Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

सार्वजनिक जीवन में साफगोई से बात करने वाले Nitin Gadkari को सामने आकर क्यों देनी पड़ी सफाई?

Janjwar Desk
26 Aug 2022 3:45 AM GMT
सार्वजनिक जीवन में साफगोई से बात करने वाले नितिन गडकरी को सामने आकर क्यों देनी पड़ी सफाई?
x

सार्वजनिक जीवन में साफगोई से बात करने वाले नितिन गडकरी को सामने आकर क्यों देनी पड़ी सफाई?

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) ट्विट कर साफ कर दिया है कि मीडिया का एक वर्ग राजनीतिक लाभ के लिए मनगढ़ंत अभियान चला रहा है।

नई दिल्ली। लंबे अरसे से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) के बयानों को लेकर भाजपा, आरएसएस ( RSS ) और केंद्र सरकार के शीर्ष नेतृत्व के बीच भ्रम की स्थिति रही है। इस बात को लेकर समय-समय पर मीडिया के एक खास वर्ग ने विवाद भी पैदा करने की कोशिश की। हाल ही में भाजपा ( BJP ) संसदीय बोर्ड से हटाए जाने पर मीडिया में प्रसारित किया गया कि नितिन गडकरी को मोदी-शाह और आरएसएस ( RSS ) के खिलाफ बयान देने की वजह से संसदीय बोर्ड से हटाया गया है। जब मीडिया में मामला नितिन गडकरी को मंत्रिमंडल से हटाने तक पहुंच गया तो भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्विट कर साफ कर दिया कि मीडिया का एक वर्ग राजनीतिक लाभ के लिए मनगढ़ंत अभियान चला रहा है।

फ्रिंज एलिमेंट को दी इस बात की चेतावनी

नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) ने इससे संबंधित कई ट्वीट किए हैं। इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने अपनी सरकार पार्टी और लाखों कार्यकर्ताओं के हित में मीडिया के ऐसे समूहों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक के बाद एक ट्विट उन खबरों के बीच किया जिनमें कहा जा रहा था कि भाजपा ( BJP ) और संघ ( RSS ) नेतृत्व उनके सार्वजनिक बयानों से नाराज है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर फ्रिंज एलिमेंट के खिलाफ सख्त नाराजगी जताई है। नितिन गडकरी ने लिखा कि आज एक बार फिर मुख्यधारा की मीडिया, सोशल मीडिया के कुछ वर्ग और विशेष रूप से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश कर मनगढ़ंत अभियान जारी रखने का प्रयास किया है। इसके बावजूद मैं फ्रिंज एलिमेंट के दुर्भावनापूर्ण एजेंडे से कभी परेशान नहीं हुआ। फिर भी सभी संबंधित लोगों को चेतावनी देता हूं कि मैं अपनी सरकार, पार्टी और हमारे लाखों कार्यकर्ताओं के व्यापक हित में उन्हें कानून के दायरे में ले जाने से नहीं पीछे हटूंगा।

गडकरी को लेकर किए जा रहे थे ये दावे

दरअसल, मीडिया के हवाले से जो खबरें निकल कर आ रही थी उसमें दावा किया जा रहा था कि गडकरी ( Nitin Gadkari ) को इस माह की शुरुआत में पार्टी के संसदीय बोर्ड से इसलिए हटा दिया गया क्योंकि भाजपा और आरएसएस नेतृत्व उनके लगातार तानों से खुश नहीं था। इस मसले पर नितिन गडकरी के कार्यालय द्वारा कहा गया है कि 2018 के बाद से ऐसे कई उदाहरण हैं जब उनके बयानों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। यह सब मीडिया और सोशल मीडिया के फ्रिंज एलिमेंट द्वारा किया गया। इससे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम और दुविधा पैदा हुई।

कई बार मोदी सरकार की हो चुकी है किरकिरी

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) के नाम को बतौर पीएम के तौर पर उछाला गया था। कहा जा रहा था कि यह भी एक शरारत थी। न नितिन गडकरी और न ही उनके कार्यालय ने यह अभियान शुरू किया। इसके बावजूद समय-समय पर नितिन गडकरी के बयान सुर्खियों में रहते हैं। गडकरी के बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी होते हैं। कई बार उनके बयानों के आधार पर मौजूदा मोदी सरकार किरकिरी भी हुई है।

सही मायने में पीएम पद के दावेदार थे भी या नहीं

दरअसल, 2017 और 2018 के बीच यानि विगत लोकसभा चुनावों से पहले गडकरी ( Nitin Gadkari ) के नाम को पार्टी के एक वर्ग ने संभावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रचारित किया था। जबकि गडकरी इसे भी एक शरारत मानते हैं। न तो मंत्री ने और न ही उनके कार्यालय ने यह अभियान शुरू किया। यह हमारा एजेंडा भी नहीं था। मंत्री का रुख स्पष्ट था और हम इसे स्पष्ट करते रहे। मंत्री का हर बयान भाजपा नेतृत्व से जुड़ा था और इस अभियान से गडकरी आहत और परेशान भी हुए। फिर ऐसी भी अफवाहें थीं कि गडकरी को केंद्र सरकार से हटाया जा सकता है। शीर्ष नेतृत्व उनकी जगह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लाना चाहता है, जो राज्य के एक अन्य ब्राह्मण नेता हैं, जिन्हें आरएसएस नेतृत्व का करीबी माना जाता है। लेकिन गडकरी के करीबी नेताओं का कहना है कि पार्टी के दिग्गज इस तरह की किसी भी बात पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे। असल में नितिन गडकरी मोदी कैबिनेट में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों में से एक हैं। अगर वजह उम्र है तो वह सिर्फ 65 वर्ष के हैं। यदि आप अनुशासनहीनता का हवाला देना चाहते हैं तो आप कुछ गलत रिपोर्ट और गलत व्याख्या वाले बयानों का हवाला देकर खुद को कैसे सही साबित करेंगे।

Next Story

विविध