क्योंकि व्यापार 125.7 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। अब पिछली तिमाही में चीन के व्यापार अधिशेष ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
Is Modi seeking to build an "atmanirbhar" (self-reliant) India or a China-reliant India? In 2021, China's bilateral trade surplus overtook India's defense budget, as trade jumped to all-time high of $125.7 billion. Now China's trade surplus hits a new record in the last quarter.
— Brahma Chellaney (@Chellaney) April 16, 2022
उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार ने 1.79 अरब डॉलर के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल मंजूर किए हैं। ये उन पड़ोसी देशों के हैं जो भारत में निवेश करने के इच्छुक हैं लेकिन सरकार ने ये बात सार्वजनिक नहीं की कि ये सारे प्रस्ताव जो मंजूर हुए वो चीन के हैं। एक तरफ चीन हमें लगातार आंखें दिखा आ रहा है, वहीं चीन से आ रहे बेवजह के साजोसामान की आम को सरकार रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।
Instead of imposing costs, India is rewarding China's ongoing border aggression. It recently approved foreign investment proposals worth $1.79 billion from "neighboring nations," without disclosing that almost all were from China. It is doing nothing to cut non-essential imports.
— Brahma Chellaney (@Chellaney) April 16, 2022
चेलानी के ट्वीट पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक यूजर ने लिखा- हमारे पास 2014 से एक तमाशा व्यापार नीति है। कई इलेक्ट्रोनिक व इंजीनियरिंग सामान एमएसएमई बंद हो गए। भारत अब मैन्युफैक्चरिंग हब नहीं रह गया है, चीन से सस्ते आयाद ने भारत में व्यवसायों को बर्बाद कर दिया है। सरकार की ओर से आयात पर कोई रोक नहीं है।
We have farce business policy frm 2014 many electronic n engineering goods MSME were shut down #India is no longer a manufacturing Hub cheap import frm #China ruined businesses in India their is no bar on imports frm govt #india lost sectors toys steel mobile phones etc
— Atmanirbhar Er ashish 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ashish_dagwar) April 16, 2022
एक अन्य यूजर ने लिखा- हमें अपने प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता देनी चाहिए। ऐसा लगता है कि हमारी सरकार आत्मनिर्भरता के बारे में भूल गई है, चीने के साथ $125.7 बिलियन का व्यापार बताता है कि हम चीनी प्रोडक्ट्स का मुकाबला करने में विफल रहे हैं।
We should give priority our Indian product.
— Jay Prakash Chauhan (@JayPrakash_Chau) April 16, 2022
As seems that our govt have forget about self-reliant ,$125.7 billion trade with China shows that we have failed to counter Chinese goods