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UP में महिलाओं के खिलाफ अपराध तो Rajasthan में दुष्कर्म सबसे ज्यादा, 'मामा ' का राज मासूमों के लिए बेकार

Janjwar Desk
3 Sep 2022 3:23 AM GMT
UP में महिलाओं के खिलाफ अपराध तो Rajasthan में दुष्कर्म सबसे ज्यादा,  मामा  का राज मासूमों के लिए बेकार
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file photo

NCRB report 2021 : एनसीआरबी की रिपोर्ट 2021 से साफ है कि हत्या, अपहरण, महिलाओं, बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़ा है। एससी-एसटी के खिलाफ भी अपराध की घटनाओं में इजाफा हुआ है।

NCRB report 2021 : राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा साल 2021 के आंकड़े जारी करने के बाद से अलग-अलग तरह के अपराधों को लेकर चर्चा चरम पर है। कुल अपराध के मामलों में 2020 की तुलना में भले ही 2021 में आंशिक कमी आई है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराध ( Crime against women ) पहले की तरह बदस्तदूर जारी हैं। चिंता की बात ये है कि यूपी ( Uttar pradesh ) में महिलाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इस मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं। यूपी महिला अपराध ( UP top in Crime against women ) के मामले में देशभर में शीर्ष पर है।

अहम सवाल यह है कि जब हत्या, अपहरण जैसे मामले बढ़े हैं, महिलाओं, बच्चों के खिलाफ अपराध भी बढ़ा है तो कुल अपराध में कमी कैसे आई है। आइए, हम आपको बतातें हैं कि 2021 में किन राज्यों में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं हुई तो महिला अपराधों की संख्या सबसे ज्यादा किस राज्य में हुई। वहीं बाल अपराध की घटनाएं कौन रहा अव्वल।

2021 में हर रोज दुष्कर्म की 86 घटनाएं

साल 2021 में देशभर में दुष्कर्म के कुल 31,677 मामले दर्ज हुए। यानी हर रोज औसतन 86 से ज्यादा महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुईं। 2020 के मुकाबले दुष्कर्म के मामलों में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ। राजस्थान ( Rajasthan ) में सबसे ज्यादा 6,337 मामले दर्ज हुए। राजस्थान के बाद सबसे ज्यादा दुष्कर्म की वारदातें मध्य प्रदेश में हुईं। इसके बाद उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और असम का नंबर है।

महिलाओं के खिलाफ अपराध, यूपी सबसे ज्यादा खराब

इसी तरह साल 2021 में देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,28,278 मामले दर्ज हुए। 2020 के मुकाबले महिला अपराध में 15.3 फीसदी का इजाफा हुआ। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में सबसे ज्यादा 31.8 प्रतिशत मामले पति या रिश्तेदार की क्रूरता के थे। राज्यों की बात करें तो महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा 56,083 मामले उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) में दर्ज हुए। 2020 के मुकाबले राज्य में इस तरह के अपराध में 13.5ः का इजाफा हुआ। उत्तर प्रदेश के बाद महिला अपराध के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दर्ज हुए।

महाराष्ट्र में दंगा सबसे ज्यादा

साल 2021 में देशभर में कुल 41,954 दंगे हुए। यानी हर रोज दंगे की औसतन 114 से ज्यादा घटनाएं हुईं। महाराष्ट्र ( Maharashtra ) में सबसे ज्यादा 8,709 दंगे हुए। वहीं बिहार इस मामले में दूसरे नंबर पर रहा। यहां कुल 6,298 दंगे हुए। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु भी टॉप पांच में शामिल रहे।

बच्चों की सुरक्षा करने में मात खा गए शिवराज

देश में बच्चे सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश ( Madhya pradesh ) में असुरक्षित हैं। इस मामले में लोगों के बीच मामा के नाम से लोकप्रिय सीएम शिवराज सिंह चौहान गच्चा खा गए। सभी के मामा होते हुए भी वो बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पाये। उनके अफसोस की बात ये रही कि एमपी में बच्चों के खिलाफ सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाएं हुईं। साल 2021 में बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 19,173 मामले दर्ज हुए। 2020 के मुकाबले इस तरह के मामलों में राज्य में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ। महाराष्ट्र में इस तरह की वारदातों में 20 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ। राज्य में बच्चों के खिलाफ अपराध की कुल 17,261 घटनाएं दर्ज हुईं।

हर रोज हत्या के मामले 80 से ज्यादा, इस मामले में भी यूपी अव्वल

साल 2020 की तुलना में 2021 में हत्या की घटना में ज्यादा हुईं। देश में कुल 29,272 हत्याएं हुईं। यानी हर रोज देश में 80 से अधिक हत्याएं हुईं। 2020 के मुकाबले हत्या के मामलों में 0.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ। राज्यों के लिहाज से बात करें तो सबसे ज्यादा हत्या के मामले उत्तर प्रदेश में सामने आए। यहां 2021 में कुल 3,717 हत्याएं हुईं। 2020 के मुकाबले उत्तर प्रदेश में हत्या के मामलों में करीब 1.6 फीसदी की कमी आई। यूपी के बाद हत्या के मामले में बिहार दूसरे नंबर पर है। उसके बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा हत्याएं हुईं।

NCRB report 2021 : बता दें कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने साल 2021 की अपनी रिपोर्ट में में देशभर में आपराधिक घटनाओं में 7.6 प्रतिशत की कमी का दावा किया है। हालांकि, हत्या, अपहरण, महिलाओं, बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़ा है। एससी-एसटी के खिलाफ भी अपराध की घटनाओं में इजाफा हुआ है।

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