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Maharashtra News : मात्र 22 साल की उम्र में ऑटो ड्राइवर की बेटी पूजा यशवंत चव्हाण ने सरपंच बनकर रचा इतिहास, ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने का सपना

Janjwar Desk
26 Oct 2022 1:45 PM GMT
Maharashtra News : मात्र 22 साल की उम्र में ऑटो ड्राइवर की बेटी पूजा यशवंत चव्हाण ने सरपंच बनकर रचा इतिहास, ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने का सपना
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Maharashtra News : मात्र 22 साल की उम्र में ऑटो ड्राइवर की बेटी पूजा यशवंत चव्हाण ने सरपंच बनकर रचा इतिहास, ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने का सपना

Maharashtra News : महाराष्ट्र की पहली लड़की हैं पूजा यशवंत चव्हाण, जो मात्र 22 साल में सरपंच बन गई हैं, इतनी कम उम्र में सरपंच बनकर उन्होंने इतिहास रच दिया है, वह पालघर के वाडा के ऊसर गांव से ताल्लुक रखती हैं...

Maharashtra News : महाराष्ट्र की पहली लड़की हैं पूजा यशवंत चव्हाण, जो मात्र 22 साल में सरपंच बन गई हैं। इतनी कम उम्र में सरपंच बनकर उन्होंने इतिहास रच दिया है। बता दें कि वह पालघर के वाडा के ऊसर गांव से ताल्लुक रखती है। पूजा यशवंत चव्हाण का कहना है कि उनका सपना है कि उसके गांव का पूरे देश में नाम हो। वह अपने गांव को पूरी तरह सुशिक्षित करना चाहती हैं। गांव का विकास करना चाहती हैं। गांव की हर समस्या का समाधान करना चाहती हैं, इसलिए सरपंच का चुनाव लड़ा।

पूजा यशवंत चव्हाण ने एग्रीकल्चर में किया डिप्लोमा

पूजा यशवंत चव्हाण का कहना है कि जीत के बाद वह पूरी तरह आश्वस्त हैं कि गांव की समस्याओं को समझकर वह उनका हल निकाल सकती हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि पूजा यशवंत चव्हाण ने एग्रीकल्चर में डिप्लोमा किया है। वह बीए की आखिरी साल की स्टूडेंट हैं। वह आगे भी अन्य डिग्रियां हासिल करने के लिए पढ़ाई जारी रखेंगी, ताकि गांव वालों के सामने एक आदर्श पेश कर सके कि इस डिजिटल युग में अच्छी एजुकेशन ही बाद में सबके काम आएगी। चूंकि वह पढ़ी लिखी है, इसलिए गांव की समस्याओं और उनके समाधान के लिए गांव वालों की तरफ से सरकार से पत्राचार भी करेंगी।

ग्रामीणों को खेती करने के लिए पूजा करेंगी गाइड

पूजा यशवंत चव्हाण के पिता की खेती है। उनके पिता ऑटो भी चलाते हैं। अपनी जीत के बाद पूजा ने अपने गांव के लोगों से कहा कि चूंकि उन्होंने एग्रीकल्चर में डिप्लोमा किया है, इसलिए वह गांव के तमाम लोगों को गाइड करेंगी। गांव में बहुत से लोगों के पास खेती है लेकिन आर्थिक मजबूरियों के कारण बहुत से लोग खेती कर ही नहीं पा रहे हैं। सरपंच बनने के बाद पूजा यशवंत चव्हाण यह रास्ता निकाल रही हैं कि गांव में खेती ना कर पाने वाले ऐसे लोगों को किस तरह से सरकार से आर्थिक मदद दिलाई जा सके ताकि वह लोग खेत करने में सक्षम हो सकें और खेती के जरिए फसलों की कमाई से अपना जीवन बेहतर करने में सक्षम हो सकें।

चुनाव लड़ने के लिए मामा के बेटे ने किया पूजा को मोटिवेट

पूजा यशवंत चव्हाण का कहना है कि उनके मामा का बेटे राजेश सुरेश मुकने पालघर के कुडुष में जिला परिषद सदस्य है। राजेश ने भी उसे मोटिवेट किया और उसके गांव के अन्य लोगों ने भी, इसलिए वह 16 अक्टूबर को हुए चुनाव में खड़ी हुई। अगले दिन 17 अक्टूबर को रिजल्ट आया। उसे पूरे ग्राम पंचायत में 498 वोट मिले। खुद जिस ऊसर में वह रहती है, वहां उसे 187 वोट मिले। उसके खिलाफ दो प्रत्याशी खड़े हुए। इनमें से एक को 179 और दूसरे को 67 वोट मिले।

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