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समाज

Gurmeet Ram Rahim : रेपिस्ट बाबा राम रहीम के पैरोल पर सवाल उठाने वाली याचिका हाईकोर्ट में खारिज, सरकार के पाले में गेंद

Janjwar Desk
14 Nov 2022 5:30 PM IST
Ram Rahim News : पंचायत चुनाव से पहले साल में तीसरी बार 40 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आया डेरा चीफ राम रहीम
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Ram Rahim News : पंचायत चुनाव से पहले साल में तीसरी बार 40 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आया डेरा चीफ राम रहीम

Ram rahim : याचिका में कहा गया है कि राम रहीम पंजाब को सीधे-सीधे प्रभावित करता है, जिस कारण राम रहीम को मिली इस पैरोल से शांति भंग होने का पूरा खतरा है, बाबा के ऑनलाइन सत्संग की वजह से पंजाब में माहौल बिगड़ सकता है...

चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा राम रहीम को मिले पैरोल का दुरुपयोग करने के मामले में दायर याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख की 40 दिन की पैरोल के खिलाफ दायर याचिका पर कई सवाल उठाए, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली। अलबत्ता कोर्ट ने हरियाणा सरकार को याचिकाकर्ता के ज्ञापन पर कार्यवाही के निर्देश जरूर दे दिए। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता ने चीफ सेक्रेटरी को जो मांग पत्र दिया है। सरकार उस पर गौर करते हुए उचित कार्रवाई करे।

कोर्ट में दायर इस याचिका में पैरोल के नियमों के पालन न करने का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि नियमों के अनुसार पैरोल पाने वाला व्यक्ति जहां रुकता है, वहां के जिलाधिकारी से मामले में पूरी राय ली जाती है। लेकिन राम रहीम के मामले में इस नियम की खुली अनदेखी की गई। याचिका में कहा गया है कि राम रहीम पंजाब को सीधे-सीधे प्रभावित करता है, जिस कारण राम रहीम को मिली इस पैरोल से शांति भंग होने का पूरा खतरा है। बाबा के ऑनलाइन सत्संग की वजह से पंजाब में माहौल बिगड़ सकता है। राम रहीम को लेकर पंजाब के बठिंडा में पहले ही प्रदर्शन भी हो चुका है। इसलिए पैरोल देने से पहले हरियाणा सरकार को पंजाब सरकार की राय जरूर लेनी चाहिए थी।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में सत्संग पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि राम रहीम हर रोज ऑनलाइन सत्संग कर रहा है। इसके साथ ही याचिका में पैरोल मिलने के दौरान लगने वाली शर्तों के उल्लंघन को भी रेखांकित करते हुए याचिकाकर्ता का कहना था कि लोकल पुलिस को पैरोल पाने वाले पर नजर रखने की हिदायत दी जाती है। मोबाइल व अन्य संचार के माध्यम के प्रयोग पर भी रोक की शर्त रखी जाती है। राम रहीम के मामले में ऐसा नहीं है। वह इंटरनेट पर गाने गा रहा है। इन नियमों का हवाला देते हुए याचिका में पैरोल रद करने की मांग की गई थी, जिस पर न्यायालय में याचिकाकर्ता से याचिका के औचित्य से जुड़े कई सवाल पूछे, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अपनी इस याचिका को वापस ले लिया। साथ ही हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता ने चीफ सेक्रेटरी को जो मांग पत्र दिया है। सरकार उस पर गौर करते हुए उचित कार्रवाई करे।

याचिकाकर्ता एचसी अरोड़ा ने अपनी याचिका में कहा था कि बलात्कार में दोषी बाबा राम रहीम को पैरोल दिए जाने की प्रक्रिया में कई नियमों की खुली अनदेखी की गई है। उन्होंने आशंका व्यक्त की थी कि बाबा राम रहीम की पैरोल से पंजाब में शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। गौरतलब है कि पैरोल दिए जाने से पहले संबंधित जिला उपायुक्त से सुरक्षा को लेकर आकलन किया जाता है कि किसी कैदी को परोल दिए जाने से शांति व्यवस्था तो भंग नहीं होगी, लेकिन राम रहीम के मामले में हरियाणा सरकार ने बागपत जिले के डीएम से सुरक्षा को लेकर आकलन करवाया, जबकि राम रहीम को पैरोज मिलने से सबसे ज्यादा पंजाब में शांति भंग होने की संभावना है।

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