Lakhimpur Kheri Violence : ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है गुंडे अजय मिश्र टेनी को गिरफ्तार करो, मंत्री के बयान पर पूरे देश में बवाल
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी।
Lakhimpur Kheri Violence : लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजम मिश्र टेनी बुरी तरह से फंस गए हैं। अब उनका बचना मुश्किल है। खासकर बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में वह जिस तरह से अपने गृह जनपद में आपा खोते हुए मीडियाकर्मी से न केवल बद्जुबानी करते दिखाइ्र दिए हैं, बल्कि धक्का देकर उस पर हाथ उठाते हुए दौड़े, के बाद से एक तरफ विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है तो दूसरी तरफ ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है टैनी को गिरफ्तार करो।
इन सब घटनाक्रमों की वजह से केंद्र सरकार भी दबाव में है। बताया जा रहा है कि अजय मिश्र टेनी को दिल्ली बुलाकर फटकार भी लगाई गई है। साथ ही मुंह बंद रखने को कहा गया है।
हत्या में टेनी भी शामिल, गिरफ्तार करो
Ajay Mishr Teni is equally responsible for Lakhimpur m@ss@cre & needs to be arrested immediately.#गुंडे_टेनी_को_गिरफ़्तार_करो
— Mohit Gahlot (@_MohitGahlot_) December 16, 2021
Please amplify through tweets and RTs. pic.twitter.com/M0aWE52XT9
अजय मिश्र टेनी लखीमपुर m@ss@cre के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं और उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने की आवश्यकता है।
अपराधियों के लिए बीजेपी सुरक्षित जन्नत, बॉयकॉट बीजेपी
Why is Bjp party protecting Ajay mishra teni. Bjp is safe heaven for criminal that's why All the criminals even from other parties go to BJP to avoid raids . Boycott Bjp . How can anyone feel safe if home minister himself is a gunda. #गुंडे_टेनी_को_गिरफ़्तार_करो pic.twitter.com/0dlJkgO7O2
— Gurwinder (@Gurwind45589679) December 16, 2021
ट्विटर यूजर गुरविंदर का कहना है कि बीजेपी पार्टी अजय मिश्रा तेनी को क्यों बचा रही है। अपराधियों के लिए बीजेपी सुरक्षित जन्नत है। इसलिए छापे से बचने के लिए अन्य पार्टियों के भी सभी अपराधी बीजेपी में जाते हैं। बॉयकॉट बीजेपी। अगर गृह मंत्री खुद गुंडा हैं तो कोई कैसे सुरक्षित महसूस कर सकता है। #गुंडे_वार्ता_को_गिरफ़्फ़_करो।
सरकार सोच समझकर बयान दे
ट्रक्टर2 नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा हे कि सरकार का कहना है कि लखीमपुर पर चर्चा इस लिए नहीं करवा रहे क्योंकि इससे सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच प्रभावित होगीं सरकार को ऐसा बयान देने से पहले समझ लेना चाहिए कि मुख्य दोषी के पिता मंत्रीमंडल में हैं। इससे ही सारी पुलिस और जांच प्रभावित हो रही है।
दूसरी तरफ अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी पर टिप्पणी देते हुए केंद्र सरकार के एक मंत्री ने कहा कि इसे अच्छा नहीं कहा जा सकता। इससे अधिक वह कुछ नहीं बोल सकते। दरअसल अजय मिश्र टेनी अपने बेटे पर पुलिस की कार्रवाई और एसआईटी जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं। इस मुद्दे पर मिश्र ही नहीं केंद्र सरकार के तमाम मंत्री और भाजपा के नेता सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने कैबिनेट के इस सहयोगी को अभी क्लीन चिट नहीं दी है।
जानकारी तो यह भी है कि टेनी के बेटे का मसला गंभीर है। यह किसानों से जुड़ा मुद्दा है। किसानों से जुड़े मामले में प्रधानमंत्री काफी संवेदनशील रहते हैं। इस तरह के मामलों में वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेते और न ही किसी को आसानी से माफ करते हैं। उन्हें सही समय का इंतजार रहता है। बताते हैं कि प्रधानमंत्री ऐसे मामलों में विपक्ष को राजनीतिक लाभ लेने का अवसर भी नहीं देते। यही कारण है कि अजय मिश्र टेनी खुद के और बेटे के भविष्य को लेकर काफी उलझन में चल रहे हैं। अभी तक तिकुनिया हिंसा के मामले में गृहमंत्री अमित शाह ने ही अजय मिश्र से बात की है।