Begin typing your search above and press return to search.
समाज

भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव से फर्जी खबर फैलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा पहले मांगो माफी, फिर मिलेगी जेल से राहत

Janjwar Desk
7 April 2023 6:15 PM IST
भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव से फर्जी खबर फैलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा पहले मांगो माफी, फिर मिलेगी जेल से राहत
x

भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव से फर्जी खबर फैलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा पहले मांगो माफी, फिर मिलेगी जेल से राहत

भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव ने 23 फरवरी को एक फर्जी ट्वीट करते हुए दावा किया था कि 15 प्रवासी श्रमिकों को हिंदी बोलने के कारण पीटा गया था, जिनमें से 12 की मौत हो गयी थी...

Prashant Umrao fake twit : तमिलनाडु मामले में फेक और विवादित ट्वीट मामलें में भाजपा प्रवक्ता और पेशे से वकील प्रशांत उमराव को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि वह इस मामले में माफी मांगें। प्रशांत उमराव ने विवादित ट्वीट को लेकर मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इस मामले में कल 6 अप्रैल को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुयी थी।

गौरतलब है कि भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव ने कुछ दिन पहले तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ हमले के बारे में एक फर्जी वीडियो पोस्ट किया था, जिस मामले में जांच के बाद मद्रास हाईकोर्ट से उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुयी थी। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत उमराव को बिना शर्त माफी मांगने का आदेश दिया है।

बीजेपी नेता प्रशांत उमरावत पर तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी मजदूरों की कथित पिटाई का फेक वीडियो ट्वीट करने का आरोप है। ट्वीट के लिए थूथुकुडी केंद्रीय पुलिस द्वारा उन पर मुकदमा दर्ज किया गया था। यह वीडियो बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप ने फर्जी तरीके से बनाया था जिसके बाद से वह जेल में बंद हैं और उन पर एनएसए लगा दिया गया है।

कुर्की-जब्ती के डर से बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप ने थाने में किया सरेंडर, पुलिस लेगी रिमांड पर

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने टिप्पणी की है कि इस तरह के ट्वीट करने से पहले प्रशांत उमराव को औरों से ज्यादा जिम्मेदार होना चाहिए था, क्योंकि वह पेशे से वकील और बार काउंसिल के सदस्य हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत उमराव को 10 अप्रैल को तमिलनाडु के पुलिस थाने में पेश होने का निर्देश दिया। साथ ही मद्रास हाईकोर्ट की ओर से लगाई गई शर्तों को भी बदला है। मद्रास हाईकोर्ट ने प्रशांत उमराव को अग्रिम जमानत देते हुए 15 दिनों के लिए प्रतिदिन सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक थाने में रिपोर्ट करने के लिए निर्देशित किया था।

गौरतलब है कि प्रशांत उमराव ने 23 फरवरी को एक फर्जी ट्वीट करते हुए दावा किया था कि 15 प्रवासी श्रमिकों को हिंदी बोलने के कारण पीटा गया था, जिनमें से 12 की मौत हो गयी थी।’ यह दावा प्रशांत उमराव ने यूट्यूबर मनीष कश्यप के बिहारी मजदूरों के फेक वीडियो बनाने के बाद किया था। मनीष कश्यप के सनसनीखेज वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जब पुलिस ने इस मामले की जांच की तो यह फर्जी पाया गया। इसी के बाद मनीष कश्यप की गिरफ्तारी हुई और प्रशांत उमराव की गिरफ्तारी का आदेश भी दिया गया।

Next Story

विविध