Ghaziabad Crime News : यति नरसिंहानंद के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत होगी कार्रवाई, पुलिस बोली कानून व्यवस्था के लिए बन गए खतरा
(अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चाओं में रहते नरसिंहानंद)
Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsinghanand) के खिलाफ पुलिस ने गुंडा एक्ट लगाने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। नरसिंहानंद को हाल ही में प्रसिद्ध जूना अखाड़ा का महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया है। पुलिस ने इस संबंध में एक फाइल अनुमंडल दंडाधिकारी को मंजूरी के लिए भेजी है जिसके बाद इसे मंजूरी के लिए जिला पुलिस प्रमुख और डीएम के पास भेजा जाएगा। नरसिंहानंद सरस्वती ने हाल ही में अपने फेसबुक पेज पर जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्ति की जानकारी साझा की थी।
एसएसपी पवन कुमार ने पीटीआई को बताया कि उन्होंने मंदिर के बाहर उसकी असामाजिक गतिविधियों जैसे हाथापाई, हत्या का प्रयास, अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल और पुलिस चेकिंग में बाधा डालने जैसी असामाजिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई शुरू की।
मुस्लिम लड़के पर लगाया था जासूसी का आरोप
अधिकारी ने कहा कि नरसिंहानंद सरस्वती (Narsinghanand) जिले की कानून व्यवस्था के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए जाने जाने वाले नरसिंहानंद सरस्वती ने इस महीने की शुरुआत में आरोप लगाया था कि एक नाबालिग मुस्लिम लड़के को उसकी जासूसी करने के लिए भेजा गया था और लड़के के समुदाय में उसकी उम्र के "प्रशिक्षित हत्यारे" हैं। सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो क्लिप में नरसिंहानंद को बगल में खड़े लड़के पर मंदिर परिसर में रेकी करने का आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है।
गुंडा एक्ट की कार्यवाही
पुलिस (Ghaziabad Police) ने यति नरसिंहानंद गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी के लिए उप जिलाधिकारी के पास दूसरी बार फाइल भेजी है। बता दें कि इससे पहले 2016-17 में गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही करने के लिए पुलिस द्वारा मंजूरी के लिए फाइल भेजी गई थी।
महंत पर दर्ज हैं 13 मुकदमें
यति नरसिंहानंद गिरी पर विभिन्न जनपदों में कई मुकदमे दर्ज है। जिसमें से गाजियाबाद में 13 मुकदमे वर्तमान समय में दर्ज हैं। महामंडलेश्वर पर महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने, आत्महत्या के लिए उकसाने और हत्या के प्रयास समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए हैं। साथ ही मंदिर के बाहर पुलिस कार्यवाही में अवरोध प्रकट करने जैसी असामाजिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए कई केस दर्ज किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि महंत जिला की कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन गए हैं।
एसडीएम को भेजी गई फाइल
पुलिस अधिकारियों द्वारा गुंडा एक्ट की फाइल तैयार कर प्रशासन को भेजी गई है। जिस पर मजिस्ट्रेट गुंडा एक्ट लगाने का निर्णय लेंगे। यदि फाइल में कोई कमी होगी तो प्रशासन द्वारा पुलिस को फाइल वापस भेज दी जाएगी।
एसपी पवन कुमार ने कहा कि 'महंत पर 13 मुकदमे दर्ज है। गुंडा एक्ट की फाइल बनाकर प्रशासन भेज दी गई है। फाइल एसडीएम के पास है। वहां से फाइल लौटकर एसपी देहात के पास आएगी। उसके बाद जिलाधिकारी को भेजी जाएगी।'
पुलिस ने बताया कि इससे पहले भी 2016 में यति नरसिंहानंद के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही के लिए फाइल भेजी गई थी। लेकिन उस दौरान गुंडा एक्ट की कार्रवाई नहीं की गई। इस बार फाइल में गुंडा एक्ट लगाने के लिए भड़काऊ भाषण देने, बार-बार माहौल खराब करने, पुलिस पर दबाव बनाने, पुलिस को गलत साबित करने और महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने समेत अन्य मुकदमों को आधार बनाया है।
पुलिस मेरी छवि खराब कर रही है : यति नरसिंहानंद
इस पूरे मामले में नरसिंहानंद (Narsinghanand) ने कहा कि पुलिस के अधिकारियों ने मेरी हत्या के लिए पैसा लिया है। मेरे ऊपर कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है। किस आधार पर पुलिस गुंडा एक्ट लगा रही है। हमारे ऊपर सभी मुकदमे ऐसे हैं, जो धार्मिक स्थलों पर गया हूं। मैं योगी आदित्यनाथ से लड़ा और उनके कार्यक्रम में गया। वहां भी मेरे पर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस नाकाम है, इसलिए इस तरह की कार्रवाई कर रही है। मेरे पर केवल तीन मुकदमे चल रहे हैं पुलिस मेरी छवि खराब रही है।