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देशभर में ताबड़तोड़ छापेमारी में 170 से अधिक PFI कार्यकर्ता गिरफ्तार, जांच एजेंसियों ने किया देश विरोधी दस्तावेज मिलने का दावा
देशभर में ताबड़तोड़ छापेमारी में 170 से अधिक PFI कार्यकर्ता गिरफ्तार, जांच एजेंसियों ने किया देश विरोधी दस्तावेज मिलने का दावा
Raid Against PFI : पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई लगातार जारी है। आज मंगलवार 27 सितंबर को यूपी के 26 जिलों में छापेमारी कर 57 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसकी जानकारी यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि पीएफआई एवं उसके अनुषांगिक संगठनों द्वारा देश के विभिन्न स्थानों पर कारित हिंसा एवं संगठन के सदस्यों की बढ़ती राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश जनपदीय पुलिस, एसटीएफ व एटीएस ने प्रदेश के 26 जनपदों में पीएफआई के सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी की है, जिसमें 57 व्यक्ति हिरासत में लिए गए हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी और ED ने मंगलवार 27 सितंबर को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई ठिकानों पर छापेमारी की। देश के 8 राज्यों से 170 पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। दिल्ली के शाहीन बाग में NIA ने रेड करके PFI से जुड़े 30 लोगों को हिरासत में लिया है। शाहीन बाग में इस एक्शन के बाद केंद्रीय पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। टीम ने मोबाइल फोन और अन्य डिवाइस समेत कई दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए हैं। वहीं, जामिया नगर में धारा 144 लागू कर दी गई है। यहां दो महीने, चार या उससे ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। जामिया यूनिवर्सिटी ने सर्कुलर जारी करके छात्रों से गैदरिंग न करने को कहा है।
महाराष्ट्र से 15, कर्नाटक के कोलार से 6 और असम से 25 PFI कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया है। NIA और 9 राज्यों की ATS एक साथ एक्शन में है। यह PFI पर छापेमारी का दूसरा राउंड है। पहले राउंड में गिरफ्तार कार्यकर्ताओं से पूछताछ में खुलासा हुआ था कि इनका नेटवर्क पूरे देश में फैल चुका है। इनके मध्य प्रदेश सहित ज्यादातर राज्यों में सिमी से जुड़े होने के भी सबूत मिले हैं। इसके बाद देशभर की इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों ने PFI नेटवर्क खंगालने की कवायद शुरू की। 20 राज्यों और 100 से ज्यादा शहरों में इनका सर्विलांस शुरू हुआ। पता चला कि PFI को खाड़ी देशों और बड़े मुस्लिम कारोबारियों से चंदा मिल रहा है।
दिल्ली के शाहीन बाग में NIA की टीम ने मंगलवार 27 सितंबर सुबह छापा मारकर 30 लोगों को हिरासत में लिया है। NIA का दावा है कि इनमें से कुछ के बारे में पुख्ता सूचना मिली थी, जबकि कुछ को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया है। इस एक्शन के दौरान पूरे शाहीन बाग में केंद्रीय सुरक्षा बल CRPF की तैनाती कर दी गई है। शाहीन बाग में ही CAA-NRC के खिलाफ कई महीने तक लगातार प्रदर्शन हुआ था।
यूपी ATS ने 16 शहरों से 57 को पकड़ा
उत्तर प्रदेश ATS ने मंगलवार 27 सितंबर की सुबह गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में छापेमारी कर 16 लोगों को उठाया। गाजियाबाद से 12, मेरठ से 3 और बुलंदशहर से 2 संदिग्ध को उठाया है। दावा किया गया है कि ATS को इनपुट मिले हैं, ये सभी PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े हुए हैं। ATS ने यह कार्रवाई सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात की है। ATS ने बुलंदशहर में पीएफआई से जुड़े वकील को भी उठाया है। छापेमारी के दौरान मौके पर बरामद विभिन्न प्रकार के अभिलेखों एवं सबूत में संयुक्त रूप से विश्लेषण किया जा रहा है। इसी तरह सीतापुर व आसपास भी गिरफ्तारी की गई हैं। इसके पहले, एनआईए ने टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए देशभर में छापेमारी की थी। एनआईए ने लखनऊ के बीकेटी के अचरामऊ से पीएफआई से जुड़े 7 लोगों को हिरासत में लिया है। इटौंजा से भी एक के हिरासत में लेने की सूचना मिली है।
औरंगाबाद से 8, ठाणे से 4 गिरफ्तार
एनआईए ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद, जालना, सोलापुर और परबनी में रेड कर रही है। सोलापुर से एनआईए ने PFI के एक मेंबर को गिरफ्तार किया है। दावा किया गया है कि यह PFI के ऑपरेशन्स में शामिल है। एनआईए इसे दिल्ली ले जा रही है, जहां इससे आगे की पूछताछ की जाएगी। जांच एजेंसी ने मालेगांव से पीएफआई चीफ मौलाना इरफान नदवी और एक्टिविस्ट इकबाल को गिरफ्तार किया है। इधर महाराष्ट्र ATS ने औरंगाबाद से 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, ठाणे क्राइम ब्रांच ने PIF से जुड़े 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो लोगों को मुंब्रा से, एक को कल्याण से और एक आरोपी को भिवंडी से गिरफ्तार किया गया है। चारों ही PFI के एक्टिव मेंबर हैं। पुणे और मुंबई से भी PFI कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियां हुई हैं। पुणे पुलिस ने कोंढवा इलाके से SDPI और PFI से जुड़े 6 लोगों को हिरासत में लिया है।
एमपी के 8 जिलों से PFI के 22 संदिग्ध पकड़े गए
मध्यप्रदेश ATS ने सोमवार 27 सितंबर की रात भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत 8 जिलों में PFI सदस्यों के ठिकानों पर रेड की है। जांच एजेंसी ने 22 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। ATS को इन संदिग्धों की जानकारी पूर्व में पकड़े गए 4 आरोपियों की पूछताछ में मिली थी। ATS की कार्रवाई अभी जारी है। उज्जैन से PFI के तीन सदस्यों को उठाए जाने की खबर है।
असम से PFI से जुड़े 25 लोगों की गिरफ्तारी
असम के 7 जिलों में कार्रवाई के दौरान PFI के 25 कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ़्तार किया गया है। असम पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि कामरूप ग्रामीण से 5, गोलपाड़ा से 10, करीमगंज से 1, उदलगुड़ी से 1, दरंग से 1, धुबरी से 3, बारपेटा से 2 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। जांच एजेंसियों का एक्शन अभी जारी है।
गुजरात में ATS ने 8 लोगों को हिरासत में लिया
NIA और ED ने अहमदाबाद, बनासकांठा और नवसारी के पास से 8 लोगों को हिरासत में लिया है। पकड़े गए आरोपियों को ATS ऑफिस लाया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत में PFI के एक्टिविस्ट पाकिस्तान के PFI संगठन से जुड़े थे। सोशल मीडिया पर निगरानी के बाद गुजरात सहित कई राज्यों के कनेक्शन पता चले थे। NIA इस केस की जांच कर रही थी। इधर गुजरात ATS ने सोशल मीडिया पर देश विरोधी पोस्ट के मामले में सोशल मीडिया ग्रुप्स से जुड़े मामले में कार्रवाई की, जिसके बाद 8 लोगों को हिरासत में लिया गया। ये लोग कुछ सोशल मीडिया ग्रुप्स से जुड़े हुए थे और वहां आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट किया जा रहा था।
क्या मिले दस्तावेज?
पकड़े गए लोगों के पास से मिले दस्तावेज बयां कर रहे थे कि वो हिन्दुस्तान की सत्ता हासिल करना चाहते हैं। इसमें लिखा मिला कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। इस दस्तावेज में ये भी लिखा है कि 10% मुस्लिम भी साथ दें, तो कायरों को घुटनों पर ला देंगे। इसके लिए इनके पास 4 लेयर का पूरा प्लान है। बिहार पुलिस ने 11 जुलाई को बिहार शरीफ में अतहर परवेज को गिरफ्तार किया, तो पता चला कि वह पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का सदस्य रहा है। उसने वहीं किराए के मकान में कई राज्यों से आए लोगों को ट्रेनिंग भी दी है।
खाड़ी देशों और भारत के बड़े मुस्लिम कारोबारियों से मिला चंदा
ED ने दावा किया है कि 'PFI के हजारों सदस्य खाड़ी देशों में एक्टिव हैं, जो संगठन के लिए धन जुटाने का काम करते हैं। इन पैसों को अबू धाबी के एक रेस्तरां से मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए भारत भेजा जाता था। PFI ने मनी लॉड्रिंग के जरिए पिछले साल 120 करोड़ रुपए जुटाए हैं। PFI का दावा था कि ये पैसे देशभर में दान से जुटाए गए हैं, जबकि ED की जांच में पता चला कि संगठन ने फर्जी दान रसीद बनाकर भारत में मनी लॉड्रिंग से धन जुटाया और अधिकारियों को गुमराह किया।'
क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ?
पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं।
इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं। यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।