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जोशीमठ पर स्टडी के लिए टाइमलाइन निर्धारित, उद्यान विभाग की भूमि पर बनेंगे मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट, पानी का डिस्चार्ज 540 एलपीएम से घटकर हुआ 123 एलपीएम

Janjwar Desk
17 Jan 2023 10:51 PM IST
जोशीमठ पर स्टडी के लिए टाइमलाइन निर्धारित, उद्यान विभाग की भूमि पर बनेंगे मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट, पानी का डिस्चार्ज 540 एलपीएम से घटकर हुआ 123 एलपीएम
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जोशीमठ में घरों के अंदर का यह हाल आम हो चुका है 

Joshimath Sinking : सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं, जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई हैं...

देहरादून। जोशीमठ में विभिन्न संस्थानों द्वारा किए जा रहे अध्ययन पर सरकार ने समय सीमा निर्धारित कर दी है। अब तय समय में सभी अध्ययनकर्ता संस्थाओं को अपनी रिपोर्ट देनी पड़ेगी। आपदा प्रबन्धन के सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने मंगलवार 17 जनवरी को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के बाद राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कामों की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से लोगों के विस्थापन के लिए अग्रिम के रूप 207 प्रभावित परिवारों को 3.10 करोड़ रूपये बांट दिए हैं। राहत की खबर है कि जोशीमठ में शुरू में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एलपीएम था, वर्तमान में घटकर 123 एलपीएम हो गया है।

सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि भारत सरकार के स्तर पर केन्द्र के तकनीकी संस्थानों को जोशीमठ के अर्न्तगत आपदाग्रस्त क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने के लिए टाईमलाइन दी गयी है। सीबीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को तीन सप्ताह, एनजीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह, वाडिया संस्थान के 07 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह, जीएसआई के सात वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह, सीजीडब्ल्यूबी के 04 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट एक सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह तथा आईआईआरएस को एक सप्ताह में प्रारम्भिक रिपोर्ट तथा तीन माह में अन्तिम रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके साथ ही सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी है कि टीसीपी तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि को मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाने के लिए चिन्हित कर लिया गया है। जेपी के भी 15 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें तोड़ने का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है।

सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं, जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है।

सर्वेक्षण का काम चल रहा है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 167 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 250 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 838 है। इस प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर मौजूद रहे।

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