कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान फिर राहुल गांधी को मिलना लगभग तय, बैठक में नेताओं ने उठायी मांग
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जनज्वार। कांग्रेस की कमान प्रत्यक्ष तौर पर एक बार फिर राहुल गांधी संभालेंगे। सबकुछ ठीक रहा है तो औपचारिक निर्वाचन प्रक्रिया के द्वारा एक बार फिर कांग्रेस के अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे। शनिवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पांच घंटे लंबी चली विभिन्न नेताओं की बैठक में पार्टी नेताओं ने राहुल को फिर अध्यक्ष बनाने की मांग रखी।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में राहुल गांधी ने कहा है कि उन्हें संगठन जो जिम्मेवारी देगी उसे वे पूरा करेंगे। हालांकि अध्यक्ष का चयन चुनाव पर छोड़ना चाहिए। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय को भी महत्व देने की बात कही है और कहा है कि इनमें कई उनके पिता के साथ काम कर चुके हैं।
इस बैठक के बाद पार्टी नेता पवन कुमार बंसल ने कहा कि कोई भी वहां राहुल गांधी का आलोचक नहीं था। हर कोई उनका समर्थक था। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गयी है। पवन बंसल ने कहा कि हमने पार्टी के भविष्य पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह एक रचनात्मक बैठक थी जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी आदि ने संगठन को मजबूत करने पर चर्चा की।
We discussed the future of the party. It was a constructive meeting in which senior leaders including Sonia Gandhi, Rahul Gandhi & Priyanka Gandhi discussed the current situation of the party & ways to strengthen it: Congress leader Prithviraj Chavan https://t.co/kIuyrl7MUR pic.twitter.com/he7l053t5R
— ANI (@ANI) December 19, 2020
इस बैठक में निचले स्तर से बदलाव करने व निर्वाचन प्रक्रिया के जरिए पदाधिकारियों के चयन की मांग करने वाले गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे। बैठक में अशोक गहलौत, आनंद शर्मा, बीएस हुड्डा, अंबिका सोनी, पी चिदंबरम, एके एंटोनी, कमलनाथ, हरीश रावत, मनीष तिवारी आदि नेता शामिल थे।
नेतृत्व चयन प्रक्रिया में बदलाव की मांग को लेकर गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिख कर नेतृत्व चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया था। बिहार चुनाव में महागठबंधन एनडीए से मामूली सीटों के अंतर से पिछड़ गया और इसका जिम्मेवार कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को माना गया। कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें वह मात्र 19 सीटें जीत पायी। वाम दलों ने कांग्रेस को अधिक सीटें दिये जाने पर सवाल भी उठाया था। महागठबंधन में राजद व वाम दलों का प्रदर्शन अच्छा रहा था। महागठबंधन के कुछ नेताओं ने राहुल गांधी द्वारा बिहार चुनाव के प्रचार के लिए पर्याप्त वक्त नहीं देने का मामला भी उठाया था।