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राजनीति

केरल के मुख्यमंत्री की करीबी महिला ने कहा, मैं नहीं हूं गोल्ड तस्कर

Janjwar Desk
10 July 2020 3:30 AM GMT
केरल के मुख्यमंत्री की करीबी महिला ने कहा, मैं नहीं हूं गोल्ड तस्कर
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इस मामले ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को हिला कर दिया है, क्योंकि महिला राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार की करीबी मानी जाती हैं....

तिरुवनंतपुरम। सोने की तस्करी के विवादास्पद मामले में 'आरोपी' स्वप्ना सुरेश ने केरल उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई है। अदालत इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी। अपनी याचिका में उन्होंने दावा किया है कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। मीडिया उन पर निराधार आरोप लगा रही है। याचिका में आगे कहा गया है कि उनके पास बैगेज को क्लीयर करने के लिए जरूरी क्रिडेंशियल्स हैं, क्योंकि यूएई वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने उनसे ऐसा करने के लिए कहा था।

इस मामले ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को हिला कर दिया है, क्योंकि स्वप्ना सुरेश राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार की करीबी मानी जाती हैं। उनकी योग्यता संदिग्ध होने के बाद भी वह ऊंचे वेतन वाली नौकरी कर रही थीं। इतना ही नहीं वह वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम. शिवशंकर की बेहद करीबी हैं जो कि विजयन के सचिव और राज्य के आईटी सचिव हैं।

त्रिवेंद्रम हवाईअड्डे पर एक राजनयिक लगेज से रविवार 5 जुलाई को 30 किलोग्राम सोना बरामद होने के बाद केरल में एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया, क्योंकि मुख्य संदिग्ध स्वप्ना को राज्य में सत्ताधारी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार का करीबी बताया जा रहा है। गुरुवार को सामने आए ऑडियो में स्वप्ना ने कहा है कि तस्करी के मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है।

रुआंसा आवाज में स्वप्ना ने कहा, 'मैंने बस इतना किया है कि जब कंसुलेट ने मुझसे बैगेज को क्लीयर होने में विलंब के बारे में पूछा, तब मैंने कस्टम से बात की। मैंने बस यही किया, और मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता कि बैगेज कहा से आया और उसमें क्या था। मौजूदा विवाद में मेरा और मेरे परिवार का नुकसान हो रहा है और मैं डर के मारे छिपी हुई हूं। मैं आत्महत्या करने के कगार पर हूं, क्योंकि मुझे निशाने पर लिया जा रहा है और इस तस्करी से मेरा कुछ भी लेना-देना नहीं है।'

कस्टम विभाग ने रविवार को यह जब्ती की थी और तभी से स्वप्ना फरार है, जबकि यूएई कंसुलेट में उसके पूर्व सहकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया है। स्वप्ना पहले यूएई कंसुलेट की लाइजनिंग शाखा में काम कर चुकी है। वह केरल उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए भी संपर्क कर चुकी है, और याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है।

संदिग्ध योग्यता होने के बावजूद स्वप्ना राज्य में सत्ताधारी वाम लोतांत्रिक मोर्चा सरकार की करीबी मानी जाती है और सरकार में उच्च वेतन वाली नौकरी ले रखी थी। वह मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम. शिवशंकर की बेहद करीबी है।

फिलहाल सोशल मीडिया स्वप्ना के उन चित्रों से भरा पड़ा है, जिसमें वह विजयन, और माकपा के अन्य शीर्ष नेताओं के साथ दिखाई दे रही है। इसमें केरल विधानसभा के अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन भी शामिल हैं। स्वप्ना ने कहा है, 'जब मैं यूएई कंसुलेट में काम करती थी, मेरा काम महावाणिज्यदूत को प्रशासन की सुविधा सुलभ कराना था। सरकार के कई लोगों से मिलना-जुलना मेरे काम का हिस्सा। यूएई से जब वीवीआईपी आते थे, मैं केरल और चार अन्य राज्यों का उन्हें दौरा भी कराती थी। ये सब मेरा काम था।'

माकपा महासचिव सीमाराम येचुरी ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि विजयन पहले ही मामले की एक उच्चस्तरीय जांच के लिए प्रधानमंत्री को लिख चुके हैं।

येचुरी ने कहा, 'सोना की तस्करी एक बड़ा अपराध है और इसका खुलासा करना केद्र की जिम्मेदारी है। इसके पीछे के लोगों की पहचान करने के लिए एक गहन जांच की जाए और जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाए।" यह पूछे जाने पर क्या विजयन के कार्यालय को भी जांच के दायरे में लिया जाना चाहिए? उन्होंने कहा, 'यह तो जांच करने वाली एजेंसी की जिम्मेदारी है।'

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