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कश्मीर : निलंबित DSP दविंदर मामले में गिरफ्तार परिमू ने 2017 से 5 बार पहुंचाये हिजबुल आतंकियों को हथियार
आनंद सिंह
नई दिल्ली। आरोपी तफजिल हुसैन परिमू ने कम से कम पांच मौकों पर जम्मू-कश्मीर के तंगधार से हथियार लाकर हिजबुल ऑपरेटिव को पहुंचाया था। परिमू फिलहाल एनाईए की हिरासत में है। उसे निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
जांच से जुड़े एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए आईएएनएस को बताया, "परिमू कश्मीर के तंगधार क्षेत्र से हथियार और गोला-बारूद लाया करता था और फिर उसे शोपियां जिले के मालदेरा के पूर्व सरपंच तारिक मीर के करीबी सहयोगियों में से एक को सौंप देता था।"
परिमू को हथियार पाकिस्तान के एक हथियार सप्लायर जावेद से मिलते थे, जिन्हें पाकिस्तानी एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है। तंगधार जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का एक सीमावर्ती गांव है और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के बहुत करीब है।
एनआईए के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि परिमू किस से तंगधार में मिला था और किसने उसके ठहरने और पाकिस्तानी हथियारों के सप्लायरों के साथ बैठक की व्यवस्था की थी।
एनआईए द्वारा हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर नवीद बाबू और निलंबित डीएसपी के मामले में 12 अक्टूबर को परिमू को गिरफ्तार करने के चार दिन बाद ये खुलासे सामने आए हैं।
एनआईए ने इस साल 29 अप्रैल को मीर को कश्मीर में हिजबुल के आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति, तस्करी में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था।
निलंबित पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह जम्मू संभाग के हीरानगर में कठुआ जेल में बंद है। उसे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11 जनवरी को दो हिजबुल आतंकवादियों - नवीद बाबू और रफी अहमद राथर और एक लॉ स्कूल ड्रॉपआउट शख्स इरफान शफी मीर को जम्मू ले जाते समय पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
सिंह की गिरफ्तारी के बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा मामले की प्रारंभिक जांच की गई थी, बाद में इसे एनआईए को सौंप दिया गया था। पुलिस ने कहा था कि दोनों आतंकवादियों और वकील ने पाकिस्तान की यात्रा करने की योजना बनाई थी।
एनआईए ने पहले दावा किया था कि इसकी जांच से पता चला है कि आरोपी हिजबुल और पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ हिंसक कृत्य के लिए रची गई एक गहरी साजिश का हिस्सा थे।
एनआईए ने पिछले महीने एक बयान में कहा था, "जांच से पता चला है कि हिजबुल का पाकिस्तान स्थित नेतृत्व, सैयद सलाहुद्दीन, अमीर खान, खुर्शीद आलम, नजर मेहमूद और अन्य, पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में स्थित आतंकी संगठन के कैडर और कमांडरों को समर्थन दे रहे हैं।"