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एलएसी पर तनाव के बीच चीन ने हिमाचल प्रदेश से लगती सीमा पर किया 20 किमी लंबी सड़क का निर्माण
प्रतीकात्मक फोटो।
जनज्वार। लद्दाख के गलवान घाटी झड़प के बाद भारत और चीन के बीच भले हालात को सामान्य बनाने के लिए कूटनीतिक व सैन्य स्तर की वार्ता चल रही हो, लेकिन चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब खबर है कि चीन हिमाचल प्रदेश से लगती सीमा पर सड़क निर्माण कर रहा है और उसने 20 किमी सड़क बना भी ली है। रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कुन्नू चारंग जिले के ग्रामीणों ने यह दावा किया पिछले दो महीने में चीन ने सीमा के करीब 20 किमी लंबी सड़क का निर्माण किया है।
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, मोरंग घाटी में कुन्नू चारंग सीमा पर आखिरी गांव है। यहां के ग्रामीणों ने दावा किया चीन रात के अंधेरे में खेमकुल्ला पास की ओर सड़क का निर्माण कर रहा है। साथ ही चीन के समय रात में इस इलाके में ड्रोन भी आ रहा है। गांव के नौ लोगों का दल ने खच्चर और पांच पोर्टर के साथ लगभग 22 किमी दूर सीमा की ओर गया था। इस दल के साथ चीन सीमा पर सुरक्षा के लिए तैनात इंडिया तिब्बत बाॅर्डर पुलिस के कुछ जवान भी थे। खेमकुल्ला के पास इस दल ने तिब्बत की ओर देखा तो चीन की गतिविधियों व निर्माण को देखा।
दल ने बताया है कि पिछले साल अक्तूबर तक तिब्बत के आखिरी गांव तांगो तक ही सड़क थी लेकिन बर्फ हटते ही पिछले दो महीनों में सीमा की ओर 20 किमी तक उसने सड़क बना लिया।
किन्नौर के एसपी साजू राम राणा ने भी सीमाई गांवों में ड्रोन आने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि इतनी लंबी सड़क कम समय में नहीं बन सकती है। एसपी के अनुसार, ग्रामीणों ने इस बारे में बताया है और यह भारतीय सीमा क्षेत्र में नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है।
रेकी करने वाले दल के कहा है कि सांगली घाटी के छितकुल इलाके के करीब भी सरहद पार यमरंग ला की ओर सड़क निर्माण जारी है। इस दल के बलदेव नेगी, जेपी नेगी, विपिन कुमार, नीरज, मोहन के अनुसार, दो किमी तक सड़क का निर्माण हो चुका है।
बलदेव नेगी ने कहा कि सीमा पर हमने पांच पोकलेन व कई बड़े डंफर देखे, जो सड़क निर्माण कार्य मंे लगे थे। उन्होंने बताया कि वे लोग छह दिन रेकी करते रहे और पाया कि रात होते ही पहले भारत की ओर ड्रोन भेजा जाता है, फिर विस्फोट की तेज आवाजें आती हैं। अंधेरे में निर्माण की गति बढा दी जाती है।
उन्होंने बताया कि पुलिस को इसकी जानकारी दी है, लेकिन वह हमें ही प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय क्षेत्र में सरहद के आसपास की बात तो छोड़िए चारंग गांव तक अच्छी सड़क नहीं है। चारंग से सीमा तक जाने के लिए दुर्गम पहाड़ी रास्तों से पैदल या खच्चर से 22 किमी की यात्रा करनी पड़ती है।
आजतक की मूल रिपोर्ट पढने के लिए इस लिंक को क्लिक करें