Lakhimpur Kheri : 'जब दोषी नहीं हुआ गिरफ्तार तो कैसे हो गए अंतिम संस्कार', सरकार-किसान नेताओं के समझौते पर उठ रहे सवाल
(दोषियों की गिरफ्तारी से पहले ही समझौते पर सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल)
Lakhimpur Kheri जनज्वार। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में किसानों (Farmers) की मौत के बाद किसानों और सरकार के बीच समझौते कि खबरें आई थी। योगी सरकार ने ऐलान किया था कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को 45-45 लाख रुपये और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने बताया था कि अफसरों से छह राउंड की बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार वालों को सरकार (UP Govt) की ओर से 45-45 लाख रुपये दिए जाएंगे। लेकिन अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष की गिरफ्तारी के बिना किसान समझौते को लेकर सवाल खड़े होने शुरु हो गए है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इसको लेकर ट्वीट कर रहे हैं।
सवालों के घेरे में राकेश टिकैत
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक झड़प के बाद किसान सरकार से कार्यवाही कर आशीष की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। लेकिन सोमवार को आशीष मिश्र की गिरफ्तारी के बिना हुए किसान समझौते को लेकर ट्विटर पर सवाल उठ रहे हैं।
फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने ट्वीट कर कहा, 'किसान नेता राकेश टिकैत को इस नरसंहार की भयावहता के बारे में जरूर बताया गया होगा, इसके बावजूद हत्यारों की गिरफ्तारी से पहले ही किसान नेताओं ने 24 घंटे में समझौता क्यों और कैसे कर लिया? ये सवाल टिकैत से पूछा जाना चाहिए।'
ये सवाल किसानों को राकेश टिकैत से भी पूछना चाहिए, जिन्होंने 24 घंटे से भी कम वक्त में नरसंहार पर समझौते का ऐलान कर दिया।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) October 5, 2021
नरसंहार पर समझौता हो भी कैसे सकता है ? नरसंहार पर सिर्फ़ इंसाफ़ होना चाहिए और इंसाफ़ बाक़ी है। https://t.co/kvJKFuWDNS
पत्रकार अभिसार शर्मा ने ट्वीट किया, सबसे बड़ा सवाल आपसे है राकेश टिकैत जी। हक़ीक़त आपको पता है। बगैर किसी ठोस कार्रवाही केआपने प्रशासन के साथ समझौता क्यों किया? इस वीडियो के बाद मोनू मिश्र की गिरफ्तारी के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता? अजय मिश्र को बर्खास्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।
सबसे बड़ा सवाल आपसे है @RakeshTikaitBKU ji. हक़ीक़त आपको पता है। बगैर किसी ठोस कार्रवाही केआपने प्रशासन के साथ समझौता क्यों किया? इस वीडियो के बाद मोनू मिश्र की गिरफ्तारी के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता? @ajaymishrteni को बर्खास्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता @PMOIndia जी।
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) October 4, 2021
वहीं पत्रकार रणविजय सिंह ने भी ट्वीट किया', 'कोई नेता लखीमपुर नहीं पहुंच पाता, लेकिन राकेश टिकैत आसानी से लखीमपुर पहुंच जाते हैं। सरकार और किसानों के बीच समझौता कराते हैं और प्रदर्शन खत्म हो जाता है। सब कुछ कितना सरल है। बिल्कुल सरकार के हिसाब का।'
कोई नेता लखीमपुर नहीं पहुंच पाता, लेकिन राकेश टिकैत आसानी से लखीमपुर पहुंच जाते हैं.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) October 4, 2021
सरकार और किसानों के बीच समझौता कराते हैं और प्रदर्शन खत्म हो जाता है.
सब कुछ कितना सरल है. बिल्कुल सरकार के हिसाब का.
पूर्व आईपीएस डॉ. डी.सी. अस्थाना अपने ट्वीट में लिखते हैं, 'लखीमपुर खीरी में जो हुआ, जघन्य अपराध हुआ। लेकिन उसकी आड़ लेकर अब तक आराम फ़रमाते जो नेता किसानों के मसीहा बनते हुए दौड़ पड़े, वो अवसरवादी राजनीति कर रहे हैं। किसान इतने भोले भी नहीं कि उनके गिरफ़्तारी दे देने मात्र से उन्हें वोट दे देंगे। समझौता मास्टरस्ट्रोक था। हवा निकाल दी।'
लखीमपुर खीरी में जो हुआ, जघन्य अपराध हुआ। लेकिन उसकी आड़ लेकर अब तक आराम फ़रमाते जो नेता किसानों के मसीहा बनते हुए दौड़ पड़े, वो अवसरवादी राजनीति कर रहे हैं। किसान इतने भोले भी नहीं कि उनके गिरफ़्तारी दे देने मात्र से उन्हें वोट दे देंगे। समझौता मास्टरस्ट्रोक था। हवा निकाल दी।
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (@NcAsthana) October 5, 2021
उत्तम यादव नाम का यूजर लिखता है, 'पहली बार राकेश टिकैत पर दुख हो रहा है उन्होंने 45 लाख में कैसे समझौता करवाया। फांसी होनी चाहिए हत्यारे को, उम्रकैद उसके बाप को। गरीब किसान कीड़ा मकौड़ा है क्या जो आया मार कर चला जाए और 45 लाख दे दे तो सब सही जान की कीमत लगती है। जब दोषी गिरफ्तार नहीं हुआ तो कैसे अंतिम संस्कार हुए।'
पहली बार राकेश टिकैत पर दुख हो रहा है उन्होंने 45 लाख़ में कैसे समझौता करवाया
— उत्तम यादव (@uttamyadava) October 5, 2021
फांसी होनी चाहिए हत्यारे को उम्रकैद उसके बाप को गरीब किसान कीड़ा मकौड़ा है क्या जो आया मार कर चला जाए और 45लाख़ दे दे तो सब सही
जान की कीमत लगती है जब दोषी गिरफ्तार नही हुआ तो कैसे अंतिम संस्कार हुए
केंद्रीय उत्तर प्रदेश कांग्रेस सेवादल ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- 'सुर लय ताल छीन लो प्राणों से भैरव गायेंगे, हम अब भी नही बोले तो दुनिया को क्या मुख दिखलाएंगे। राकेश टिकैत जी आपने ये वीडियो देखा क्या समझौता करने से पहले।'
सुर लय ताल छीन लो प्राणों से भैरव गायेंगे
— Central Uttar Pradesh Congress Sevadal (@SevadalUPC) October 5, 2021
हम अब भी नही बोले तो दुनिया को क्या मुख दिखलाएंगे.@RakeshTikaitBKU जी आपने ये वीडियो देखा क्या समझौता करने से पहले।#किसान_के_साथ_प्रियंका#लखीमपुर_किसान_नरसंहार pic.twitter.com/2RGzuknGJt