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FIR Against Bishop Joseph : केरल में बिशप जोसेफ के खिलाफ केस दर्ज, लव और नार्कोटिक जिहाद पर दिया था विवादित बयान  

Janjwar Desk
2 Nov 2021 7:00 AM IST
FIR Against Bishop Joseph : केरल में बिशप जोसेफ के खिलाफ केस दर्ज, लव और नार्कोटिक जिहाद पर दिया था विवादित बयान  
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(लव और नारकोटिक्स जिहाद पर विवादित बयान को लेकर बिशप के खिलाफ केस दर्ज) File pic.

FIR Against Pala Bishop : कोट्टायम में पाला बिशप जोसेफ कल्लरैंगाट के खिलाफ नारकोटिक जिहाद पर उनके विवादित बयान के लिए कोर्ट ने केस दर्ज करने का निर्देश दिया है।

FIR Against Pala Bishop : कोट्टायम (Kottayam) में पाला बिशप जोसेफ कल्लरैंगाट (Pala Bishop Joseph Kallraingat) के खिलाफ नारकोटिक जिहाद पर उनके विवादित बयान (Controversial statement of Pala Bishop) के लिए कोर्ट ने केस दर्ज करने का निर्देश दिया है।

केरल (Kerala News) के पाला में न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अदालत ने सोमवार को ये निर्देश जारी किया। अदालत ने यह निर्देश इमाम काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से दायर एक याचिका पर दिया। बिशप के बयान पर खूब हंगामा मचा था।

मामले को लेकर एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि बिशप जोसफ कल्लरैंगाट के खिलाफ कुराविलंगड पुलिस स्टेशन में धारा 152 (ए) (विभिन्न समुदायों के बीच नफरत या विभाजन पैदा करना) और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।

वहीं, केस के संबंध में डायसस के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस बरे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है और नोटिस मिलने के बाद चर्च कानूनी रूप से इससे निपटेगा।

बिशप के खिलाफ केस दर्ज करने के कोर्ट के निर्देश का केरल छात्र संघ सहित कई मुस्लिम संगठनों ने स्वागत किया है। हालांकि, इस मामले पर अभी तक राजनीतिक नेताओं की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

बीते 9 सितंबर को कोट्टयम में चर्च (Church in Kerala) के एक समारोह को संबोधित करते हुए बिशप ने कहा था केरल में ईसाई लड़कियां 'लव और नार्कोटिक (मादक पदार्थ) जिहाद' का शिकार बनाई जा रही है।

बिशप ने कहा था, "जहां कहीं भी हथियारों का इस्तेमाल नहीं हो सकता है, वहां नशीले पदार्थों का इस्तेमाल किया जा रहा है और कैथोलिक लड़कियां शिकार बन जाती हैं। उनकी मदद के लिए राज्य में कुछ ग्रुप काम कर रहे हैं। इसे समझने के लिए यह विश्लेषण करने की जरूरत है कि अन्य धर्मों की महिलाएं इस्लामिक स्टेट के शिविरों में कैसे पहुंचीं।"

बिशप ने 2016 में उन 21 लोगों की उत्तरी केरल से अफगानिस्तान तक की यात्रा का जिक्र कर रहे थे जिनमें से पांच इस्लाम धर्म अपनाने वाले लोग भी शामिल थे।

बिशप के इस बयान के बाद बीजेपी को छोड़कर राज्य की सभी राजनीतिक दलों ने निंदा की और उन्हें अपना बयान वापस लेने के लिए था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।

बाद में बिशप ने चर्च के मुखपत्र 'दीपिका' में अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा था कि छद्म धर्मनिरपेक्षता देश को तबाह कर देगी। यहां तक की केरल मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी उनकी आलोचना की थी।

उधर, बिशप के खिलाफ केस दर्ज करने के कोर्ट के निर्देश का केरल छात्र संघ सहित कई मुस्लिम संगठनों ने स्वागत किया है। हालांकि, इस मामले पर अभी तक राजनीतिक नेताओं की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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