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राजनीति

योगीराज में जन समस्याओं को लेकर प्रदेशभर में मंडलायुक्त कार्यालयों पर माले के राज्यव्यापी प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल

Janjwar Desk
8 May 2025 4:28 PM IST
योगीराज में जन समस्याओं को लेकर प्रदेशभर में मंडलायुक्त कार्यालयों पर माले के राज्यव्यापी प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल
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लखनऊ। बुल्डोजर राज, विस्थापन, नफरत की राजनीति, हिंसा, नागरिक आजादी पर हमला, दमन, कर्जमाफी, बिजली बिल, पेयजल, जहां झोपड़ी वहीं मकान जैसे मुद्दों को लेकर किये गए आंदोलन में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने भाग लिया। भाकपा (माले) ने बुधवार 7 मई को प्रदेश भर में मंडलायुक्त कार्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन किया था।

लखनऊ में परिवर्तन चौक से मंडलायुक्त कार्यालय तक मार्च निकाला गया। मार्च की समाप्ति पर पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब से वार्ता की। प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय समिति सदस्य कृष्णा अधिकारी, राज्य स्थायी समिति सदस्य रमेश सिंह सेंगर, राज्य समिति सदस्य रामदरश प्रमुख रुप से शामिल थे।

पार्टी के राज्यव्यापी आह्वान के तहत गोरखपुर, आजमगढ़, बनारस, विंध्याचल (मिर्जापुर), प्रयागराज, अयोध्या, बस्ती, देवीपाटन (गोंडा), झांसी, कानपुर व मुरादाबाद मंडल मुख्यालयों पर लाल झंडों, बैनरों और नारे लगाते तनी हुई मुट्ठियों के साथ कार्यकर्ताओं ने मार्च किया। पीलीभीत व मथुरा में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन हुए। कार्यक्रम स्थल पर नेताओं के संबोधन के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र अधिकारियों को सौंपे गए।

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक और भारत-पाक युद्ध के खतरनाक संकेत स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं। पूरी कोशिश होनी चाहिए कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच युद्ध न होने पाए। आतंकवाद को खत्म करने और तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक विकल्प की संभावना की तलाश जारी रहनी चाहिए।

वक्ताओं ने कहा कि यूपी में नागरिक आजादी का दमन किया जा रहा है। पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक को लेकर सोशल मीडिया पर सरकार से सवाल पूछने और संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों का उपयोग करने पर लोकगायिका नेहा सिंह राठौर और डॉ माद्री काकोटी सहित लखनऊ विवि के दो प्रोफेसरों पर आपराधिक धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व असहमति के अधिकार पर हमला है। हिमांशी नरवाल (पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नौसैनिक अधिकारी की पत्नी) व शैला नेगी (नैनीताल रेप कांड को सांप्रदायिक मोड़ देने वालों से अकेली भिड़ गई महिला) जैसी बहादुर महिलाओं के खिलाफ नफरती ट्रोल अभियान चलाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

इस प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन के माध्यम से भाकपा (माले) ने मांग की कि बुल्डोजर न्याय पर फौरन रोक लगे। गरीबों, दलितों, आदिवासियों, किसानों के सरकारी व वन भूमि से विस्थापन, आजिविका छीनने और अल्पसंख्यकों के इबादतगाहों व शैक्षिक संस्थानों के ध्वस्तीकरण पर तत्काल रोक लगाई जाए। जहां झोपड़ी, वहीं पक्का मकान दिया जाए।

पहलगांव आतंकी हमले के संबंध में लोकगायिका नेहा सिंह राठौर और राजनीतिक व्यंगकार डॉ. माद्री काकोटी सहित लखनऊ विवि के दोनों प्रोफेसरों के खिलाफ दर्ज मुकदमे तत्काल रद्द किये जाएं।

सभी गरीबों के माइक्रोफाइनेंस कर्जे समेत किसानों के कर्जे माफ किए जाएं। माइक्रोफाइनेंस कंपनियां आरबीआई की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करें। कर्जग्रस्त परिवारों के उत्पीड़न पर रोक लगे। उत्पीड़न व कर्ज के दबाव में आत्महत्या कर लेने वालों के परिवारों को मुआवजा मिले और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

बिजली के निजीकरण का कदम वापस लिया जाए। अनाप-शनाप, बढ़े हुए फर्जी बिजली बिल रद्द किए जाएं। कनेक्शन काटने व उपभोक्ताओं के उत्पीड़न पर रोक लगाई जाए। स्मार्ट मीटर योजना वापस ली जाए। प्रतिमाह 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाए।

महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों व समाज के कमजोर वर्गों के सम्मान व सुरक्षा की गारंटी के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। हिंसा की घटनाओं के लिए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाए।

मनरेगा में सालभर काम व 600 रुपये दैनिक मजदूरी दी जाए।

स्कीम वर्करों, आशा-आंगनबाड़ी कर्मियों, रसोइयों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। दैनिक व ठेका मजदूरों को न्यूनतम 35000 मासिक मानदेय दिया जाए।

वक्फ संशोधन कानून सरकार वापस ले।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने विंध्याचल मंडल (मिर्जापुर) पर राज्य स्थायी समिति सदस्य जीरा भारती, सुरेश कोल व राज्य समिति सदस्य बनारसी सोनकर के साथ प्रदर्शन का नेतृत्व किया। लखनऊ में कृष्णा अधिकारी, रमेश सिंह सेंगर, राज्य स्थायी समिति सदस्य विजय विद्रोही व अर्जुनलाल ने संयुक्त रुप से, बनारस में केंद्रीय समिति सदस्य ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, शशिकांत कुशवाहा, अनिल पासवान, अमरनाथ, कुसुम वर्मा, आजमगढ़ में केंद्रीय समिति सदस्य श्रीराम चौधरी, जयप्रकाश नारायण, ओमप्रकाश सिंह, वसंत कुमार, लाल साहब, गोरखपुर में राज्य स्थायी समिति सदस्य राजेश साहनी, श्रीराम कुशवाहा, राकेश सिंह, संजय निषाद, परमहंस सिंह, प्रयागराज में सुनील मौर्य, मनीष, देवानंद, भानू, अयोध्या में राज्य समिति सदस्य अतीक अहमद, रामभरोस, बस्ती में राज्य समिति सदस्य रामलौट, झांसी में राज्य समिति सदस्य राजीव कुशवाहा व राम सिंह, कानपुर में राज्य कमेटी सदस्य विद्या रजवार व राणा प्रताप, पीलीभीत में राज्य स्थायी समिति सदस्य अफरोज आलम व देवाशीष, मुरादाबाद में रोहिताश कुमार राजपूत और मथुरा में राज्य स्थायी समिति सदस्य नसीर शाह ने मार्च व प्रदर्शन का नेतृत्व किया।

प्रदर्शन में भाकपा (माले) के अलावा अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा), अखिल भारतीय किसान सभा, अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा, आल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू), इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) व आइसा ने भी भाग लिया।

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