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राजनीति

पुराने तेवर में Arvind Kejriwal, पीएम पर दनादन बोल रहे हैं हमला, जानें क्या है बेताबी का राज?

Janjwar Desk
23 March 2022 8:13 AM GMT
पुराने तेवर में अरविंद केजरीवाल, पीएम पर दनादन बोल रहे हैं हमला,
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Rahul Gandhi, Arvind Kejriwal  and PM Narendra Modi

Arvind Kejriwal का फोकस ऐसे राज्यों पर रहेगा जहां पर वो कांग्रेस का विकल्प बन सकते हैं। ऐसे में आपको उन राज्यों में ज्यादा माइलेज मिलेगा जहां भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला है।

नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनाव में आप ( AAP ) की प्रचंड बहुमत से जीत के बाद से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) एक बार फिर पुराने तेवर में आ गए है। वो भाजपा ( BJP ) पर सीधे तो पीएम मोदी ( PM Narendra Modi ) अप्रत्यक्ष रूप से लगातार हमला बोल रहे हैं। एमसीडी चुनाव ( MCD Election 2022 ) को लेकर उन्होंने पीएम का नाम लिए बगैर भाजपा को खुल्लमखुल्ला चुनौती भी दी है। बुधवार को उन्होंने कहा है कि भाजपा में हिम्मत है तो एमसीडी का समय पर चुनाव कराकर दिखाएं।

पंजाब में जीत का लाभ उठाने की जुगत में आप

दूसरी तरफ सियासी जानकारों को कहना है कि सीएम केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) ऐसा सुनियोजित सियासी योजना के तहत कर रहे हैं। वह जानते हैं कि पंजाब में पार्टी की जीत के बाद दूसरे राज्यों में विस्तार देने का सुनहरा मौका है। साथ ही वो ये भी जानते हैं कि भाजपा ( BJP ) को तत्काल सियासी झटका देना संभव नहीं है। इसके बावजूद वो भाजपा पर लगातार हमला इसलिए बोल रहे हैं कि वो भारतीय राजनीति में कांग्रेस ( Congress ) का स्थान लेना चाहते हैं। उन्हें पता है तत्काल कांग्रेस सियासी तौर पर जोर लगाने के बावजूद उठने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में पंजाब की जीत की आड़ में वो कांग्रेस शासित राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत बना सकते हैं। साथ ही भाजपा शसित राज्यों में पार्टी का खाता खोलकर पार्टी को विस्तार दे सकते हैं। ऐसा करना भी स्वभाविक है। आखिर आम आदमी पार्टी पहली क्षेत्री पार्टी है जो दूसरे राज्यों में सरकार बनाने में कामयाब हुई है।

मिशन पर लगाए गए जैन, राय, मिश्रा और पाठक

यही वजह है कि आम आदमी पार्टी की पंजाब में ऐतिहासिक जीत को 2 हफ्ते भी पूरे नहीं हुए और पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मास्टर प्लान भी तैयार कर लिया है। AAP ने 6 राज्यों में चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। नये राज्यों के प्रभारी पार्टी के प्रसार मिशन में भी जुट गए हैं। दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन हिमाचल में डेरा डाले हुए हैं। गोपाल राय छत्तीसगढ़ में विजय यात्रा निकाल रहे हैं। राजस्थान में कांग्रेस ( Congress ) के दमदार नेता रहे महाबल मिश्रा के बेटे व दिल्ली के द्वारका से विधायक विनय मिश्रा को उन्होंने राजस्थान में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी है। पंजाब चुनाव में कुशल रणनीतिकार बनकर उभरे IIT प्रोफेसर संदीप पाठक BJP का गढ़ गुजरात भेदने का जिम्मा दिया गया है।

कांग्रेस को तोड़ने से भी नहीं करेंगे गुरेज

वहीं हरियाणा में सौरभ भारद्वाज पार्टी को नए सिरे से खड़ा कर रहे हैं। इन सबका मकसद आम आदमी पार्टी ( AAP ) का लक्ष्य है BJP के खिलाु सीधे मुकाबले में आकर कांग्रेस की जगह लेना है। आप रणनीति में एक खास बात यह भी है कि अभी उसका ध्यान लोकसभा चुनाव 2024 पर नहीं है। फिलहाल पार्टी विधानसभा चुनावों के जरिए राज्यों में अपने कैडर तैयार करने पर फोकस कर रही है। ताकि आगामी चुनावों में उसका लाभ उठा सके। फिर पार्टी की रणनीति से साफ है कि वो अब कांग्रेस नेताओं को आप में शामिल करने से भी नहीं हिचकेगी।

आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज तो खुल्लमखुल्ला कहने लगे हैं कि गुजरात और हिमाचल के विधानसभा चुनावों के लिए संगठन में नए स्तर से तैयारियां शुरू हो गई हैं। हमारा फोकस ऐसे राज्यों पर रहेगा जहां हम कांग्रेस का विकल्प बन सकते हैं। कांग्रेस पार्टी का भविष्य अस्त होने के कगार पर है। कई सारे कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता आप में शामिल होना चाहते हैं। ऐसे में हमें उन राज्यों में ज्यादा माइलेज मिलेगा जहां भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला है।

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कांग्रेस की कमजोरी का उठाएंगे लाभ

पार्टी को विस्तार देने की रणनीति के तहत जिन नेताओं को प्रभार दिया गया है उनकी जिम्मेदारी होगी कि पार्टी के लिए सदस्यता अभियान चलाएं और पार्टी का बेस बढ़ाने पर काम करें। पंजाब के पड़ोसी राज्यों में आम आदमी पार्टी के लिए अच्छा माहौल बनता भी दिख रहा है। इन राज्यों में राजस्थान और हरियाणा सबसे पहले नंबर पर है। वहीं गुजरात और हिमाचल प्रदेश में नवंबर 2022 में चुनाव है। गुजरात नगर निगम चुनाव में सूरत और गांधीनगर में आप को इस प्रयास में काफी सफलता भी मिल चुकी है।

आप विधायक सौरभ भारद्वाज का कहना है कि हम कांग्रेस की खोई हुई साख के जरिए अपनी पार्टी के संदेश को लोगों तक ले जा रहे हैं। लोग इस बात को समझ भी रहे हैं कि कांग्रेस अब भाजपा से मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए लोग आम आदमी पार्टी को विकल्प के रूप में स्वीकार कर सकते हैं।

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