PM Modi Security Lapse : एक टीवी डिबेट में शहजाद पूनावाला इस कदर नाराज हुए कि योगेंद्र यादव की कर दी गोविंदा की मूवी से तुलना, पर क्यों?
नई दिल्ली। एक टीवी डिबेट में योगेंद्र यादव के बयान से भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला इतना नाराज हुए कि उन्होंने योगेंद्र यादव की तुलना गोविंदा की एक फिल्म से कर दी। अपना आपा खोने के बाद पूनावाला ने कहा कि गोविंदा की एक फिल्म आई थी, उसमें गोविंदा कई सारे किरदार के फोटो निकालकर रहता है और वो खुद को कभी डॉक्टर बताता है, कभी लॉयर, कभी ये, कभी वो। तो इस प्रकार से हमारे देश में बहुत सारे एक्सपर्ट हैं। कभी पावर ग्रिड पर एक्सपर्ट बन जाते हैं, कोरोना वैक्सीन पर बन जाते हैं, कभी लोकपाल पर बन जाते हैं, कभी किसानों पर बन जाते हैं। ऐसे हमारे देश में भी कई किरदार हैं।
भाजपा प्रवक्ता का बयान
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि क्या देश की जनता अगर अपने प्रधानमंत्री की आयु के लिए मंदिर में पूजा-पाठ करती है तो वो इनको ड्रामा लगता है। ये ड्रामा बन चुका है। मतलब हिंदुओं का अपमान करना भी अब जरूरी हो चुका है। मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि अगर यह राजनीतिक प्रपंच है तो सुप्रीम कोर्ट ने क्यों इसका संज्ञान लिया। पंजाब पुलिस के लेटर में लिखा है कि एक लाख की भीड़ आने वाली है। यहां पर वैकल्पिक रूट के इंतजाम किए जाने चाहिए।
क्या कहा योगेंद्र यादव ने, क्यों लगी पूनावाला को मिर्ची
सेफोलॉजिस्ट और नेता योगेंद्र यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि सुरक्षा में चूक के नाम राजनीति की जा रही है। देश के इतिहास में ये पहली बार नहीं है कि पीएम की सुरक्षा में चूक हुई हो। प्रधानमंत्री पर जूता भी चला था, मनमोहन सिंह तब प्रधानमंत्री थे। और वो गुजरात में चला था, वो भी पाकिस्तान के काफी करीब है। लेकिन उस वक्त इस तरह की नौटंकी नहीं हुई थी।फ्लाई ओवर पर पीएम मोदी का काफिला अटकने पर उन्होंने कहा कि मैंने तो फोन करके एसपीजी के कुछ पुराने अफसरों से बात की तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की गाड़ी कोई पहली गाड़ी नहीं होती है उस काफिले की और भी गाडि़यां होती हैं जो आगे चल रही होती हैं। तो क्या प्रधानमंत्री के फ्लाई ओवर पर चढ़ने से पहले खुद एसपीजी को पता नहीं था कि वो फ्लाई ओवर आगे से ब्लॉक है। एक फ्लाई ओवर पर प्रधानमंत्री की गाड़ी का चढ़ना, क्योंकि वो एक तरह की ब्लॉक सिचुएशन है। क्या ये एसपीजी की ब्लू बुक के खिलाफ नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि पंजाब के किसान संगठनों का यह कहना कि हमने पीएम को लौटा दिया ये हमारी जीत है, पर जवाब देते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि 10 किसान संगठनों का कॉल था कि डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर जा रहे थे। वहीं पर प्रोटेस्ट होना था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका और वे रुक गए। अगर किसानों का मकसद पीएम के पास जाना होता तो कोई तो ऐसा प्रयास करता हुआ नजर आता। किसानों को पीएम मोदी के रूट की कोई जानकारी नहीं थी और होनी भी नहीं चाहिए।
इसके बावजूद मेरा मानना है कि मुझे जो दिक्कत है वो इससे है कि इसके बारे में पूरे देश में किस तरह का राजनीतिक प्रपंच रचा जा रहा है। खुद प्रधानमंत्री अपनी जान को खतरा होनी की बात कहते हैं। अरे भई इतनी बड़ी पोजिशन पर हैं, इतनी हल्की बात तो न कहिए। अगर आपको बीजेपी कार्यकर्ताओं से जान का खतरा था तो अलग बात है। ये जो यज्ञ, जाप, प्रेस कॉन्फ्रेंस जो हो रही है, ये किस तरह का ड्रामा है।