वनग्रामों में 3 पीढ़ियों से रहने वाले वनवासी काबिज भूमि पर 10 एकड़ तक कर सकते हैं दावा, पूछड़ी में वनाधिकार कानून पर कार्यशाला आयोजित

रामनगर। वनाधिकार कानून 2006 को लेकर रामनगर स्थित वनग्राम पूछड़ी में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें देवीचौड़ा खत्ता, पूछड़ी, कालू सिद्ध, तुमड़िया खत्ता, बिंदुखत्ता मानपुर, प्रतापुर, कालीपुर, नई आबादी, दानीबंगर, हरीपुर, ठठौला, खोलियाबंगर के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।
कार्यशाला में वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष तरुण जोशी ने बताया कि वनाधिकार कानून वन भूमि पर निवास कर रहे लोगों को चार प्रकार के अधिकार देता है, जिसके तहत जनजाति समुदाय के लोग जो वन भूमि पर दिसंबर 2005 के पूर्व से निवास कर रहे हैं तथा अन्य परम्परागत वनवासी जो पिछले 3 पीढ़ी से निवास कर रहे हैं, वे जिस भूमि पर काबिज हैं वे उस भूमि पर 10 एकड़ तक भूमि पर अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। दूसरा उन्हें वनों से अपनी जरूरत की वस्तुएं लकड़ी घास जड़ी-बूटी व अन्य वन उपज लाने का अधिकार है। तीसरा अधिकार वे गांव में अस्पताल, स्कूल आदि बनाने के लिए वन भूमि का उपयोग कर सकते हैं और चौथा इसके तहत वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया जा सकता है।
समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार ने कहा कि वनाधिकार कानून के तहत वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने के लिए रामनगर तहसील में 4 जगह ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति का गठन किया जा चुका है। रामपुर, लेटी, चौपड़ा को पिछले दिनों वनाधिकार कानून के तहत राजस्व ग्राम का दर्जा सरकार द्वारा दिया चुका है। देवीचौड़ा सुंदरखाल, पूछड़ी, कालूसिद्ध व तुमड़िया खत्ता को राजस्व ग्राम बनाने के लिए दावा प्रस्तुत किए जाने के लिए वन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग से आवश्यक दस्तावेजों की मांग की गई है। दस्तावेज प्राप्त होते ही इन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
बिन्दुखत्ता वनाधिकार समिति के अध्यक्ष अर्जुनदेव ने कहा कि बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम बनाने का दावा खंड व जिला स्तरीय समिति से पास हो चुका है। अब बिंदुखत्ता क्षेत्र की 1 लाख से भी अधिक आबादी को राज्य सरकार के आदेश का इंतजार है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार पंचायत चुनाव से पूर्व बिंदु खत्ता को राजस्व ग्राम बनाने की अधिसूचना जारी कर जनता को राहत प्रदान करेगी।
कार्यशाला में नंदन सिंह, हयात सिंह ने कहा कि वनभूमि पर बसे सभी लोगों को अपने अधिकारों को के लिए एक मंच एक मंच पर आने की आवश्यकता है।
इस कार्यक्रम में शांति मेहरा, प्रेम राम, धना देवी, अंजलि रावत, लक्ष्मी, उमाकांत ध्यानी, बालादत्त कांडपाल सरस्वती जोशी, कौशल्या, महेश जोशी, मौ अशरफ समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।