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राजनीति

PM मोदी कांग्रेस के परिवारवाद पर बात करने के बजाय यह क्यों नहीं बताते कि 2014 से 2023 तक उन्होंने क्या किया?

Janjwar Desk
10 Feb 2023 2:03 PM IST
PM मोदी कांग्रेस के परिवारवाद पर बात करने के बजाय यह क्यों नहीं बताते कि 2014 से 2023 तक उन्होंने क्या किया?
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प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में दावे के साथ कहा कि एक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अनुच्छेद 356 का 50 बार उपयोग किया। आधी सेंचुरी कर दी। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के वामपंथी नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि केरल में वामपंथी सरकार चुनी गई। नेहरू ने उसे गिरा दिया। डीएमके पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस ने एमजीआर और करुणानिधि जैसे दिग्गजों की सरकारों को भी गिरा दिया और आज आप उनकी गोद में बैठे हैं...

आलोक कुमार की टिप्पणी

'इस समय देश में विपक्षी दल कौन है? तो उसका सीधा-सा जवाब कांग्रेस। विपक्ष की ओर से सवाल उछाला जाता है तो सत्ताधारी विपक्ष की भूमिका में आकर सवाल करना शुरू कर दिया जाता है। बताओं नेहरू परिवार वालों को नेहरू का सरनेम रखने में डर क्यों लगता है, देश में 600 सरकारी योजनाएं गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर थीं।' यह बात कल 9 फरवरी को सदन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार 9 फरवरी को एक बार फिर संसद में खूब गरजे। उन्होंने विपक्षी दलों को घेरते हुए कहा हम पर आरोप लगते हैं कि हम राज्य सरकार को परेशान कर रहे हैं, लेकिन इतिहास उठा कर देख लीजिए कि वे कौन सी पार्टी थी जिन्होंने आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया। इन्होंने कुल 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया, इसमें से सिर्फ इंदिरा गांधी ने आर्टिकल 356 का 50 बार उपयोग किया।

पीएम मोदी के विपक्ष पर हमलावर होने पर कभी उन्हीं की पार्टी का हिस्सा रहे राजीव रंजन सिंह 'ललन' ने कड़े सवाल उठाये हैं। वह कहते हैं, पीएम मोदी विपक्ष को पानी पी पीकर कोसने के बजाय अपने 9 साल के शासन की उपलब्धियां क्यों नहीं गिनाते हैं।

विपक्षी नेता कहते हैं, शायद पीएम मोदी भूल रहे हैं कि 2014 में उनके सत्ता में आने के बाद से तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 27 मार्च, 2016 को 'संवैधानिक संकट' के आधार पर संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर मुहर लगा दी गयी. इसके एक दिन पूर्व उत्तराखंड के राजनीतिक संकट पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की आपात बैठक हुई थी, जिसमें राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफ़ारिश की गई थी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देर रात राष्ट्रपति को यथास्थिति से अवगत कराया था। उत्तराखंड में राजनीतिक संकट तब शुरू हुआ जब 70 सदस्यों की विधानसभा में कांग्रेस के 36 में से 9 विधायक बाग़ी हो गए। विधानसभा में भाजपा के 28 सदस्यों हैं जिनमें से एक निलंबित हैं. इसके अलावा विधानसभा में बसपा के दो, निर्दलीय विधायक तीन और उत्तराखंड क्रांति दल का एक विधायक है।

उसी तरह अरुणाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार से उसके अपने कुछ विधायक बागी हो गए। दिसंबर 2015 में उन्होंने विपक्षी बीजेपी के साथ मिलकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें सरकार हार गई थी। इससे पहले स्पीकर ने कांग्रेस के बागी 14 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी, लेकिन डिप्टी स्पीकर ने यह अविश्वास प्रस्ताव लाने से पहले उन सभी की सदस्यता बहाल कर दी थी। गोवा में सरकार बनने ही नहीं दी गयी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की हकीकत सर्वव्याप्त है।

खैर, पीएम मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के जवाब के दौरान कहा कि अगर हम कहीं भी नेहरू का उल्लेख करने से चूक जाते हैं, तो वे (कांग्रेस) परेशान हो जाते हैं। कुछ को सरकार की योजनाओं के नाम और नामों में संस्कृत के शब्दों से दिक्कत थी, मैंने एक रिपोर्ट में पढ़ा कि 600 सरकारी योजनाएं गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर थीं। नेहरू इतने महान व्यक्ति थे, तो मुझे समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी के लोग नेहरू को अपना उपनाम क्यों नहीं रखते, डर और शर्म की क्या बात है?

प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में दावे के साथ कहा कि एक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अनुच्छेद 356 का 50 बार उपयोग किया। आधी सेंचुरी कर दी। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के वामपंथी नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि केरल में वामपंथी सरकार चुनी गई। नेहरू ने उसे गिरा दिया। डीएमके पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस ने एमजीआर और करुणानिधि जैसे दिग्गजों की सरकारों को भी गिरा दिया और आज आप उनकी गोद में बैठे हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि अखबार निकालकर देख लो हर अखबार लिखता था कि राजभवनों को कांग्रेस का दफ्तर बना दिया है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस के शासनकाल में राजभवनों की हालत भी बयां करते हुए कहा, 'कांग्रेस के शासनकाल में राजभवनों को कांग्रेस के दफ्तर बना दिए गए थे। 2005 में झारखंड में अल्पमत वाली कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बुलाया गया। 1982 में बीजेपी और देवीलाल को सरकार नहीं बनाने दिया।'

पीएम मोदी कहते हैं, 'मैं चेतावनी देना चाहता हूं कि अपने रिस्पेक्टिव स्टेट को जाकर समझाएं कि वो गलत रास्ते पर न चले जाएं, बगल के राष्ट्रों की क्या आर्थिक हालत हुई है थोड़ा देख ले। आज देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है, जो देश के लिए जीता है, उसके लिए काम करता है। मैं चेतावनी देना चाहता हूं कि अपने संबंधित स्टेट को जाकर समझाएं कि वो गलत रास्ते पर न चले जाएं बगल के राष्ट्रों की क्या आर्थिक हालत हुई है थोड़ा देख लें।'

मोदी के तमाम दावों पर जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राजीव रंजन सिंह 'ललन' सवाल उठपाते हैं, आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, पिछले 9 वर्षों से देश के प्रधान हैं और अबतक के कार्यकाल में आपने क्या-क्या किया, यह बताने के लिए आपके पास कुछ भी नहीं है? राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर हुई बहस का उत्तर देते समय सवा घंटे बस यही बोलते रह गए कि 2004 से 2014 तक क्या-क्या हुआ..! गौर करने वाली बात यह है कि राजीव रंजन सिंह 'ललन' भाजपा छोड़कर जेडीयू में शामिल हुए थे।

आदरणीय प्रधानमंत्री जी आपको तो यह बताना चाहिए था कि

—2014 से 2023 तक आपने क्या-क्या किया?

—81000 करोड़ का कॉरपोरेट घोटाला किसके संरक्षण में हुआ?

—बेरोजगारी दूर करने के लिए आप ने क्या-क्या कदम उठाए?

—प्रति वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने के आपके वादे का क्या हुआ?

—'हर गरीब के खाते में 15 से 20 लाख पहुंचाएंगे' आपके इस वादे का क्या हुआ?

—देश में बढ़ती मंहगाई के लिए आप ने क्या-क्या कदम उठाए?

—इन वादों पर आपने कुछ भी नहीं किया...! सिर्फ जुमलों की बदौलत आप 9 साल से शासन कर रहे हैं। देश की जनता 2024 के चुनाव में इन सभी बिंदुओं पर आप से हिसाब लेगी, चिंता ना करें। आलोचना से नहीं, काम करने से देश चलता है। जब अपनी पीठ खुद ही थपथपानी है तो फिर कहना ही क्या...!

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