'बृजभूषण को जब भी मौका मिलता था, वह महिला पहलवानों का शोषण करता था', दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दिया बड़ा बयान
पहलवानों को सरकार की बनायी यौन शोषण कमेटी पर नहीं भरोसा, कहा भाजपा नेता को बृजभूषण शरण सिंह को बचाने के लिए कमेटी से रखा गया हमें दूर
Brijbhushan Sharan Singh : महिला पहलवानों के शोषण मामले में हुई सुनवाई के दौरान आज रविवार 24 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने एक बड़ा बयान दिया है, मगर बावजूद इसके आरोपी भाजपा सांसद पर कोई असर नहीं पड़ा है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह को आज यानी रविवार को पेशी से छूट दी थी, जिन पर कई शीर्ष महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि बृजभूषण को जब भी मौका मिलता था वह महिला पहलवानों के साथ शोषण करने की कोशिश करता था।'
दिल्ली पुलिस के कोर्ट में दिये गये इस बयान के बाद सवाल यह है कि जब बृजभूषण महिला पहलवानों का यौन शोषण जब मर्जी तब करता था तो आखिर किसके आशीर्वाद से अब तक बचा हुआ है।
इस पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत कहती हैं, "बृजभूषण को जब भी मौका मिलता था, वह महिला पहलवानों का शोषण करता था।" ये दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा है।सनद रहे - यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संरक्षण है। ये ढोंगी महिला सम्मान की बात करेंगे? लानत है।'
मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक कोर्ट में दर्ज कराये गये बयान में दिल्ली पुलिस ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि पीड़ित लड़की ने कोई प्रतिक्रिया दी है या नहीं, सवाल यह है उनके साथ गलत किया गया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक जो सबूत और साक्ष्य अब तक पेश किए गए हैं, वह बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त हैं। जब पुलिस ही यह कह रही है तो सवाल तो उठता ही है कि किसका वरदहस्त बृजभूषण को प्राप्त है। क्या विपक्ष द्वारा मोदी पर लगाये जा रहे आरोप सही हैं कि वही यौन शोषण के आरोपी अपने सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण को वह बचा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक आज हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने शिकायतकर्ताओं के साथ दिल्ली में WFI के दफ्तर में हुई घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि शिकायतों का क्षेत्राधिकार दिल्ली में ही बनता है। एक महिला पहलवान की शिकायत के बारे में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि तजाकिस्तान के एक इवेंट के दौरान बृजभूषण ने शिकायतकर्ता को कमरे में बुलाया और उसको ज़बरदस्ती गले लगाया था। जब शिकायतकर्ता ने विरोध किया तो बृजभूषण ने कहा कि उसने यह पिता की तरह किया था। यानी बृजभूषण को पता था कि वह क्या कर रहा है।
गौरतलब है कि यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को सजा दिलाये जाने के खिलाफ महिला पहलवानों के साथ अन्य लोगों ने एक महीने से भी लंबे समय तक आंदोलन किया था। बाद में खिलाड़ियों को तमाम ज्यादतियों के साथ जंतर मंतर से हटा दिया गया था और यह आंदोलन खत्म हो गया था। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियां बटोरने के बावजूद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी तक नहीं की गयी थी।
मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक ही कोर्ट में दिल्ली पुलिस के वकील ने एक दूसरी शिकायतकर्ता खिलाड़ी की कंप्लेंट का ज़िक्र करते हुए कहा कि तजाकिस्तान में एशियन चैंपियनशिप के दौरान बिना इजाज़त के मेरी शर्ट को ऊपर करके मेरे पेट पर हाथ फेरा और अनुचित तरीके से मुझको छुआ था।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा, अगर भारत में किसी महिला के साथ IPC की धारा 354A के तहत अपराध होता है तो उसके तहत आरोपी को तीन साल की अधिकतम सज़ा हो सकती है। दिल्ली पुलिस ने गुजरात में सोहराबुद्दीन एनकाउंटर का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस मामले में भी कई FIR अलग अलग दर्ज थी, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई एक ही जगह किया था। अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होनी है, मगर सवाल उठना लाजिमी है कि अब भी मोदी बृजभूषण शरण सिंह को बचायेंगे या फिर उसकी गिरफ्तारी होगी।