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राजनीति

एलपीजी सिलिंडर की कीमतों में बढ़ोत्तरी, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

Janjwar Desk
16 Dec 2020 3:21 PM GMT
एलपीजी सिलिंडर की कीमतों में बढ़ोत्तरी, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
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कांग्रेस ने कहा कि यह तस्वीर बहुत ही चौंकाने वाली है, 2014 में सब्सिडी वाले सिलेंडर 412 रुपये में बेचे जा रहे थे,अब इसकी कीमत में 183 रुपये की बढ़ोतरी हुई है और सिलेंडर 595 रुपये में बेचा जा रहा है....

नई दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को एलपीजी सिलिंडर की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इससे मध्यम वर्गीय परिवारों के बजट पर बुरा असर पड़ रहा है।

संवाददाताओं से मुखातिब कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, 'पिछले 15 दिनों में रसोई गैस की कीमतों में प्रति सिलिंडर 100 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इसने न केवल परिवारों के मासिक बजट को खराब किया है, बल्कि इससे मध्यम वर्ग, गरीब, निम्न मध्यम वर्ग के लिए लिए बहुत बड़ा दर्द दिया है।'

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का उदाहरण देते हुए श्रीनेत ने कहा कि एलपीजी सिलिंडर 757 रुपये में बेचे जा रहे हैं और इसकी तुलना 2014 में सब्सिडी वाले और गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडरों से की जा सकती है।

उन्होंने कहा, 'यह तस्वीर बहुत ही चौंकाने वाली है। 2014 में सब्सिडी वाले सिलेंडर 412 रुपये में बेचे जा रहे थे। अब इसकी कीमत में 183 रुपये की बढ़ोतरी हुई है और सिलेंडर 595 रुपये में बेचा जा रहा है।'

उन्होंने आगे कहा कि गैर-सब्सिडी वाले सिलिंडर 574 रुपये में बेचे गए, जबकि आज उन्हें 694 रुपये में बेचा जा रहा है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, 'सिलिंडर की कीमत बढ़ाने का आम घरों और गृहणियों के बजट पर असर होता है।'

उन्होंने सवाल किया कि भाजपा की वे महिला नेत्रियां कहां गईं, जो कांग्रेस की सरकार के समय रसोई गैस के दाम बढ़ने पर सिलिंडर लेकर धरने पर बैठती थीं?

सुप्रिया ने कहा, 'क्या मुनाफा सिर्फ सरकार का हो और कष्ट आम लोग झेलें? अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और गैस की कीमत गिर गई है तो इसका फायदा आम लोगों को मिलना चाहिए।'

सुप्रिया श्रीनेत ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि को लेकर भी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि आम लोगों को कुछ राहत दी जाए, क्योंकि वे इस समय आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, वेतन में कटौती और भारतीय अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।

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