Begin typing your search above and press return to search.
समाज

देशभर में याद की जा रही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत, आज के ही दिन हंसते-हंसते चूम लिया था फांसी का फंदा

Janjwar Desk
23 March 2021 7:59 AM GMT
देशभर में याद की जा रही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत, आज के ही दिन हंसते-हंसते चूम लिया था फांसी का फंदा
x

भगत सिंह ने कहा था, पत्रकारिता का व्यवसाय बहुत ही गंदा हो गया है, यह लोग एक-दूसरे के विरुद्ध बड़े मोटे-मोटे शीर्षक देकर लोगों की भावनाएं भड़काते हैं

किसान एकता मोर्चा ने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा, अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु के बलिदान दिवस पर, कोटि-कोटि नमन'

जनज्वार डेस्क। देशभर में आज शहीद दिवस मनाया जा रहा है। आज ही के दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल 1929 को सेंट्रल असेंबली में बम फेंके थे। बम फेंकने के बाद वहीं पर दोनों ने अपनी गिरफ्तारी भी दे दी थी। इसके बाद करीब दो साल उन्हें जेल में रखा गया और फिर बाद में भगत सिंह को राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी पर लटका दिया गया था। सोशल मीडिया पर भी तीनों क्रांतिकारियों की शहादत को याद किया जा रहा है। यूजर्स शहीद दिवस की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं।

भारती जोशी नाम की फेसबुक यूजर ने अपनी पोस्ट में लिखा, ''23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव था पर और शिवराम राजगुरु ने लाहौर सेंट्रल जेल (वर्तमान में पाकिस्तान) में हँसते हँसते फांसी के फंदा चुम्मा ऐसे जज्बे को मेरा क्रांतिकारी सलाम.....23 मार्च 1988 अवतार सिंह 'पाश' क्रांतिकारी लेखक कवि की शहादत को भी सलाम.... आज के अंधे दौर में आवश्यकता है इतिहास के पन्नों को पढ़ने की ताकि अनुमान हो कि कितने संघर्षों की उपज के बाद हिंदुस्तान आजाद हुआ है और किस समाज के कल्पना की गई और किस समाज में हम हैं उन शहीदों के सम्मान में आवश्यकता है इतिहास के पन्नों को पढ़ने की समझने की जिस से निर्मित कर सके हम एक बेहतर समाज शिक्षित समाज।''

प्रवीण ठाकुर नाम के यूजर ने एक वीडियो पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि एनआईटी हमीरपुर के छात्रों ने हमीरपुर शहर में शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में कैंडल लाइट मार्च निकालकर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को याद किया।

रजुल शर्मा नाम के यूजर ने अपने फेसबुक पोस्ट में कई वीडियो पोस्ट किए हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'प्रयागराज, शहीदी दिवस पर मंगलवार को आज़ाद पार्क में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि दी गयी।'

एक दूसरे पोस्ट में उन्होंने शहीद दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का वीडियो भी पोस्ट किया है। रजुल शर्मा ने लिखा, 'शहीदे आजम सरदार भगत सिंह की 90 वी पुण्यतिथि पर शहीद-ए-आजम को श्रद्धांजलि अर्पित की गई कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में कमिश्नर प्रयागराज उपस्थित रहे इस दौरान आजादी से ओतप्रोत कार्यक्रम भी प्रस्तुत हुए।'

सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रेश मैखुरी ने भगत सिंह के शहादत दिवस पर पंजाब के क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश की कविता को पोस्ट किया।

वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'आज 23 मार्च है, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का शहादत-दिवस! 1931 में इन तीनों को ब्रिटिश हुकूमत ने आज ही के दिन फांसी दी थी। तीनों क्रांतिकारियों का स्वाधीनता आंदोलन में अमूल्य योगदान है। निस्संदेह, उस दौर के क्रांतिकारी आंदोलन के सबसे प्रखर नेता और बौद्धिक-दिमाग शहीद भगत सिंह ही थे। भगत सिंह के विचार अमर हैं, वे आज के दौर और भविष्य में भी प्रासंगिक बने रहेंगे। क्रांतिकारी योद्धा, प्रखर बुद्धिजीवी, महान् लेखक और अपने प्रिय नायक की शहादत को सलाम। तीनों शहीदों को सादर नमन।'

किसान एकता मोर्चा ने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा, अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु के बलिदान दिवस पर, कोटि-कोटि नमन' 90 वर्षों के बाद आज हर किसान भगत सिंह का रूप लिए दिल्ली सरहद पर अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है।


Next Story

विविध