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राजनीति

BJP Mission 2024: वोट प्रतिशत में घटे मार्जिन के साथ 2024 से पहले BJP का टेस्ट लेंगे इन 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव

Janjwar Desk
12 Dec 2022 9:48 AM IST
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BJP Mission 2024: वोट प्रतिशत में घटे मार्जिन के साथ 2024 से पहले BJP का टेस्ट लेंगे इन 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव

BJP Mission 2024: देश की मोदी मीडिया भाजपा की गुजरात जीत को लेकर गदगद है। इसे मोदी मैजिक का नाम दिया जा रहा है। लेकिन हिमाचल चुनाव, यूपी उपचुनाव समेत अन्य राज्यों में औसत प्रदर्शन के लिए BJP की कोई बात नहीं कर रहा है...

BJP Mission 2024: देश की मोदी मीडिया भाजपा की गुजरात जीत को लेकर गदगद है। इसे मोदी मैजिक का नाम दिया जा रहा है। लेकिन हिमाचल चुनाव, यूपी उपचुनाव समेत अन्य राज्यों में औसत प्रदर्शन के लिए BJP की कोई बात नहीं कर रहा है। भाजपा मोदी मैजिक को 2024 लोकसभा चुनाव में भी भुनाना चाहेगी, लेकिन उससे पहले देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव BJP के लिए तय करेगा कि उंट किस करवट बैठेगा?

आगामी वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव का रास्ता इन 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव से भी होकर निकलेगा। ऐसे में भाजपा के लिए ये चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण साबित होगा। गुजरात में 156 सीटें जीतने वाली भाजपा अन्य जगहों पर औसत प्रदर्शन को लेकर चिंतित जरूर है। कल ही Delhi MCD चुनाव में मिली हार के बाद प्रदेश अद्यक्ष आदेश गुप्ता को इस्तीफा देना पड़ा है।

1. नागालैंड (60 सीटें)

साल 2018 में राज्य की 13वीं Assembly का चुनाव नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी (NDPP) और BJP ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक एलायंस (PDA) के साथ मिलकर लड़ा था। NDPP के नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री बने। वहीं, बीजेपी ने राज्य में 12 सीटें जीतीं थीं।

2. मेघालय (60 सीटें)

मेघालय में मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के नेतृत्व में नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) का शासन है। 2018 के चुनाव में पार्टी को भाजपा और क्षेत्रीय दलों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन उसने 60 में से 53 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ा। संगमा ने हाल ही में घोषणा की कि एनपीपी अगले साल होने वाले चुनाव अकेले लड़ेगी और उन्होंने 58 उम्मीदवारों को पाइनल भी कर दिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि हम एनडीए का समर्थन करते हैं और यह जारी रहेगा।

3. त्रिपुरा (60 सीटें)

वाम मोर्चे के 25 साल के शासन को समाप्त करते हुए भाजपा पहली बार 2018 में राज्य में सत्ता में आई थी। इस साल 14 मई को अचानक बदलाव करते हुए भाजपा ने बिप्लव देब को सीएम पद से हटाकर माणिक शाहा को सीएम बना दिया था। कांग्रेस और सीपीआई (M) लड़ाई करने की कोशिश कर रहे हैं और दोनों के बीच गठबंधन की बात भी चल रही है।

4. कर्नाटक (224 सीटें) ऴ

भाजपा ने पिछली बार कांग्रेस और जद (एस) के गठबंधन से सत्ता गंवा दी थी। लेकिन 14 महीनों के भीतर भाजपा के पुराने योद्धा बीएस येदियुरप्पा ने दलबदल कर जद (एस) कांग्रेस सरकार गिराकर सरकार बनाई। पिछले साल जुलाई में भाजपा ने बसवराज बोम्मई को सीएम बना दिया।

5. मिजोरम (40 सीटें)

मिजोरम की मिजो नेशनल फ्रंट के नेता जोरमथांगा दिसंबर 2018 में राज्य के मुख्यमंत्री (Chief Minister) बने जब उनकी पार्टी ने राज्य में विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की और कांग्रेस को हराया था।

6. छत्तीसगढ़ (90 सीटें)

हाल के वर्षों में अपनी सबसे निर्णायक जीत में से एक में, कांग्रेस ने भूपेश बघेल के नेतृत्व में 90 में 63 सीटें हासिल करके राज्य में जीत हासिल की थी। बघेल का कद तब से पार्टी में बढ़ा है। जब भाजपा किसी भी वास्तविक चुनौती को पार करने के लिए संघर्ष कर रही थी। हाल के उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी एसटी- आरक्षित भानुप्रतापपुर सीट को बरकरार रखा, जिससे उपचुनाव में भाजपा की लगातार पांचवी हार हुई।

7. मध्य प्रदेश (230 सीटें)

एमपी विधानसभा का कार्यकाल जनवरी 2024 में समाप्त हो रहा है। बीजेपी के तीन बार के सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कड़ी टक्कर के बाद कांग्रेस ने यहां सत्ता पर कब्जा कर लिया। लेकिन मार्च 2020 में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया 22 विधायकों के साथ भाजपा में चले गये और कमलनाथ सरकार गिर गई थी।

8. राजस्थान (200 सीटें)

2024 की जनवरी में राजस्थान सरकार का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। राज्य में परंपरागत भाजपा और कांग्रेस का शासन रहा है। अशोक गहलोत के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार ने 2018 में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार को हराया था। कांग्रेस ने राज्य में 99 सीटों का बहुमत हासिल किया और सरकार बनाई, जबकि बीजेपी को 73 सीटें मिली थीं।

9. तेलंगाना (119 सीटें)

तेलंगाना में केसीआर के नाम से लोकप्रिय के चंद्कशेखर राव ने राज्य में भारी जीत हासिल करने के बाद दिसंबर 2018 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। भाजपा राज्य में पैठ बनाने के लिए मेहनत कर रही है और हैदराबाद नगर निगम में पैर जमाने के बाद सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति, जिसका नाम भारत राष्ट्र समिति हो गया है, उसने हाल के उपचुनाव में जीत हासिल की है। इस बीच केसीआर राष्ट्रीय स्तर पर निकलने का मन बना रहे हैं।

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