चुनाव परिणामों के बाद किंग कोबरा बने मिथुन गायब, जनता बोली वापस बिल में घुसने का आ गया समय
West Bengal News : 'TMC के 38 विधायक BJP के संपर्क में, 21 से हो रही मेरी बात', मिथुन चक्रवर्ती का बड़ा दावा
जनज्वार। पश्चिम बंगाल चुनावों में तृणमूल पार्टी को मिले बहुमत और दावों के विपरीत भाजपा की शिकस्त के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की टिप्पणियां आ रही हैं। चुनावों से पहले भाजपा की सदस्यता लेने वाले मिथुन चक्रवर्ती को लेकर भी जनता ने मजेदार टिप्पणियां करनी शुरू कर दी हैं।
भाजपा की रैली में खुद को किंग कोबरा घोषित करते हुए टीएमसी पर हमलावर होते हुए मिथुन चक्रवर्ती ने कहा था, 'मेरा नया डायलॉग है, मैं जोल डोरा (पानी वाला) सांप नहीं हूं। मैं प्योर कोबरा हूं। मैं डसता हूं तो आप फोटोग्राफ बन जाओगे।'
Where is the cobra? Hope he is recovering well. #MithunChakraborty will always be a great screen actor and his boss #Modi will always be a great real world Kaun-artist. #Bengal #ElectionResults pic.twitter.com/zdPgMOv0py
— Ashutosh Bhattacharya (@AshBeeFRY) May 2, 2021
मिथुन चक्रवर्ती की आखिरी औपचारिक सूचना के अनुसार वह अपना पसंदीदा खाना बेउली दाल और आलू पोस्तो खा रहे हैं। हालांकि यह सूचना भी 5 दिन पहले की है जो उनके ट्वीटर हैंडल पर उन्होंने शेयर की है।
After an extensive campaigning for more than a month I am enjoying my holiday with my favorite food "Beuli Dal and Aloo Posto".
— Mithun Chakraborty (@mithunda_off) April 27, 2021
अब भाजपा को मिली शिकस्त के बाद सिद्दीकी उमर पूछते हैं, 'कहां है मेरा किंग कोबरा'
Remember the "Cobra" Mithun Chakraborty who did he bite? The Bjp
— Swati Chaturvedi (@bainjal) May 2, 2021
इसके अलावा भी लोग तरह तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं। कुछ लोग ट्वीट कर रहे हैं कि किंग कोबरा अब वापस बिल में घुसने का समय आ गया है। मिथुन चक्रवर्ती पर तरह—तरह के मीम्स बनाकर शेयर किये जा रहे हैं।
Mithun Chakraborty saving BJP in Bengal.#ElectionResults #ElectionResults2021 #KhelaHobe pic.twitter.com/ReBiadgOmY
— Himanshu Srivastav (@lHimanshul) May 2, 2021
मिथुन की तरह तरह की तस्वीरें शेयर करके लोग लिख रहे हैं कि कोबरा के दुबारा बिल में घुसने का समय आ गया है।
#mithunchakraborty #WestBengalElections #TMC200Paar it's cobra's 🐍 time
— Imakash👑 (@Imakash79430281) May 2, 2021
Don't worry Dada 😜 you have lot of time🤭🤭🤭 pic.twitter.com/8udZ4eESFf
मिथुन चक्रवर्ती राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। उन्हें अप्रैल 2014 में तृणमूल कांग्रेस यानी ममता बनर्जी की पार्टी ने राज्यसभा भेजा था और वह अप्रैल 2014 से दिसंबर 2016 तक सदन का प्रतिनिधित्व करते रहे। इसलिए उनके भाजपा ज्वाइन करने से कई लोगों को आश्चर्य भी हुआ था।
After Bengal result:
— SpiDeY™ (@Parody_guy10) May 2, 2021
"Mithun Chakraborty- The Cobra." pic.twitter.com/BGCiG5e5k0
दिलचस्प बात यह है कि तृणमूल में शामिल होने से पहले, अभिनेता एक बार वामपंथियों के साथ जुड़े थे, लेकिन ज्योति बसु का युग समाप्त होने के बाद खुद को दूर कर लिया। वह उन वर्षों के दौरान माकपा नेता सुभाष चक्रवर्ती के भी करीबी थे और 3 अगस्त 2009 को चक्रवर्ती के निधन के बाद कोलकाता पहुंच गए और चक्रवर्ती के शव के साथ केराटोला श्मशान में मौजूद भीड़ में शामिल हो गए थे।
#MamataBanerjee #KhelaHobe #BengalElections2021 #TMC200Paar #BJPKorbe200Paar Missing! Black cobra goes missing this morning #MithunChakraborty pic.twitter.com/LUrGU2vVV9
— Amarbir (@Ashannoweria) May 2, 2021
तृणमूल नेताओं जैसे सुल्तान अहमद (अब दिवंगत) को लगा कि ममता ने मिथुन के वामपंथियों के साथ अतीत के संबंधों को बहुत महत्व नहीं दिया। हर कोई वाम मोर्चा सरकार के उत्तराधिकार के दौरान सुभाष चक्रवर्ती के साथ अभिनेता की निकटता से अवगत था। वास्तव में मिथुन के कोलकाता जाने पर वह लंच या डिनर के लिए चक्रवर्ती के घर जाते थे। 'सुभाष दा' भी अभिनेता के होटल में मुफ्त आतिथ्य का आनंद लेते थे।
#MithunChakraborty called himself cobra 🐍 so People got scared and run away from #BJP!🤪
— KRK (@kamaalrkhan) May 2, 2021
1986 में कलकत्ता के साल्ट लेक स्टेडियम में बाढ़ राहत के लिए धन इकट्ठा करने के लिए मिथुन-सुभाष जोड़ी ने होप '86 'की मेजबानी की, जो एक गाना-और-डांस शो था। प्रतिभागियों के रूप में अमिताभ बच्चन और रेखा को साथ लाया गया। यहां तक कि मुख्यमंत्री ज्योति बसु (मिथुन के 'ज्योति चाचा), जो विशेष रूप से सांस्कृतिक मामलों के लिए अपने झुकाव के लिए नहीं जाने जाते थे, ने अभिनेता के व्यक्तिगत अनुरोध का मान रखा था और होप '86 में भाग लिया था।
Where is Mr Cobra ji ? #BengalElection2021 #mithunchakraborty pic.twitter.com/0Wc9PsD4m4
— Siddiqui Umar (@SiddiquiUmar4) May 2, 2021
जब भी सीपीआई (एम) सरकार द्वारा फंड-जुटाने का कार्यक्रम शुरू किया गया, मिथुन ने मुफ्त लाइव प्रदर्शन दिए। जब 2000 में ज्योति बसु के उत्तराधिकारी बुद्धदेव भट्टाचार्जी ने बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला, मिथुन के वामपंथियों के साथ संबंध बिगड़ने लगे। भट्टाचार्जी ने न केवल मसाला हिंदी फिल्मों को कम सम्मान दिया, बल्कि सुभाष चक्रवर्ती के कई फैसलों और गतिविधियों को खुले तौर पर अस्वीकार कर दिया।