अमेठी में मृत पशु का शव उठाने से मना करने पर दलित बुजुर्ग को पीटने वाले मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
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लखनऊ। अमेठी में दलित बुजुर्ग द्वारा मृत पशु की लाश उठाने से मना करने पर बुरी तरह पीटे जाने की घटना सामने आयी थी, जिसकी भाकपा (माले) ने न सिर्फ कड़ी निंदा की है, बल्कि पीड़ित पक्ष को मुआवजा और आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग भी की है।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अमेठी जिले के कोतवाली क्षेत्र में कोरारी गिरधर शाह गांव में रहने वाले अच्छेबर कुमार के साथ उंची जाति वालों ने मरी हुई गाय का शव न फेंकने पर बर्बरता की थी। पिटाई में बुजुर्ग अच्छेबर कुमार का पैर टूट गया था और घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मामले में पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
भाकपा (माले) ने अमेठी में गाय की लाश को ठिकाने लगाने से मना करने पर बुजुर्ग दलित अच्छेबर कुमार की बर्बर पिटाई करने की घटना को बेहद अपमानजनक और सामंती कार्रवाई बताते हुए कड़ी निंदा की है। पार्टी ने 66 वर्षीय दलित अच्छेबर कुमार की पीटकर टांग तोड़ने समेत बुरी तरह घायल करने वाले प्रभावशाली जाति के आरोपियों को सख्त सजा देने और घायल की सरकारी खर्चे पर उचित इलाज कराने की मांग की है।
माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने 15 अक्टूबर को जारी एक बयान में कहा कि भाजपा सरकार में दलितों का बुरा हाल है। योगी सरकार ने उन्हें गुलामों की हालत में पहुंचा दिया है। लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। सामंती ताकतों का मनोबल आसमान पर है। दलितों-आदिवासियों पर पेशाब करने की यूपी, एमपी में अपमानजनक घटनाएं हो चुकी हैं। अमेठी में जिस दलित को घंटों पीटा गया और मरा समझकर नहर किनारे फेंक दिया, उसके आरोपियों पर पुलिस ने धाराएं लगाने में खेल किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा 307 तक नहीं लगाई है। घटना ठाकुर बहुल कुरारी गिरिधर शाह गांव में बीते सोमवार यानी 9 अक्टूबर को हुई थी, मगर अभी सामने आई है। माले नेता ने आरोपी पक्ष को संरक्षण देने का सरकार पर आरोप लगाया है।