Jayant Chaudhary: जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी, इस तरह पूरा किया जाएगा बहुमत का तिकड़म
RLD chief Jayant Choudhary ने ट्विटर पर बदला अपना नाम, बताई ये वजह
Jayant Chaudhary: यूपी विधानसभा चुनाव- 2022 के नतीजों के बाद सपा-रालोद गठबंधन भविष्य की राजनीति का ताना-बाना बुन रहा है। UP में जून और जुलाई माह में होने वाले राज्यसभा चुनाव में जयंत सिंह को राज्यसभा (Rajyasabha) भेजे जाने की अटकलें शुरू हो गई हैं। रालोद के हिस्से में आठ विधानसभा सीटें हैं, बाकी वोट सपा के खाते से पूरी की जाएंगी।
बता दें कि, प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने 111, रालोद ने आठ और सुहैल देव भारतीय समाजवादी पार्टी ने छह सीटें जीती हैं। गठबंधन की कुल 125 सीटों के जरिए सबसे बड़ा विपक्षी दी है। प्रदेश में राज्यसभा की 31 सीटें हैं, जिनमें जून माह में कुछ सीटें खाली होने जा रही है। ऐसे में जून-जुलाई में राज्यसभा के चुनाव होंगे, जिनके जरिए गठबंधन के बड़े चेहरों को सदन का हिस्सा बनाया जाएगा।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने ने इनकार कर चुके रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह (Jayant Singh) को इस बार राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि चुनाव के नतीजों के बाद सपा और रालोद नेताओं में बातचीत हुई है। इसके अलावा 21 मार्च को लखनऊ में भी बातचीत होगी।
2009 में पहली बार बने थे सांसद
रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह 2009 में मथुरा से सांसद रह चुके हैं। इसके बाद वह 2012 में मथुरा की मांट सीट से विधायक चुने गए थे, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। मांट से लगातार जीतने वाले विधायक श्याम सुंदर शर्मा को हराने में भी जयंत सिंह कामयाब रहे थे।
खुद को साबित करने में रहे कामयाब
2017 के चुनाव में रालोद को सिर्फ छपरौली की सीट मिली थी, उसमें भी जीत का अंतर बहुत अधिक नहीं था। इस बार रालोद ने आठ सीटें जीती हैं। पश्चिमी यूपी में भाजपा को सबसे बड़ा सियासी नुकसान करने में रालोद कामयाब रहा है। गठबंधन में चौधरी जयंत सिंह ने खुद को मजबूत से पेश किया है। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पहली बार जाट वोट रालोद के हिस्से में इतनी बड़ी संख्या में खड़ा दिखाई दिया है।
अध्यक्ष बनने के बाद पहला चुनाव
चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद जयंत सिंह रालोद के अध्यक्ष बनाए गए थे। उनके नेतृत्व में रालोद ने पहला चुनाव लड़ा और आठ सीटें जीतने में कामयाबी हासिल कर ली है।